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यारों जाओ... हीरोइन ढूंढ के लाओ...

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समय ताम्रकर

दीपिका पादुकोण और प्रियंका चोपड़ा की गिनती हिंदी फिल्मों की उन हीरोइनों में होती है जो टॉप हीरोइन के ब्रेकेट में हैं। इन हीरोइनों का दिल आजकल बॉलीवुड के बजाय हॉलीवुड में लग रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‍चर्चित होने की ख्वाहिश साकार हो गई तो भला बॉलीवुड में कौन काम करना चाहेगा। अचानक टॉप की दो हीरोइनों के यूं चले जाने से एक खाली स्थान पैदा हो गया है जिसे भर पाना बॉलीवुड निर्माता-निर्देशकों के लिए मुश्किल हो रहा है। 
प्रियंका और दीपिका की ये खासियत है कि एक ओर जहां वे आमिर-सलमान-शाहरुख जैसे सीनियर एक्टर के साथ स्क्रीन शेयर कर लेती हैं तो दूसरी ओर कम उम्र के हीरो के साथ भी उनकी जोड़ अच्छी लगती है। इनके बॉलीवुड पर कम ध्यान देने से कम उमर के नौजवान हीरो की सेहत पर खास असर नहीं हुआ है। आलिया भट्ट, श्रद्धा कपूर जैसी हीरोइनों के विकल्प उनके सामने हैं, लेकिन अधिक उम्र के हीरो के आगे मुसीबत खड़ी हो गई है। ये इन हीरोइनों के साथ फिल्म करने में झिझकते हैं क्योंकि उम्र का फासला साफ नजर आता है। 
 
दो उदाहरणों से बात और स्पष्ट हो जाती है। 'सुल्तान' में सलमान के लिए हीरोइन ढूंढने में खासी परेशानी हुई। आखिरकार यशराज फिल्म्स ने अपनी घरेलू नायिका अनुष्का शर्मा को किसी तरह सलमान के साथ फिट किया। करीना और कैटरीना के साथ सलमान कितनी फिल्म करेंगे?
 
'बादशाहो' में अजय देवगन की हीरोइन ढूंढने के लिए खासी मशक्कत हुई। ऐश्वर्या राय को भी मनाने की कोशिश की गई ताकि अजय की जोड़ी उनके साथ जमे। आखिरकार उन हीरोइनों को लिया गया जिनकी स्टार वैल्यू कम है। इन सीनियर हीरो के लिए करीना और कैटरीना ही उपलब्ध हैं। अब तो करीना भी मां बनने वाली हैं मतलब तीन-चार वर्षों के लिए वे गायब हो जाएंगी। कैटरीना का दिल फिल्मों में कम लगता है। सोनाक्षी सिन्हा की जोड़ी अजय और अक्षय के साथ बनाई जाती है। 
 
अक्षय कुमार की यदि पिछली फिल्मों पर नजर डाली जाए तो उन्हें ढंग की हीरोइनें ही नहीं मिल रही हैं। बेबी, स्पेशल 26, एंटरटेनमेंट, सिंह इज, ब्लिंग जैसी फिल्मों में कामचलाऊ हीरोइनों के जरिये उन्हें काम चलाना पड़ा। सीनियर हीरो को हीरोइन की कमी से जूझना पड़ रहा है।
 
नई पौध में श्रद्धा कपूर और आलिया भट्ट ही अपना स्थान अब तक बना पाई हैं। ये वरूण, अर्जुन, सिद्धार्थ जैसे हीरो के साथ फिल्मों में व्यस्त हैं। जैकलीन फर्नांडिस की गाड़ी इसीलिए चल रही है क्योंकि हीरोइनों की कमी है। नई हीरोइन कृति सेनन को भी इसका फायदा मिल रहा है। 
 
कंगना रनौट अलग तरह का सिनेमा करना पसंद करती है। वैसे भी उनके साथ बड़े सितारे काम करना पसंद नहीं करते। परिणीति चोपड़ा, बिपाशा बसु जैसी हीरोइनों की चमक फीकी पड़ती जा रही है। अनुष्का शर्मा की भी सीमाएं हैं। बॉलीवुड को इस समय हीरोइनों की सख्त जरूरत है। 

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