Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

ब्लॉग के दीवाने मनोज बाजपेयी

हमें फॉलो करें ब्लॉग के दीवाने मनोज बाजपेयी
PR
अभिनेता मनोज बाजपेयी केवल ब्लॉग लिखते ही नहीं, बल्कि समय मिलने पर दूसरों के ब्लॉग पढ़ते भी हैं। मनोज ने अपने ब्लॉग में लिखा है, ‘‘मैं सभी ब्लॉग नहीं पढ़ पाता हूँ, लेकिन जब भी मौका मिलता है, मैं खास और आम सभी के ब्लॉग देखने की कोशिश करता हूँ। मुझे अच्छा लगता है कि लोग ब्लॉग पढ़ते हैं और अपनी राय व्यक्त करते हैं।’’

उन्होंने लिखा है, ‘‘प्रतिक्रियाओं को देखते हुए एक बात अच्छी लगती है कि पाठक बहस को आगे बढ़ाते हैं और किसी समस्या के हल की कोशिश में आगे आते दिखते हैं।’’

मनोज ने पिछले दिनों मुंबई में खुली जगह के अभाव पर ब्लॉग लिखा था। इस पर पाठकों ने प्रतिक्रिया जताई जिसके लिए उन्हें धन्यवाद देते हुए मनोज ने लिखा है ‘‘मैं सिविल इंजीनियरिंग के मामले में बिल्कुल नादान हूँ, इसलिए इस समस्या का सटीक हल मेरे पास नहीं है। लेकिन अगर विशेषज्ञ लोग इस गंभीर समस्या के बारे में सोचें तो कोई हल जरूर निकल सकता है।’’

हिन्दी फिल्मों में प्रयोगधर्मी अभिनेता के तौर पर चर्चित मनोज ने ब्लॉग में बढ़ते क्षेत्रवाद पर भी टिप्पणी की है। इसे एक गंभीर विषय बताते हुए उन्होंने लिखा है कि इसकी जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है। राजनीतिज्ञ अपने वोट बैंक को सुरक्षित रखने के लिए ऐसी बातों को हवा दे रहे हैं।

बिहार के पश्चिमी चंपारन के बेलवा गाँव में जन्मे मनोज लिखा है ‘‘अगर कोई कानून हाथ में ले तो उसे कानून सजा दे। लेकिन हम और आप एक दूसरे से झगड़ा कर, उसका निदान नहीं निकाल सकते।’’

अपने एक तमिल मित्र की तेलुगु फिल्म की शूटिंग के लिए हैदराबाद गए मनोज ने वहाँ के एक रेस्तरां में केले के पत्ते पर परोसे गए भोजन की तारीफ करते हुए ब्लॉग में लिखा है ‘‘यहाँ का खाना बहुत अच्छा है। दो साल पहले मैंने सिगरेट छोड़ी, उसके बाद अलग अलग तरह का खाना खोजने और खाने में मुझे बेहद मजा आता है। मैं मानता हूँ कि भोजन भी एक क्षेत्र की संस्कृति का हिस्सा है। भोजन न केवल संस्कृति की बात कहता है बल्कि खुद में इतिहास भी समेटे रहता है।’’

माइकल जैक्सन को श्रद्धांजलि देते हुए मनोज ने लिखा है ‘‘मैने उनसे बड़ा सितारा इस उम्र में न तो देखा और न सुना। एक ऐसा सितारा, जो मेरे गाँव से लेकर अमेरिका की गली-गली में जाना पहचाना गया। विवादों में घिरी जिंदगी, परिवार से दूर जिंदगी, अकेलेपन से घिरी जिंदगी, प्यार की खोज में भटकती जिंदगी और बहुत सारी सफलताओं से भरी जिंदगी अचानक ही अकेलेपन में खो गई।’’

उन्होंने लिखा है ‘‘माइकल जैक्सन के जाने के बाद लोगों को अहसास हुआ कि उन्होंने कितनी बड़ी प्रतिभा को खो दिया है। ऐसा मशहूर सितारा शायद आने वाले कई वर्षों तक हमें देखने और सुनने को नहीं मिलेगा।’’

(भाषा)


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi