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परेश रावल : एक संपूर्ण कलाकार

(30 मई जन्मदिन पर विशेष)

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परेश रावल भारतीय फिल्मोद्योग के शानदार अभिनेता हैं, जिनमें प्रतिभा कूट-कूटकर भरी हुई है, लेकिन बॉलीवुड की मसाला फिल्मों के मायाजाल में उलझने के कारण उनकी क्षमता का पूरा दोहन नहीं हो सका है।

इंजीनियर बनने की इच्छा रखने वाले परेश रावल बन गए फिल्म अभिनेता और अपने फिल्मी सफर में उन्होंने सरदार, हेराफेरी, फिर हेराफेरी, गरम मसाला, मालामाल वीकली और वेलकम जैसी कई मसाला फिल्मों में जानदार अभिनय किया।

30 मई 1950 को अहमदाबाद में जन्मे परेश रावल के फिल्मी सफर की शुरुआत 1984 में फिल्म ‘होली’ के साथ हुई थी। 90 के दशक में अधिकतर फिल्मों में उन्होंने खलनायक और सहायक अभिनेता की भूमिका अदा की और 2000 के बाद वे अधिकांश फिल्मों में कॉमेडी रोल कर रहे हैं।

फिल्म समीक्षक विनोद भारद्वाज का मानना है कि परेश रावल क्षमतावान और बहुमुखी प्रतिभा संपन्न अभिनेता हैं, लेकिन यह बॉलीवुड का दुर्भाग्य है कि यहाँ उनके लिए बहुत अच्छी भूमिका लिखी नहीं गई, जिससे उनकी अभिनय प्रतिभा सामने आए।

परेश केवल कॉमेडियन नहीं हैं, बल्कि उनके अंदर अकूत अभिनय प्रतिभा है लेकिन अनुपम खेर या नसीरुद्दीन शाह की तरह उन्हें उतने मौके नहीं मिल सके जिनमें उनकी अभिनय क्षमता दिखाई दे। बॉलीवुड में उन जैसे कई अभिनेताओं के लिए उनकी क्षमता के अनुरूप भूमिका नहीं लिखे जाने से दर्शक उन जैसे कलाकारों की अभिनय प्रतिभा से महरूम रह जाते हैं।

भारतीय फिल्मोद्योग में कमल हासन जैसे अभिनेता भी हैं जो अपने लिए चुनौतीभरी भूमिका लिखवाने की क्षमता रखते हैं, जबकि परेश रावल जैसे अभिनेता इस मामले में पीछे रहने के चलते पिछड़ जाते हैं।

परेश रावल का नाम लेते ही लोगों के दिलो दिमाग में हेराफेरी जैसी मसाला फिल्में आती हैं, जबकि फिराक और सरदार जैसी कई बेहतरीन फिल्मों में परेश ने बेहतरीन अभिनय किया है।

समीक्षकों का मानना है कि यह जिम्मेदारी बॉलीवुड के निर्देशकों और निर्माताओं की है कि परेश रावल के लिए चुनौतीपूर्ण भूमिकाएँ लिखें ताकि दर्शक उनकी अभिनय प्रतिभा से रूबरू हो सकें। उन्होंने सहायक अभिनेता खलनायक और कॉमेडियन की भूमिका बखूबी निभाई है।

परेश रावल को 1994 में वो छोकरी और सर के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार मिला था। उन्हें 1993 में सर में सर्वश्रेष्ठ खलनायक, 2001 एवं 2003 में सर्वश्रेष्ठ कॉमेडियन के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा गया। फिल्म हेराफेरी के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ कॉमेडियन का पुरस्कार मिला था।

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