घूस लेने के मामले मे कैमरे पर पकड़े गए भाजपा के पूर्व अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण को पुनर्जीवन देने के प्रयास किए जा रहे है। भाजपा की राष्ट्रीय अधिवेशन की बैठक में आज उन्हें मंच पर स्थान दिया गया था। लक्ष्मण को वापस लाना नितिन गडकरी के दलित एजेंडे का हिस्सा है, ऐसा माना जाता है।
लक्ष्मण भाजपा के पहले दलित अध्यक्ष थे। इसका भरपूर फायदा भाजपा ने प्रचार के रूप में ले लिया, लेकिन घूस के मामले बाद लक्ष्मण राजकीय परिदृश्य से बाहर हो गए थे। उन्हें भाजपा का अध्यक्ष पद भी छोड़ना पड़ा था। दिल्ली की राजनीति में अकेले पड़े लक्ष्मण ने दिल्ली छोड़कर अपने गृहराज्य आंध्रप्रदेश में जाना ठीक समझा। बेंगलुरु में हुए अधिवेशन में भी वह दिखाई नहीं दिए।
लेकिन आज अचानक गडकरी की अध्यक्षता वाले इस अधिवेशन में वह दिखाई दिए। इसके बारे में उनसे बात करने पर उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में आने के बारे में कुछ नहीं बताया। वह हँसकर प्रश्न का उत्तर टाल रहे थे, लेकिन गडकरी ने दलितों को भाजपा से जुडने की पहल की है। माना जाता है कि लक्ष्मण भी उनके इसी दलित एजेंडे का हिस्सा है।
भाजपा को 2014 में सत्ता प्राप्त करने के लिए दस प्रतिशत वोटों का इजाफा होना जरूरी है, इसलिए दलित व पिछड़ी जाति के लोगों से जुड़ने का संकल्प गडकरी ने लिया है। इसी संकल्प के चलते दलित नेताओं को तवज्जो दी जा रही है। लक्ष्मण को आगे लाना इसी रणनीति का हिस्सा है। (वेबदुनिया)