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गुप्तांगों को सुंदर बनाने की ख्वाहिश

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क्या कोई महिला अपने गुप्तांग में फिलर्स को भरवाना पसंद करेगी? ब्रिटेन की शीर्ष कॉस्मेटिक डॉक्टर का कहना है ‍कि जोखिम से भरे इलाज के लिए 'मरीज' डॉक्टरों पर दबाव बना रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि उनके 'मरीज' अपने गुप्तांगों को भी सुंदर और नया बनवाने का अनुरोध कर रहे हैं।
 
लंदन में हार्ले स्ट्रीट की एक डॉक्टर का कहना है कि इस तरह के 'इलाज' में बहुत जोखिम है। बोटोक्स के जरिए चेहरे को सुंदर बनाने वाली कॉस्मेटिक सर्जन डॉ. नीतू निर्दोष फेशियल इन्हेंसमेंट्‍स (चेहरे को सुंदर) बनाने के उपाय करती हैं लेकिन अब उनके पेशेंट्‍स का कहना है कि वे इस तरह का इलाज अपने गुप्तांगों के लिए भी करवाना चाहते हैं।
 
उनका कहना है कि गुप्तांगों के लिए इस तरह के इलाज में नर्व पैरेलिसिस (स्नायु का लकवा होने), रक्तस्राव होने या पूरी तरह से स्पर्श की अनुभूति समाप्त होने का खतरा है। पुरुष भी अपने लिंग की मोटाई बढ़ाने के लिए फिलर्स को भरवाना चाहते हैं। 
 
मेल ऑनलाइन के लिए रूथ स्टाइल्स का कहना है कि एक प्रसिद्ध ब्यूटी डॉक्टर के पास पुरुष और महिलाओं ने उनके गुप्तांगों को सुंदर, युवा दिखने वाला या बड़ा बनाने का अनुरोध किया तो उनका कहना था कि यह जोखिम भरा काम है।
 
हॉर्ले स्ट्रीट की स्किन स्‍पेशलिस्ट डॉक्टर नीतू का कहना है कि पुरुष जहां लिंग में डर्मल फिलर्स भरवाना चाहते हैं वहीं महिलाएं लेबिया (मादा जननांग की मुड़ी हुई त्वचा या भगोष्ठ) को सुंदर बनाने के लिए एनल ब्लीचिंग कराना चाहती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह के इलाज गोपनीय इलाज गैर जरूरी हैं और इनके परिणामस्वरूप न केवल सूजन, नर्व पैरेलिसिस, ब्लीडिंग और अन्य प्रकार की जटिलताएं पैदा होने का खतरा है। 
 
आखिर क्या है इस चाहत की वजह... पढ़ें अगले पेज पर...

डॉ. निर्दोष का कहना है कि अगर सरल भाषा में कहा जाए तो बहुत सारी महिलाएं 'युवा गुप्तांग' चाहती हैं। वे अपनी झुर्रीदार, पिचकी हुई और लटकी हुई योनि को पसंद नहीं करती हैं और इसके लिए वे कॉस्मेटिक डर्मल फिलर्स (त्वचा में भरे जाने वाले सेमीसॉलिड संघटक (कॉम्पो‍जीशन) का उपयोग करवाना चाहती हैं।
 
उनका कहना है कि इस तरह से आप हाथों, चेहरे को सुंदर और युवा बनाया जा सकता है अगर ऐसा गोपनीय अंगों के साथ किया जाता है तो इसमें अतिरिक्त जोखिम होता है क्योंकि इन अंगों के आसपास बहुत बड़ी संख्या में नर्व्स और ब्लड वेसल्स (रक्त वाहिनियां) होती हैं।
 
उनका कहना है कि ऐसे लोग बॉडी डिस्मॉर्फिया की मानसिक बीमारी से पीड़ित भी हो सकते हैं जो कि अपने अंगों की बाहरी सुंदरता को बहुत महत्व देते हैं। जबकि वास्तव में वास्तविक रूप से कोई अंदरूनी समस्या नहीं होती है। वे कहती हैं कि कभी कभी चिकित्सकीय कारणों से लेबियाप्लास्टी सर्जरी (भगोष्ठ को नया आकार देने का ऑपरेशन जरूरी होता है लेकिन इस तरह के ऑपरेशन भी सामान्य हो गए हैं। अब फिलर्स की मांग ज्यादा होने लगी है। लोगों का मानना है कि प्रसिद्ध हस्तियों द्वारा इस तरह की मांग कम होती है, लेकिन अब ज्यादातर महिलाएं युवाओं को डेट करना पसंद करती हैं, इसलिए वे इस तरीके के उपायों का सहारा लेना चाहती हैं।
 
पुरुष भी अपनी पेंट में डेविड बेकहम जैसा उभार देखने के लिए लिंग को फिलर्स से भरना चाहते हैं, लेकिन डॉक्टर नीतू का कहना है कि लिंग को लेकर ऐसा कोई ऑपरेशन शायद ही कभी पूरी तरह से सुरक्षित होता हो। पुरुषों के लिए पेनोप्लास्टी सर्जरी के तहत लिंग का आकार बढ़ाया जाता है और ऐसा करने के लिए एक लीगामेंट को काट दिया जाता है और शरीर के अन्य हिस्सों से लेकर चर्बी को भर दिया जाता है। पर फैट के ये इंजेक्शन्स शरीर के अप्रत्याशित हिस्सों में गांठों को जन्म दे सकते हैं।
 
डॉक्टरों का कहना है कि शरीर के ऐसे हिस्से में फैट का ब्रेकडाउन समान नहीं होता है जिसके परिणाम स्वरूप अंग और भी खराब दिखने लग सकता है।

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