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आमिर खान बॉलीवुड के अन्य हीरो से क्यों हैं अलग

हमें फॉलो करें आमिर खान बॉलीवुड के अन्य हीरो से क्यों हैं अलग
, मंगलवार, 14 मार्च 2023 (11:37 IST)
बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान 14 मार्च को अपना जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं। अभिनेता ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक फिल्में की हैं। पेश है उनके बारे में कुछ रोचक बातें...
 
1) आमिर खान का जन्म 14 मार्च 1965 को आमिर का जन्म हुआ। पिता ताहिर हुसैन ने बेटे के जन्म से पहले उसका नाम आमिर सोच लिया था। आमिर का मतलब होता है - हमेशा अगुआई करने वाला। झंडा लेकर चलने वाला।
 
2) बचपन में आमिर संकोची और शर्मीले स्वभाव के रहे हैं। अड़ोस-पड़ोस के बच्चों से ज्यादा घुलते-मिलते नहीं थे। मगर फैसल (भाई) और निखत-फरहत (बहनों) से चटर-पटर करने में थकते नहीं थे।
 
3) बचपन में आमिर को कॉमिक्स पढ़ने का बहुत शौक था। जेब खर्च के लिए बीस रुपए महीने मिलते थे। सब कॉमिक्स वाले को चले जाते। अपने कमरे में बिस्तर पर लेटकर सैंडविच खाते हुए कॉमिक्स पढ़ने में उन्हें खूब मजा आता।
 
4) आमिर के दोस्तों में लड़के कम और लड़कियां ज्यादा थीं। इसका एक कारण यह भी था कि उन्हें घर के पास गर्ल्स स्कूल में पढ़ने के लिए भर्ती कर दिया गया था। इस स्कूल में कक्षा पांचवीं तक लड़के पढ़ सकते थे।
 
5) आमिर खान 12वीं तक की पढ़ाई करने के बाद पु‍णे फिल्म इंस्टीट्यूट से प्रशिक्षण लेना चाहते थे, लेकिन पिता ताहिर हुसैन ने कहा कि जब फिल्म कंपनी घर की ही है तो पुणे जाने की क्या जरूरत है।
 
6) गर्ल्स स्कूल में पढ़ने के कारण आमिर की लड़कियों में दिलचस्पी ज्यादा रही है। उन्हें ऐसी लड़की पसंद थी जिसमें 'सेंस ऑफ ह्यूमर' हो। आमिर की बिल्डिंग के पास रहने वाली रीना अकसर खेलते हुए आमिर को नजदीक से देखा करती और बतियाती थी। कभी-कभी आमिर उसे अपने घर ले जाते। माँ, चाची, बहन से मिलवाते।
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7) रीना सबको 'सोणी-कूड़ी' लगती रही। आमिर की एक्स्ट्रा-अटेंशन इतनी दूर तक चली जाएगी, किसी को अंदेशा नहीं था। आमिर की रीना से शादी में एक घटना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
 
8) एक दिन रीना एक काकरोच के साथ प्रयोग कर रही थी। आमिर ने पूछा- 'क्या खा रही हो? रीना ने जवाब दिया- एक्लेयर। तुम्हें चाहिए? आमिर ने हाँ में सिर हिलाया, तो रीना ने उनकी हथेली पर काकरोच रख दिया। यहीं से आमिर अपना दिल खो बैठे और उसे रीना की हथेली पर रख दिया।
 
9) फिल्म कयामत से कयामत तक के निर्माण के दौरान आमिर और रीना ने अप्रैल 1986 में गुपचुप रजिस्टर्ड शादी कर ली। आमिर की सबसे छोटी बहन फरहत का विवाह रीना के भाई राजीव दत्ता से हुआ है।
 
10) आमिर ‍अपनी मर्जी के मालिक रहे हैं। अपनी शादी भी उन्होंने अपनी मर्जी से की। अपने माता-पिता, भाई-बहन, रीना के माता-पिता, भाई-बहन को कानोकान खबर नहीं होने दी। 14 मार्च 1986 को इक्कीस साल के युवक हुए और अगले महीने अप्रैल में उन्होंने शादी की।
 
11) इस शादी की हलकी-सी भनक रीना की बहन अंजू को हो गई थी। उसने अपने पिता को बता देने की धमकी भी दी थी। रीना के पिता एयरइंडिया मुंबई में मैनेजर थे। किसी काम से वे कोलकाता गए हुए थे, इसलिए राज खुलने में समय लगा।
 
12) आमिर-रीना दत्ता की जब शादी हुई, तब रीना स्टूडेंट थीं। वे बाकायदा अपने घर में रहते हुए स्कूल जाती रहीं। आमिर अपनी फिल्म कयामत से कयामत तक की शूटिंग करते रहे। ऐसे जैसे कुछ हुआ ही नहीं।
 
13) शादी के सत्रह वर्ष बाद जब आमिर और रीना ने अलग होने का फैसला किया तो सभी चौंक गए। आमिर-रीना को उनके दोस्तों ने समझाया। दोनों ने साथ रहने की कोशिश की, लेकिन परिणाम सकारात्मक नहीं निकला। आखिरकार यह शादी टूट गई। आमिर और रीना दोनों को सदमा लगा और इससे उन्हें उबरने में काफी समय लगा।
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14) किरण और आमिर की मुलाकात आशुतोष गोवारीकर की फिल्म ‘लगान’ के सेट पर हुई थी। दोनों की दोस्ती जल्दी ही प्यार में बदल गई और दिसंबर 2005 में दोनों ने विवाह कर लिया। हालांकि अब आमिर और किरण राव भी तलाक ले चुके हैं।
 
15) रीना से आमिर को एक बेटा जुनैद और एक बेटी ईरा है। वहीं किरण राव से आमिर खान का बेटा है, जिसका नाम आजाद राव खान है। 
 
16) कयामत से कयामत तक के पहले आमिर ने ‘यादों की बारात’ में बतौर बाल कलाकार के रूप में काम किया था। केतन मेहता की फिल्म ‘होली’ में भी किट्टू गिडवानी के बेचैन बॉयफ्रेंड का रोल उन्होंने किया था।
 
17) कयामत से कयामत तक की कामयाबी के बाद उन्हें जो ऑफर मिला वो उन्होंने स्वीकार लिया और फ्लॉप फिल्मों का ढेर लग गया।
 
18) कयामत से कयामत तक फिल्म ने आमिर को अमीर बना दिया। उन्होंने अपनी पहली मोटरकार मारूति 800 खरीदी। वे जिस बिल्डिंग में अपने माता-पिता के साथ रहते थे, उसी बिल्डिंग में स्वयं का फ्लैट भी खरीद लिया।
 
19) आमिर का कहना है कि वे अभिनेता के रूप में अपना काम पूरे परफेक्शन और जवाबदारी के साथ करते हैं, लेकिन निजी जिंदगी में वे बेहद आलसी हैं और आज का काम कल पर छोड़ देते हैं।
 
20) आमिर काम करते समय घड़ी नहीं देखते। जब तक काम पूरा नहीं होता वे चैन से नहीं बैठते।
 
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21) निर्माता परिवार से जुड़े होने की वजह से आमिर की हमेशा यह कोशिश रहती है कि जो भी फिल्म मिले उससे निर्माता को जरुर फायदा होना चाहिए। इसी वजह से वे कला फिल्मों को पसंद नहीं करते।
 
22) दिलीप कुमार, शम्मी कपूर, अमिताभ बच्चन, नसीरुद्दीन शाह के साथ-साथ गोविंदा भी आमिर के पसंदीदा अभिनेता हैं।
 
23) आमिर का मानना है कि सफलता पाने के लिए स्वयं के नियम बनाइए और उन पर सख्ती से कायम रहिए।
 
24) मुंबइया फिल्मी दुनिया की अनुशासनहीनता और बेतरतीब कार्यप्रणाली के आमिर खान शुरू से विरोधी रहे हैं।
 
25) कुछ असफल फिल्मों के बाद आमिर ने दिलीप कुमार स्टाइल में एक या दो फिल्मों में काम करने का संकल्प लिया है और अब तक वे उसका पालन कर रहे हैं।
 
26) आमिर हर काम बहुत सोच-समझकर करते हैं और किसी फिल्म के लिए उनके मुंह से हां निकलवाना बहुत कठिन काम माना जाता है।
 
27) शाहरुख खान के साथ आमिर फिल्म करना चाहते हैं, लेकिन दोनों सुपरस्टार्स के अहं के चलते यह संभव नहीं लगता।
 
28) आमिर खान और सनी देओल की तीन बार फिल्में एक साथ प्रदर्शित हुई हैं। घायल और दिल, घातक और राजा हिन्दुस्तानी, गदर और लगान। तीनों बार दोनों की फिल्में कामयाब हुई हैं।
 
29) अपने 'पावर हाउस परफार्मेंस' से आमिर खान हर फिल्म में दर्शकों को लुभाते रहे हैं। उनकी संवेदनशीलता उनका ऐसा निजी गुण है, जिससे आमिर ने अपने समकालीन नायकों को तेजी से पीछे छोड़ दिया। कम फिल्मों में काम करना और बेहतर किरदारों का सावधानी से चयन उनकी विशेषता रही है। अपने बोंसाई कद के बावजूद उनके द्वारा निभाए गए किरदार 'लार्जर देन लाइफ' साबित हुए हैं, इसीलिए आमिर को 'परफेक्शनिस्ट एक्टर' माना जाता है।
 
30) आमिर खान की सबसे बड़ी क्षमता है अपने चरित्र को जीवंत बना देना। यही वजह रही है कि फ्लॉप या नए डायरेक्टर आमिर की उपस्थि‍ति से सुपरहिट की श्रेणी में आ गए। रामगोपाल वर्मा (रंगीला), धर्मेश दर्शन (राजा हिन्दुस्तानी), विक्रम भट्ट (गुलाम), आशुतोष गोवारीकर (लगान), जॉन मैथ्यू मथान (सरफरोश), फरहान अख्तर (दिल चाहता है) के नाम गिनाए जा सकते हैं।
 
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31) फिल्म लगान आमिर खान की ऐसी ऑल टाइम ग्रेट मास्टर पीस पीरियड फिल्म है, जो देश से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मंच पर सराही एवं पसंद की गई। ऑस्कर के लिए नामांकन एक उपलब्धि है।
 
32) ‘तारे जमीं पर’ निर्देशक के रूप में उनकी पहली फिल्म है। अमोल गुप्ते का काम आमिर को जब पसंद नहीं आया तो उन्होंने निर्देशन की कमान अपने हाथों में ली। इस फिल्म के जरिए आमिर ने बताया कि बच्चों पर उनके माता-पिताओं को अपने सपनों को नहीं थोपना चाहिए।
 
33) आमिर को एल्फ्रेड हिचकॉक की फिल्में बहुत पसंद हैं।
 
34) निर्माता के रूप में आमिर ने लगान (2001), तारे जमीं पर (2007), जाने तू या जाने ना (2008), पीपली लाइव (2010), धोबी घाट (2011) और देल्ही बैली (2011) बनाई हैं और ये सभी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल रहीं।
 
35) लगान फिल्म का प्रस्ताव लेकर आमिर के पास जब निर्देशक आशुतोष गोवारीकर गए थे तो आमिर ने उन्हें ना कह दिया था, लेकिन बाद में वे फिल्म करने के लिए राजी हो गए।
 
36) एक बार सेट पर कंचे खेलते समय आमिर को यूनिट के सदस्यों ने हरा दिया। कुछ दिनों बाद घर पर अभ्यास करने के बाद आमिर ने सेट पर फिर कंचे खेले और सभी को हरा दिया।
 
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37) शतरंज खेलना भी आमिर को पसंद है और सेट पर वक्त मिलने पर वे अक्सर हीरोइनों के साथ यह दिमाग वाला खेल खेलते हैं।
 
38) आमिर ने डर फिल्म में काम करने से इसलिए इंकार कर दिया था क्योंकि वे चाहते थे कि फिल्म के निर्देशक यश चोपड़ा उन्हें तथा फिल्म के दूसरे हीरो सनी देओल को एक साथ कहानी सुनाएं। यश चोपड़ा ने ऐसा नहीं किया तो उन्होंने फिल्म में काम करने से इनकार कर दिया। 
 
39) आमिर की ऊंचाई 5 फीट 6 इंच है। बॉलीवुड की कई ऊंची नायिकाओं के कारण वे इसी वजह से काम नहीं कर पाएं।
 
40) आमिर खान बॉलीवुड के उन चुनिंदा नायकों में से हैं जिनके साथ बॉलीवुड की हर हीरोइन अपने करियर में एक बार काम करना चाहती हैं।
 
41) मोबाइल युग में भी आमिर ने लंबे समय तक पेजर का उपयोग किया। आमिर का सोचना है कि मोबाइल के जरिये काम में व्यवधान पड़ता है। शूटिंग के दौरान वे मोबाइल का उपयोग नहीं करते हैं।
 
42) फिल्म का प्रचार आमिर बड़े ही अलग तरीके से करते हैं। गजनी की रिलीज के कुछ हफ्तों पहले कई सिनेमाघर के कर्मचारियों ने गजनी स्टाइल में हेअर कट करवाया था। थ्री इडियट्स के दौरान आमिर ने भेष बदलकर कई शहरों में प्रचार किया।
 
43) फिटनेस के लिए आमिर बैडमिंटन खेलना पसंद करते हैं और ‍अपने कैरेक्टर के मुताबिक शरीर को ढालना पसंद करते हैं।
 
44) राजनीतिक मुद्दों/आंदोलन में आमिर हिस्सा लेते रहते हैं जो इस बात को इंगित करता है कि देश के प्रति वे संवेदनशील हैं। इस वजह से कई बार उन्हें राजनीतिक पार्टियों और नेताओं की आलोचनाओं का शिकार भी होना पड़ा है।
 
45) आमिर खान के लिए तमाम पापुलर अवॉर्ड्स पाना 'बेकार' लगता है। आमिर कहते हैं- ये सब बेकार हैं। ऑस्कर जीतने की ख्वाहिश उनके मन में है, जिसके करीब वे एक-दो बार पहुंच चुके हैं।
 
46) आमिर का नाम यदि किसी फिल्म से जुड़ा है तो दर्शक आशा करते हैं कि फिल्म अच्छी होगी। आमिर इसे बहुत बड़ा काम्प्लीमेंट मानते हैं।
 

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