अक्षय कुमार की फिल्म 'सेल्फी' बुरी तरह फ्लॉप हुई। याद नहीं आता कि इससे पहले इतनी बुरी असफलता अक्षय ने कब देखी थी। फिल्म ने पहले वीकेंड में महज 10.30 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया जिसे देख सिनेमाघर मालिकों और डिस्ट्रीब्यूटर्स का सिर चकरा गया होगा। अक्षय जैसे सितारे, करण जौहर जैसे प्रोड्यूसर और राज मेहता जैसे डायरेक्टर होने के बावजूद फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छी ओपनिंग भी नहीं ले सकी। ठीक है, फिल्म का चलना उसकी क्वालिटी पर निर्भर करता है, लेकिन यदि फिल्म में कोई बड़ा स्टार हो तो फिल्म को शानदार ओपनिंग दिलाना उसका काम होता है। सेल्फी की ओपनिंग ने अक्षय के स्टारडम को कटघरे में खड़ा कर दिया है। आखिर यह फिल्म क्यों नहीं चली? क्यों पसंद नहीं की गई? पेश है 5 कारण...
कारण नंबर 1 : ट्रेलर ही फ्लॉप
फिल्म का ट्रेलर ही फ्लॉप हो गया था। आज के दर्शक बहुत होशियार हैं। ट्रेलर देख अंदाजा लगा लेते हैं कि फिल्म कैसी होगी। चूंकि ट्रेलर में ऐसी कोई बात नहीं थी कि दर्शक पहले दिन के ही टिकट खरीद लें इसलिए उन्होंने रिपोर्ट आने का इंतजार किया। रिपोर्ट निगेटिव आते ही फिल्म से दूरी बना ली।
कारण नंबर 2 : अक्षय कुमार की घटती लोकप्रियता
अक्षय कुमार की बच्चन पांडे, रामसेतु, रक्षा बंधन, सम्राट पृथ्वीराज जैसी पिछली फिल्में बॉक्स ऑफिस पर असफल रही हैं। इन फिल्मों में क्वालिटी नहीं थी। अक्षय ने कुछ अलग करने की कोशिश जरूर की, लेकिन इन फिल्मों में जल्दबाजी नजर आती है जिसका असर पूरी फिल्म पर पड़ा। अक्षय की इन फिल्मों से दर्शक बेहद निराश हुए और उनकी लोकप्रियता नीचे आ गई। अब दर्शकों को अक्षय पर इतना विश्वास नहीं है कि वे बिना रिपोर्ट लिए उनकी फिल्म देखने चले जाएं।
कारण नंबर 3 : सब कुछ लगता है फेक
सेल्फी फिल्म की कहानी रियल लाइफ की है, लेकिन सब कुछ बेहद फेक लगता है। जिस तरह से स्क्रीनप्ले लिखा गया है और ड्रामा पेश किया गया है वो दर्शकों से कहीं भी कनेक्ट नहीं होता। कलाकारों के मेकअप, लुक से लेकर सीन तक नकली लगते हैं। विश्वसनीय नहीं लगते हैं। तो भला कहानी पर विश्वास कैसे हो?
कारण नंबर 4 : स्क्रीनप्ले में कमियां
फिल्म के स्क्रीनप्ले में कई कमियां हैं। जिस तरह से एक आम आरटीओ ऑफिसर सुपरस्टार को सताता है वो बात इसलिए नहीं जमती क्योंकि वह अपने सीनियर्स की भी नहीं सुनता। परीक्षा लेने का जो प्रसंग है उसका सीधा प्रसारण करना, फैंस का लड़ना, बहुत ही बचकाना है। ये दृश्य मनोरंजन के लिए रखे गए हैं, लेकिन इनसे मनोरंजन तो बिलकुल नहीं होता।
कारण नंबर 5 : राज मेहता का फीका निर्देशन
हिट मलयालम फिल्म ड्राइविंग लाइसेंस का सेल्फी हिंदी रीमेक है। सेल्फी के निर्देशक राज मेहता कन्फ्यूज नजर आएं कि फिल्म को वैसा का वैसा ही बनाएं या अपनी तरफ से भी कुछ जोड़े/ घटाएं। लिहाजा न फिल्म उधर की रही और न इधर की। राज मेहता के निर्देशन में पकड़ नजर नहीं आई और इस वजह से फिल्म पूरी तरह बिखरी हुई लगती है।