फिल्म निर्देशक इंद्र कुमार अंधविश्वासी हैं। उनकी कई फिल्मों में एक पेड़ नजर आता था। इंद्र कुमार उस पेड़ को अपने लिए भाग्यशाली मानते थे और उस पेड़ के इर्दगिर्द हीरो-हीरोइन को चक्कर लगवाने वाला शॉट जरूर रखते थे। इंद्र का मानना था कि उस पेड़ के कारण उनकी फिल्में सफल होती हैं।
इसी तरह कहा जा सकता है कि माधुरी दीक्षित भी उनके लिए भाग्यशाली रही हैं। माधुरी को लेकर इंद्र ने अपनी फिल्म दिल 1990 में बनाई थी जो कि बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही थी। इसके बाद इंद्र कुमार बॉलीवुड में स्थापित हो गए।
जिस दिन दिल रिलीज हुई थी उसी दिन राजकुमार संतोषी की 'घायल' भी रिलीज हुई थी जिसमें सनी देओल हीरो थे। दिल और घायल दोनों एक ही दिन रिलीज होकर सुपरहिट रही थीं।
इंद्र कुमार ने अपनी दूसरी फिल्म भी माधुरी दीक्षित के साथ 'बेटा' (1992) के रूप में बनाई। इस फिल्म में अनिल कपूर थे। अनिल और माधुरी की जोड़ी बेहद लोकप्रिय थी। इस फिल्म को भी बॉक्स ऑफिस पर शानदार सफलता मिली।
माधुरी तब नंबर वन नायिका थीं और इंद्र कुमार अपनी इस हीरोइन का साथ नहीं छोड़ना चाहते थे। इंद्र ने तीसरी फिल्म 'राजा' (1995) भी माधुरी दीक्षित के साथ बनाई। इसमें हीरो के बतौर संजय कपूर को लिया जिनकी स्टार वैल्यू बहुत कम थी। माधुरी के कारण राजा भी सफल रही जो कि संजय कपूर की एकमात्र सफल फिल्म है।
इसके बाद माधुरी दीक्षित ने काम करना कम कर दिया और इंद्र कुमार भी धमाल और मस्ती सीरिज में व्यस्त हो गए। उनकी कुछ फिल्में सफल रही तो कुछ असफल।
उनकी पिछली कुछ फिल्में असफल रहीं और इंद्र को फिर एक बार माधुरी की याद आई। धमाल सीरिज की तीसरी फिल्म 'टोटल धमाल' में उन्होंने माधुरी को जोड़ लिया। फिल्म सफल रही।
कहने वाले कह रहे हैं कि माधुरी एक बार फिर इंद्र कुमार के लिए लकी साबित हुईं। इस निर्देशक-हीरोइन की जोड़ी ने चार सफल फिल्में दी हैं।