अक्षय कुमार की फिल्म 'लक्ष्मी' इसलिए याद की जाएगी कि यह पहली ऐसी फिल्म है जिसमें इतना बड़ा स्टार है और यह सिनेमाघर की बजाय सीधे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई। महीनों से तैयार यह फिल्म कोरोनावायरस और लॉकडाउन के चलते अटकी पड़ी रही और अंतत: इसे ओटीटी प्लेटफॉर्म वालों को दिखाने के लिए दे दिया गया। उन्होंने दिवाली का समय चुना और 9 नवंबर को यह फिल्म प्रदर्शित कर दी गई। पहले ही दिन रिकॉर्ड तोड़ संख्या में इसे देखा गया, लेकिन दर्शकों को यह फिल्म खास पसंद नहीं आई। आखिर इसकी क्या वजह रही? पेश है 5 कारण:
1) उम्मीद से कम
लक्ष्मी फिल्म दक्षिण भारतीय फिल्म 'कंचना' का हिंदी रीमेक है। 'कंचना' के डब्ड वर्जन को दर्शकों ने कई बार देखा है। उन्होंने उम्मीद लगा रखी थी कि 'लक्ष्मी' उस फिल्म से भी बढ़ कर होगी, लेकिन यह उससे कमतर ही साबित हुई।
2) मनोरंजन गायब
लक्ष्मी को हॉरर प्लस कॉमेडी फिल्म के रूप में प्रचारित किया गया, लेकिन फिल्म के कॉमेडी सीन ऐसे हैं जिन्हें देख हंसी नहीं आती। हॉरर दृश्यों को देख डर नहीं लगता। मनोरंजन के लिहाज से फिल्म खाली निकली। खासतौर पर पहला घंटा तो बिलुकल भी मनोरंजक नहीं है।
3) जल्दबाजी
ऐसा लगता है कि फिल्म को बहुत जल्दबाजी में बनाया गया है। कैरेक्टर को ठीक से डेवलप नहीं किया गया जिससे वे दर्शकों से कनेक्ट नहीं हो पाते।
4) लॉजिक की निकली हवा
फिल्म कई बार अतार्किक और अवैज्ञानिक हो जाती है। माना कि ऐसी फिल्मों में लॉजिक की बात नहीं करना चाहिए, लेकिन दर्शकों को इतना भी बेवकूफ नहीं बनाना चाहिए।
5) ओवरएक्टिंग
फिल्म में कई अच्छे कलाकार हैं, लेकिन निर्देशक राघव लॉरेंस ने उन्हें जम कर ओवर एक्टिंग कराई। खुद अक्षय कुमार भी कई बार इसके शिकार हुए। दर्शकों को यह 'तमाशा' पसंद नहीं आया।
इन 5 कारणों से दर्शक और फिल्म 'लक्ष्मी' के बीच जुड़ाव पैदा नहीं होता और यह फिल्म पसंद नहीं आती।