Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

फरहान अख्तर : हीरो बनने के चक्कर में निर्देशक को भूले

हमें फॉलो करें फरहान अख्तर : हीरो बनने के चक्कर में निर्देशक को भूले

समय ताम्रकर

फरहान अख्तर अच्छे अभिनेता हैं या निर्देशक? थोड़ा सोचेंगे तो जवाब मिलेगा निर्देशक। दिल चाहता है, लक्ष्य, डॉन और डॉन 2 जैसी उन्होंने बेहतरीन फिल्में बनाई हैं, लेकिन इन दिनों उन पर अभिनय का भूत सवार है। 
 
अभिनेता के रूप में 'भाग मिल्खा भाग' (2013)उनकी आखिरी उल्लेखनीय फिल्म थी। इसके बाद शादी के साइड इफेक्ट्स (2014), दिल धड़कने दो (2015), वज़ीर (2016), रॉक ऑन 2 (2016) और लखनऊ सेंट्रल (2017) उन्होंने की और ये सभी असफल रहीं। इन फिल्मों में फरहान की भूमिका और अभिनय भी औसत के आसपास रहा। 
 
उनके अभिनय से शिकायत नहीं भी है, तो भी फिल्म इंडस्ट्री को एक अच्छे निर्देशक का लंबे समय से फिल्म न बनाने के कारण नुकसान हो रहा है। छ: वर्ष पूर्व उन्होंने डॉन 2 बनाई थी और उसके बाद कोई फिल्म उन्होंने निर्देशित नहीं की है। फिलहाल कोई योजना भी नहीं है। 
 
फरहान ने अपनी पहली फिल्म 'दिल चाहता है' निर्देशित कर सभी को चौंका दिया था। इस फिल्म के बाद बॉलीवुड में काफी बदलाव देखने को मिले। लक्ष्य भी फरहान द्वारा निर्देशित बेहतरीन फिल्में थी। बाद में उन्होंने डॉन सीरिज की दो फिल्में बनाईं। 
 
अचानक उनका झुकाव गायन और अभिनय की ओर हो गया और वे इसी में खो गए। अपने अंदर के निर्देशक को भूला बैठे। अच्‍छा होता कि वे निर्देशक के रूप में भी कुछ फिल्में बनाते रहते क्योंकि बतौर निर्देशक फरहान से बहुत उम्मीद हैं। 
 
कई बार ऐसा पहले भी हुआ है जब अभिनेता को निर्देशक और निर्देशक को अभिनेता बनने का फितूर सवार हो जाता है। देवआनंद और उनके भाई विजय आनंद इसी का शिकार हुए थे। इस वजह से न केवल दोनों को बल्कि फिल्म उद्योग को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा था। 
 
फरहान की जरूरत निर्देशक के रूप में ज्यादा है बजाय गायक और अभिनेता के। उनका मूल काम निर्देशन है और गायन-अभिनय का शौक इस पर भारी पड़ रहा है। उम्मीद है कि वे जल्दी ही कैमरे के पीछे नजर आएंगे। 
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सलमान खान की 'राखी सिस्टर' श्वेता रोहिरा से बातचीत