कपिल शर्मा बार-बार इस बात का जिक्र कर रहे थे कि अब हमारा शो नेटफ्लिक्स पर आ रहा है। 192 देशों में लोग हमें देख रहे हैं। निश्चित रूप से यह बड़ी बात है, लेकिन इस पर निराशा इसलिए होती है कि इतने बड़े प्लेटफॉर्म के लायक शो प्रस्तुत करने में कपिल शर्मा एंड टीम पूरी तरह से विफल रही। वे अपना टीवी वाला स्तर भी बनाए नहीं रख पाए। कॉमेडी करना आसान नहीं है वरना जरा सी लाइन चूके तो यह ट्रेजेडी बन जाती है। द ग्रेट इंडियन कपिल शो का पहला एपिसोड निहायत ही बोर था और इसमें जरा भी चमक नहीं दिखी।
रणबीर कपूर, उनकी मां नीतू कपूर और बहन रिद्धिमा कपूर को इस शो में बतौर गेस्ट बुलाया गया, लेकिन इनसे कपिल एक भी ढंग की बात या किस्सा नहीं निकलवा पाए। ये तीनों खुद बहुत बताना चाहते थे, लेकिन कपिल ने उन्हें मौका ही नहीं दिया। खुद को आगे रखने के चक्कर में वे गेस्ट को पूरी बात ही नहीं करने देते। नहले पर दहला मारने के लिए हमेशा तैयार बैठे रहते हैं ताकि लगे कि वे गेस्ट पर हावी हैं।
लोग गेस्ट की बात सुनने के लिए शो देखते हैं, लेकिन कपिल और उनकी टीम, जिसमें कृष्णा अभिषेक, कीकू शारदा और अब सुनील ग्रोवर, मेहमान पर जरूरत से ज्यादा हावी रहने की कोशिश में कबाड़ा कर देते हैं। 56 मिनट के शो में एक-दो बार ही हंसी का आना किसी भी कॉमेडी शो के लिए अच्छी बात नहीं है।
नेटफ्लिक्स पर नई शुरुआत का मौका मिला है, लेकिन कपिल अपने फॉर्मूलों से ही बाहर नहीं निकल पाए। उनकी बातें और अंदाज दोहराव का शिकार नजर आई। पंच लाइनें मिसिंग थी।
सुनील ग्रोवर की इस शो में वापसी हुई। गुत्थी के बजाय नाम डफली कर लिया है, लेकिन हरकतें गुत्थी वाली ही है। रणबीर के साथ डफली बन कर जो उन्होंने हरकतें की वो कई बार दोहराई जा चुकी हैं और इसमें कॉमेडी नजर नहीं आती।
कृष्णा ने एनिमल वाले बॉबी देओल का किरदार और गेटअप लेकर कुछ अलग करने की कोशिश की, लेकिन मामला जम नहीं पाया। कीकू शारदा ने सनी देओल का कैरेक्टर अपना लिया लेकिन दोनों की नोक-झोक में बात नहीं बनी।
कुल मिलाकर पहले एपिसोड में रंग जमा नहीं, लेकिन सुधार की पूरी गुंजाइश है और आगे बात बन सकती है।