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चालीस हजार करोड़ की मुनाफाखोरी

भाजपा ने लगाए आरोप

हमें फॉलो करें चालीस हजार करोड़ की मुनाफाखोरी
इंदौर , गुरुवार, 18 फ़रवरी 2010 (17:21 IST)
वायदा बाजार में 67 लाख करोड़ से ज्यादा का कारोबार हुआ है। इससे फारवर्ड ट्रेडिंग करनेवालों को 40 हजार करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ। यह बिना मिलीभगत के नहीं हो सकता।

यह बात भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कुशाभाऊ ठाकरे नगर (ओमेक्स सिटी) में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही। उन्होंने कार्यसमिति की बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय परिषद में दो प्रमुख प्रस्ताव रखे जाने हैं, जिनमें से एक महँगाई है। उन्होंने महँगाई को आसमानी नहीं, सुल्तानी संकट बताया। उन्होंने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह मुनाफाखोरी सिर्फ गेहूँ, चावल, तेल और दाल पर हुई है।

हर वस्तु का वायदा हुआ है। उन्होंने हल्दी का उदाहरण देते हुए बताया कि 138 लाख टन हल्दी का वायदा कारोबर हुआ था, जबकि डिलेवरी सिर्फ 8 हजार टन की हुई। इतना ही नहीं पिछले वर्ष शकर के लिए केन्द्र द्वारा यह कहा गया था कि शकर काफी है। इसके बाद 12 रुपए प्रतिकिलो की दर से 48 लाख टन शकर निर्यात कर दी गई। इसके 9 माह बाद 30 रुपए किलो पर आयात करना पड़ा।

श्री जावड़ेकर ने बताया कि 18 फरवरी को राष्ट्रीय परिषद की बैठक में महँगाई के खिलाफ प्रस्ताव रखा जाएगा। इस मुद्दे पर आंदोलन की रूपरेखा भी तय की जाएगी। दूसरा प्रस्ताव भारत-पाक संबंध, बढ़ते आतंकवाद, नक्सलवाद की समस्या पर रहेगा। वोट बैंक की राजनीति के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देने का विरोध होगा।

संविधान संशोधन-श्री जावड़ेकर ने बताया कि भाजपा द्वारा संगठन में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण किया गया था। इसके अलावा वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए पार्टी के संविधान में संशोधन की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। इस पर राष्ट्रीय परिषद में मंजूरी दी जाएगी। इसमें पदाधिकारियों की संख्या बढ़ाने के साथ ही संगठन के चुनाव की प्रक्रिया सरल बनाई जाएगी।

31 मार्च तक नए अध्यक्ष-राष्ट्रीय प्रवक्ता ने बताया कि 19 राज्यों में भाजपा संगठन के चुनाव हो चुके हैं। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, दिल्ली सहित कई राज्यों में चुनाव होने बाकी हैं। इन सभी राज्यों में 31 मार्च तक नए अध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा।

सभी लोग टेंट में-जब श्री जावड़ेकर से यह पूछा गया कि पार्टी द्वारा ठहरने के लिए तंबुओं की व्यवस्था करने के बाद भी कई नेता बाहर होटलों में रुक रहे हैं, तो उन्होंने इससे इंकार किया। जब पूर्व अध्यक्ष राजनाथसिंह सहित कुछ नेताओं के नाम बताए गए तो उन्होंने कहा कि श्री सिंह बीमार हैं।

कोई गुटबाजी नहीं-गुटबाजी से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस की समस्याओं पर चर्चा करने यहाँ नहीं बैठे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी में न तो अनुशासनहीनता है और न ही किसी प्रकार की गुटबाजी। (नईदुनिया)

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