न्यूयॉर्क। किशोर वय के लड़कों का सेक्स को लेकर आक्रामक होना हमारे दिमाग में इतना बस गया है कि हम इसकी ठीक उल्टी स्थिति के बारे में नहीं सोचते हैं। हाल ही में, एक अध्ययन के निष्कर्षों से इस बात की पुष्टि हुई है कि लड़कों को भी युवा महिलाओं, किशोरियां द्वारा सेक्स करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
यह शोध ब्रायना एच. फ्रेंच ने किया था और उनके नए अध्ययन के बारे में अगस्त में ''साइकोलॉजी ऑफ मेन एंड मैसकुलिनिटी'' नामक पत्रिका में छपा था। इसके पढ़ने वालों की संख्या भी बहुत सीमित है क्योंकि यह एक अक्रियात्मक और सैद्धांतिक अध्ययन था।
उनके इस अध्ययन के निष्कर्ष निराशाजनक होने के साथ-साथ घिसे-पिटे भी कहे जा सकते हैं। फ्रेंच और यूनिवर्सिटी ऑफ मिसौरी की उनकी शोधकर्ताओं की टीम ने अपने निष्कर्ष में कहा कि यौन अत्याचार अमेरिका में एक बहुत व्यापक समस्या बनी हुई है।
लड़के, जो अवांछित यौन हमले का शिकार हुए... पढ़ें अगले पेज पर...
इस मामले में मीडिया भी पहल करने से परहेज करता है। रिपोर्ट के लेखकों का कहना है कि 43 फीसद हाई स्कूल के युवा और युवा कॉलेज छात्रों ने माना कि उन्हें अवांछित यौन अनुभव का शिकार होना पड़ा और इनमें से 95 फीसद का कहना था कि ऐसे मामलों में हमलावर जान पहचान वाली युवतियां, महिलाएं थीं।
फ्रेंच का कहना था कि आमतौर पर पुरुषों के यौन अत्याचार को कभी भी अध्ययन का विषय नहीं बनाया जाता है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उनकी रिपोर्ट से अत्याचार पर रोक लगाई जा सकती है।
न्यूयॉर्क टाइम्स के द डेली बीस्ट से बात करते हुए डॉ. बारबरा ग्रीनबर्ग का कहना है कि जब हम सेक्स को लेकर किशोरों के बारे में बात करते हैं तो इस बात को पहले से ही मान बैठते हैं कि समाज के युवा पुरुष सेक्स को लेकर पागल होते हैं लेकिन किशोर युवा और पुरुषों में भी कोमल भावनाएं हो सकती हैं और जब लैंगिकता की बात आती है तो इसे हम पूरी तरह से भुला देते हैं। अमूमन यह नहीं माना जाता है कि महिलाएं या युवतियां यौन आक्रमणकारी हो सकती हैं। कभी कभी युवा किशोरों और पुरुषों को भी जबर्दस्ती सेक्स का शिकार होना पड़ता है।
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फ्रेंच के शोध में कहा गया है कि 18 फीसदी लोगों ने माना कि उनके साथ शारीरिक तौर पर जबर्दस्ती की गई जबकि 31 फीसदी का मानना था कि उन्हें शारीरिक संबंध बनाने के लिए मौखिक रूप से दबाव डाला गया था।
इसके अलावा 26 फीसदी लोगों का कहना था कि उन्हें सेक्सुअल हावभाव से प्रभावित किया गया था। सर्वे में शामिल 95 फीसद उत्तर देने वालों ने माना कि उन पर सेक्स के लिए दवाब डाला गया था और यह उनके लिए ऐसा अनुभव था जिसे वे नहीं चाहते थे।