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गडकरी ने फेंका 'अंत्योदय' का पासा

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इंदौर , गुरुवार, 18 फ़रवरी 2010 (20:32 IST)
कांग्रेस की ‘आम आदमी’ की राजनीति की काट में आज भाजपा के नए अध्यक्ष नितिन गडकरी ने 'अंत्योदय' का पासा फेंकते हुए पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं, निर्वाचित प्रतिनिधियों और संगठनात्मक इकाइयों से अपने-अपने क्षेत्र में कम से कम एक सेवा और विकास परियोजना चलाने का निर्देश दिया।

गडकरी ने यहाँ भाजपा के तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में देशभर से आए पार्टी के पाँच हजार प्रतिनिधियों से कहा कि जनता में पार्टी की पैठ बढ़ाने के लिए सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं को समाज के वंचित वर्गो तक पहुँच बनाने की भरपूर कोशिश करनी होगी।

उन्होंने संत तुकाराम की इन पंक्तियों 'जे का रंजले, त्सायी म्हाणि जो आपुले तोची साधु ओल खाव देव तेथेची जानावा।' यानी वह जो दलितों, उत्पीड़ितों एवं दु:खियों को अपना मानकर अपनाता है, एक सच्चा साधु या पवित्र पुरुष है। ईश्वर उसी पुरुष-महिला के अंदर बसता है।

गडकरी ने कहा कि राजनीति में प्रवेश करने से बहुत पहले से ही वह संत तुकाराम की इन पंक्तियों से अत्याधिक प्रभावित हैं और इसीलिए अपनी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से आग्रह करता हूँ कि वे स्वयं को अंत्योदय के आदर्श के प्रति समर्पित करें।

गडकरी ने कहा कि पार्टी ने हाल ही में अंत्योदय नाम से एक नूतन अभियान शुरू किया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्यकर्ता और निर्वाचित प्रतिनिधि तथा संगठनात्मक इकाइयों द्वारा अपने अपने क्षेत्रों में कम से कम एक सेवा और विकास परियोजना शुरू करने के लिए वह कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के लिए पार्टी के अंदर एक व्यवस्था बनाने जा रहे हैं। इसके तहत ऐसे सेवा और विकास कार्य करने वालों का मार्गदर्शन करने के साथ ही उनके काम का आकलन भी किया जाएगा।

गडकरी ने बताया कि अंत्योदय अभियान की संकल्पना और कार्य प्रणाली की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए एक मोनोग्राफ प्रकाशित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी का सामाजिक आधार और वोट प्रतिशत बढ़ाना है तो पार्टी के हर कार्यकर्ता, निर्वाचित प्रतिनिधि और सभी संगठनात्मक इकाइयों को अंत्योदय के तहत विकास कार्य में लगना होगा।(भाषा)

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