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दोस्ती, प्यार और कुर्बानी

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हमें फॉलो करें प्रीति जिंटा

अनहद

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दोस्ती-यारी की कीमत सबको चुकानी पड़ती है। वो दोस्ती ही क्या जिसमें दोस्त की खातिर नुकसान उठाना, बदनाम होना और पिटना शामिल न हो। अगर दोस्त की खातिर खतरे उठाने का जज्बा न हो तो वो दोस्ती दोस्ती न होकर जान-पहचान होती है। मिसाल के तौर पर नेस वाडिया व मोहित बर्मन की दोस्ती।

खबर आई है कि डाबर घराने के मोहित बर्मन दक्षिण अफ्रीका में पिट गए हैं और उन्हें बचाने के चक्कर में प्रीति जिंटा के दोस्त नेस वाडिया को भी "परसाद" मिला है। मोहित बर्मन ने शराब पी रखी थी और स्टेडियम के बार में वे एक महिला को छेड़ने लगे। महिला भारतीय थी सो मोहित बर्मन को लगा कि इसे छेड़ा जा सकता है। गोरी चमड़ी की महिला को छेड़ने की हिम्मत काले अमीरों में भी नहीं होती।

उसके बाद जैसा कि आपने अखबारों में पढ़ा होगा, वो महिला थी दक्षिण अफ्रीका के मशहूर उद्योगपति अजय गुप्ता की बहू। बहू ने पहले चेतावनी दी। फिर नहीं माने तो अपने बॉडी गार्ड्स को बुलवाकर पिटवा दिया। बाद में पुलिस आई और उसने भी बॉडी गार्ड्स का हाथ बँटाया। नेस वाडिया ने बीच-बचाव करना चाहा तो उन्हें भी "कार्रवाई के दायरे में" आना पड़ा। बाद में दोनों ने लिखित माफी माँगी और गुप्ताजी के घर जाकर माँगी।

नेस अगर पिटे हैं, तो नाहक नहीं। प्रीति जिंटा की टीम किंग्स इलेवन में मोहित बर्मन भी भागीदार हैं। अब डाबर ग्रुप का कोई लेना-देना क्रिकेट से तो है नहीं और समझा जा सकता है कि बर्मन ने पैसा "दोस्त की दोस्ती" पर लगाया है। दक्षिण अफ्रीका में उनकी मौजूदगी का कारण भी दोस्ती-यारी ही है। एक ने यार के कहने पर किसी टीम को साझेदारी में खरीद लिया और दूसरे ने पिटाई में हिस्सा बँटा लिया। दोस्ती-यारी का हिसाब बराबर हो गया।

मोहित बर्मन खुद को दक्षिण अफ्रीका में भी वीआईपी समझ रहे होंगे। सोचते होंगे की हम तो यहाँ टीम के मालिक हैं। जो महिला मैच देखने आई है, वो जरूर कोई छोटी-मोटी हैसियत वाली होगी। भारत में भी शायद वो ऐसा ही करते होंगे, मगर दक्षिण अफ्रीका में उनके मुगालते दूर हो गए।

प्रीति जिंटा को जरूर इससे शर्मिंदगी उठानी पड़ेगी। इस बार नेस वाडिया शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका में नजर नहीं आए। खबर उड़ी कि प्रीति और नेस में अलगाव हो गया है। यह बात भी सामने आई कि प्रीति ने खिलाड़ियों को एसएमएस किया कि इस बार नेस वाडिया हमारे साथ नहीं हैं इसलिए पैसे के मामले में थोड़ा समझौता करना होगा। जब पत्रकारों ने इस खबर की तस्दीक प्रीति से करनी चाही तो उन्होंने कहा कि मैं यहाँ अपने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने आती हूँ उनसे अपनी प्राइवेट लाइफ डिस्कस करने नहीं।

अब खबरें तो उड़ चुकी थीं। इन्हें दबाने के लिए प्रीति ने नेस को बुलाया। अहमद फराज का शेर है-

किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
तू मुझसे खफा है तो जमाने के लिए आ...।

मगर शायद ऐसी बात नहीं है। नेस और प्रीति अब साथ हैं, पर अब पहले वाली गर्मी नहीं है। इसीलिए तो नेस का दोस्त भी वहाँ है। वर्ना दाल-भात में मूसलचंद का क्या काम?

(नईदुनिया)


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