atal bihari vajpayee अटल जी का जीवन परिचय : प्रतिवर्ष भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती 25 दिसंबर को पड़ती है। उनका जन्म मध्यप्रदेश के ग्वालियर में रहने वाले एक स्कूल शिक्षक के परिवार में 25 दिसंबर, 1924 को हुआ था। उनके पिता कृष्णबिहारी वाजपेयी था। जो कि हिन्दी व ब्रज भाषा के सिद्धहस्त कवि भी थे, अत: अटल जी को भी काव्य लिखने की कला अपने पिता से विरासत में ही मिली थी। वे आजीवन अविवाहित रहे।
Highlights
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अटल बिहारी वाजपेयी का राजनीतिक जीवन।
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अटल बिहारी वाजपेयी के प्रेरक प्रसंग
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25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती।
राजनीति में प्रवेश और प्रधानमंत्री पद तक का सफर : वे राजनीति विज्ञान और विधि के छात्र थे और कॉलेज के दिनों में ही उनकी रुचि विदेशी मामलों के प्रति बढ़ी। अटल बिहारी वाजपेयी जी पहली बार अपने छात्र जीवन के दौरान राजनीति में तब आए, जब उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन (वर्ष 1942) में भाग लिया। वर्ष 1951 में भारतीय जन संघ में शामिल होने के बाद उन्होंने पत्रकारिता छोड़ दी। एक उदार चेहरे के रूप में भाजपा में अटल जी की पहचान थी।
आज की भारतीय जनता पार्टी को पहले जन संघ के नाम से जाना जाता था। वाजपेयी जी राजनीति के क्षेत्र में 4 दशकों तक सक्रिय रहे। वह लोकसभा में 9 बार और राज्यसभा में 2 बार चुने गए जो अपने आप में ही एक कीर्तिमान के रूप में दर्ज है। वाजपेयी वर्ष 1980 में गठित भाजपा के संस्थापक अध्यक्ष भी रहे। अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता के लिए वे जाने जाते हैं, 13 अक्टूबर 1999 को उन्होंने लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की नई गठबंधन सरकार के प्रमुख के रूप में भारत के प्रधानमंत्री का पद ग्रहण किया तथा वे 1996 में बहुत कम समय के लिए प्रधानमंत्री बने थे।
उन्होंने इसके अलावा भी अन्य कई जगहों पर जैसे विदेश मंत्री, संसद की विभिन्न महत्वपूर्ण स्थायी समितियों के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता तथा आजादी के बाद भारत की घरेलू और विदेश नीति को आकार देने में एक सक्रिय भूमिका निभाई थीं।
वाजपेयी के नेतृत्व में परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों से बिना किसी डर के भारत ने वर्ष 1998 में राजस्थान के पोखरण में द्वितीय परमाणु परीक्षण भी किया था। इतना ही नहीं इसकी भनक अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए को तक नहीं लग पाई थीं। पंडित जवाहर लाल नेहरू व इंदिरा गांधी के बाद अटल जी ही सबसे लंबे समय तक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री भी बने रहे।
अटल बिहारी वाजपेयी की खूबियां :
* अटल बिहारी वाजपेयी में कई प्रकार कर खूबियां थी। वे अपनी पार्टी का नेता हो या विरोधी पार्टी का, सबको साथ लेकर चलने की खूबी उन्हें दूसरे नेताओं से अलग दर्शाती हैल और यही कारण था कि उन्हें अजातशत्रु भी कहा जाता था।
* वे एक प्रतिष्ठित पत्रकार, बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी, राष्ट्रीय नेता, नि:स्वार्थ सामाजिक कार्यकर्ता, सशक्त वक्ता, प्रखर राजनीतिज्ञ, कवि तथा साहित्यकार भी थे।
* एक पत्रकार के रूप में अटल जी ने अपना करियर शुरू किया था तथा राष्ट्रधर्म, पांचजन्य और वीर अर्जुन का संपादन किया।
* अटल जी को भारत के प्रति निस्वार्थ समर्पण तथा समाज की सेवा के लिए भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण भी दिया गया।
* 1994 में उन्हें भारत का सर्वश्रेष्ठ सांसद चुना गया तथा उन्हें अन्य कई पुरस्कार, सम्मान और उपाधियों से भी नवाजा गया है।
* वर्ष 2015 में उन्हें सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया है।
वाजपेयी का निधन : अटल बिहारी वाजपेयी जी का निधन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 16 अगस्त 2018 को हो गया था, उस समय वे किडनी संक्रमण और कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के चलते बीमार थे। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल जी ही पहले विदेशमंत्री थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी में भाषण देकर भारत को गौरवान्वित कर देश-विदेश में भारत का मान बढ़ाया था।
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