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कविता कृष्णमूर्ति : सुरों और गीतों की रानी

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कोपल हेतावल

जादूभरी कहें या नशीली, मधुर कहें या रंगीली, जो भी हो- इनकी आवाज कभी नहीं भूली जा सकती। 90 के दशक से अब तक कई गाने गा चुकी हैं ये। रोमांस से लेकर मस्ती भी करवा चुकी हैं ये। मधुर-सी आवाज में अपने गाने लोगों की जुबां पर चढ़ा चुकी हैं ये। ये हैं सुरों और गीतों की रानी कविता कृष्णमूर्ति।
 

25 जनवरी 2018 को वे अपनी उम्र के 60 वर्ष पूरे कर रही हैं। उनके जन्मदिन पर हम बॉलीवुड में उनकी आवाज के योगदान को याद कर रहे हैं। 1985 से यानी करीब 33 साल से इंडस्ट्री में अपनी बेहतरीन पहचान बनाए रखे जाने वाली गायिका कविता कृष्णमूर्ति का करियर 14 वर्ष की उम्र से ही शुरू हो गया था। 14 साल की उम्र में वे मुंबई आईं और इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने कन्नड़ गानों में शोहरत कमाई और इसके बाद कई हिन्दी गाने गाए।
 
 
इनका असली नाम वैसे शारदा कृष्णमूर्ति है। इन्होंने 1999 में एल. सुब्रमनियम से शादी की, इसके बाद से इनका नाम कविता सुब्रमनियम हुआ। प्लेबैक सिंगर के नाम पर इन्हें 4 फिल्मफेयर अवॉर्ड्स भी मिल चुके हैं और 2005 में इन्हें पद्मश्री से भी नवाजा गया। म्यूजिक के माहौल में पले-बढ़े होने से इन्हें बचपन से ही सिंगिंग का शौक हुआ और 8 वर्ष की उम्र में ही उन्हें पहला प्राइज मिला। कविता कृष्णमूर्ति ने डिवोशनल, पॉप, रोमांटिक सभी तरह के गाने गाए हैं।
 
 
याद है फिल्म 'मिस्टर इंडिया' का गाना 'हवा हवाई' और '1942 : ए लव स्टोरी' का गाना 'प्यार हुआ चुपके से...'। ये गाने इनकी आवाज के बिना हम शायद ही पसंद कर पाते। कविता ने अपने इस लंबे समय के करियर में कई बेहतरीन लोगों के साथ गाने गाए हैं और इंडस्ट्री के लगभग सभी म्यूजिक निर्माताओं के साथ काम कर लिया है। गानों को लेकर उनकी जोड़ी किशोर कुमार, मोहम्मद रफी के साथ पसंद की जाती थी। इसके बाद उन्होंने सोनू निगम और शान जैसे नए कलाकारों के साथ भी काम किया है।
 
 
कविता ने पहला गाना कन्नड़ में गाया था। अगर आपको लगता है कि वे सिर्फ 90 के दशक की टॉप सिंगर रही हैं, तो यह गलत है। उनका आखिरी गाना 2011 में आई फिल्म 'रॉकस्टार' में सुना गया। 'तुमको जो पाया...' गाना कविता की ही आवाज में है और साथ ही 2017 में फिल्म 'तुम्हारी सुलु' में उनका गाना 'हवा-हवाई...' लिया गया। अच्छी बात यह है कि इसमें कविता की आवाज को वैसा ही लिया गया है और उनकी आवाज में कोई बदलाव नहीं है। अपने इस लंबे सफर में कविता ने कई गाने गाए हैं जिनमें टॉप गानों पर ये आते हैं-
 
 
मैया यशोदा- हम साथ-साथ हैं (1999)
निंबुड़ा-निंबुड़ा- हम दिल दे चुके सनम (1999)
बोले चूड़ियां- कभी खुशी कभी गम (2001)
हवा-हवाई- मिस्टर इंडिया (1987)
नींद चुराई मेरी- इश्क (1987)
तू ही रे- बॉम्बे (1995)
साजनजी घर आए- कुछ-कुछ होता है (1998)
ऐ वतन तेरे लिए- कर्मा (1986)
तू चीज बड़ी है मस्त-मस्त- मोहरा (1994)
आई लव माई इंडिया- परदेस (1997)
डोला रे डोला- देवदास (2002)
मार डाला- देवदास (2002)
आंखों की गुस्ताखियां- हम दिल दे चुके सनम (1999)

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