Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

क्या कमाल खान 'केआरके' से डरती है फिल्म इंडस्ट्री?

हमें फॉलो करें क्या कमाल खान 'केआरके' से डरती है फिल्म इंडस्ट्री?

समय ताम्रकर

कमाल आर खान उर्फ केआरके चर्चा में बने रहने की जो ऑक्सीजन चाहते हैं वो भरपूर मात्रा में उन्हें मिल गई। अजय देवगन ने अपने बिजनेस पार्टनर कुमार मंगत और केआरके के बीच टेलीफोन पर हुई चर्चा को रिकॉर्ड कर आम लोगों के लिए जारी कर दिया इसका सबसे ज्यादा फायदा केआरके को ही हुआ है। 
 
कमाल आर खान दूसरों का प्रकाश लेकर जिंदा रहते हैं। उनमें इतनी काबिलियत नहीं है कि वे कुछ ऐसा करें कि उन्हें चर्चा मिले इसलिए दूसरों के बारे में अनाप-शनाप बोलना, गालियां बकना उनकी आदत में शुमार हो गया है और इस वजह से मीडिया में वे छाए रहते हैं। 
 
गालियां बकना हो तो फिल्म सेलिब्रिटीज़ से बढ़िया कोई टारगेट नहीं है। वे लोकप्रिय रहते हैं और आप उन्हें कुछ भी बोलकर बदनाम हो जाते हैं। बदनाम हुए तो क्या हुआ नाम तो हुआ, यही कमाल का सिद्धांत है। ऐसा नहीं है कि बॉलीवुड सेलिब्रिटीज़ ने उनसे लड़ने की कोशिश नहीं की। ऋषि कपूर नाराज हुए। सनी लियोन और विक्रम भट्ट तो अदालत भी गए, लेकिन उन्हें कानून की ऐसी कोई मदद नहीं मिली जिससे वे केआरके का कुछ बिगाड़ सके। लिहाजा मामले को खत्म करना ही उन्होंने उचित समझा। इसी बात का फायदा केआरके उठाते हैं। उनके ट्वीट्स में घमंड झलकता है। वे अपनी खूबसूरती (?) पर मोहित हैं। 40 पार हैं, लेकिन अभी भी अपने आपको 'लौंडा' मानते हैं। पैसों पर उन्हें नाज है। बताते फिरते हैं कि फ्रांस का पानी पीता हूं और हॉलैंड का दूध। झूठ पर झूठ बोलते हैं। एक बार उन्होंने ट्वीट किया कि यदि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन गए तो भारत छोड़ कर चला जाऊंगा। 15 दिन बाद ही लौट आए यह कह कर कि भाजपा नेताओं ने उन्हें बुला लिया।
फिल्मों में अपनी खुजली मिटाने के लिए 'देशद्रोही' नामक फिल्म भी उन्होंने बना ली और कितने उच्च कोटि के वे अभिनेता हैं ये फिल्म देख कर पता चल जाता है। दोबारा फिल्म बनाने का साहस नहीं हुआ। पैसों के बल पर उन्होंने कुछ फिल्म वालों से दोस्ती गांठ ली। पार्टियों में जाकर सितारों के साथ फोटो खींचा लिए जिसका जब-तब प्रदर्शन वे करते रहते हैं। चूंकि फिल्म इंडस्ट्री के लोगों से मिलना और उनके कार्य के बारे में जानना अत्यंत कठिन रहता है इसलिए लोगों को लगा कि कमाल के फिल्म वालों से तगड़े संबंध है। इसका फायदा उठाते हुए कमाल फिल्म क्रिटिक बन गए। 
 
फिल्म क्रिटिक बनने के लिए कोई योग्यता जरूरी नहीं है और कोई भी यह काम कर सकता है, लेकिन मर्यादित तरीके से यह काम करने की अपेक्षा की जाती है। कमाल खान तो सिर्फ 'अपशब्द' बोलना जानते हैं। गाली-गलौच कर यह काम वे करने लगे और ट्वीटर पर उनके फॉलोअर्स बढ़ गए। यू-ट्यूब पर उनके रिव्यू को देखने वालों की संख्या हजारों में पहुंचने लगीं। यूं भी तमाशाबीन की हमारे देश में कमी नहीं है। 
 
मीडिया को भी चटखारे लेकर खबर परोसनी होती है क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में गंभीर पढ़ने वालों की संख्या तेजी से घट रही है। सनसनी के बिना मजा नहीं आता। कमाल खान इस सनसनी पर सवार होकर चर्चा में आने लगे। लोग उन्हें पढ़ कर गालियां देते, लेकिन यह जानने के लिए भी उत्सुक रहते कि कमाल ने क्या कहा। 
 
सेलिब्रिटीज़ कमाल से इसलिए भी खौफ खाते हैं कि कमाल उनके बारे में उटपटांग न बोल दें जिससे सेलिब्रिटीज़ उनके मुंह नहीं लगते। दरअसल कमाल के स्तर तक आप गिर नहीं सकते इसलिए भी कई लोग उनसे घबराते हैं। दु:ख की बात तो यह है कि फिल्म इंडस्ट्री के लोगों के बारे में घटिया बातें बोलने वाले कमाल की वेबसाइट को लांच करने के लिए अमिताभ बच्चन पहुंच जाते हैं। क्या अमिताभ को भी कमाल से डर लगता है?  
 
कमाल खान जैसे लोगों छुटकारा पाने का यही तरीका है कि इन्हें उपेक्षित किया जाए। जब चर्चा में रहने की ऑक्सीजन नहीं मिलेगी तो ये खुद ब खुद गायब हो जाएंगे। 
 
अजय देवगन ने करण जौहर पर निशाना साधा, लेकिन कंधा कमाल का उपयोग कर लिया। कमाल तो झूठ बोलते ही रहते हैं। अजय ने सोचना था कि संभव है कि वे अपने आपको बड़ा क्रिटिक बनाने के लिए बोल देंगे कि करण जौहर ने उन्हें 25 लाख रुपये दिए हैं। अजय ने यह बात सच मान ली और करण को निपटाने के चक्कर में कमाल के जरिये अपने हाथ गंदे कर लिए। बैठे ठाले उन्होंने कमाल का भी कद ऊंचा कर लिया। क्या कमाल को इतना गंभीरता से लिया जाता है कि यदि वे किसी भी फिल्म की बुराई कर देंगे तो लोग फिल्म नहीं देखने जाएंगे? 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

शक्ति कपूर के बारे में 30 रोचक जानकारियां