सलमान खान की फिल्म की रिलीज डेट जैसे-जैसे नजदीक आने लगती है उनके फैंस के पेट में गुड़गुड़ाहट होने लगती है और समय काटने में वे बेहद परेशानी महसूस करते हैं। रिलीज के पहले वाली रात तो बैचेनी से करवटें बदलते हुए कटती हैं। चैन तभी आता है जब वे अपने सुपरस्टार को बिना शर्ट के मारामारी करते हुए देख लेते हैं। फिल्म अच्छी निकले या बुरी, लेकिन भूख मिटने का सुकून तो मिल ही जाता है।
फिल्मों की तुलना में ओटीटी प्लेटफॉर्म का दायरा बढ़ा नहीं है, लेकिन जितने भी दर्शक हैं उनकी हालत सलमान के प्रशंसकों की तरह हो रही है। भारत की सबसे लोकप्रिय वेबसीरिज में से एक मिर्जापुर सीजन दो 23 अक्टोबर से स्ट्रीमिंग होने वाली है। ज्यादा समय बाकी नहीं है, लेकिन एक-एक सेकंड एक-एक घंटे जैसा लग रहा है। टाइम ही नहीं कट रहा है।
ढेर सारे सवाल परेशान कर रहे हैं। कौन संभालेगा मिर्जापुर की बागडोर? ये सवाल तो सभी की जुबां पर है। क्या कालीन भैया के हाथों में कमान रहेगी? क्या मुन्ना मिर्जापुर की गद्दी का नया हकदार बनेगा? गुड्डू पंडित अपनी पत्नी और भाई की मौत का बदला ले पाएगा? क्या स्वीटी हर सीमा को लांघने के लिए तैयार होगी?
ये तो वो सवाल है जो सीजन 1 देखने के बाद पैदा हुए थे। इस बार कुछ नए किरदार भी जोड़े जा रहे हैं जिसको लेकर भारी उत्सुकता है। कौन क्या है, क्या करेगा, किसका पक्ष लेगा, ये तो सीजन 2 देखने के बाद ही पता चलेगा। प्रतिशोध, षडयंत्र, खून-खराबा, धोखा के इर्दगिर्द इस सीरिज का तानाबाना बुना गया है जो बेहद पेचीदा लेकिन दिलचस्प है। सीजन 2 में बात को और आगे बढ़ाया जाएगा।
दिल इस बात को लेकर भी धक-धक कर रहा है कि कहीं सीजन 2, सीजन 1 की तुलना में हल्का तो साबित नहीं होगा। अपेक्षाएं जब बढ़ जाती हैं तो फिर ऐसा होता ही है। सेक्रेड गेम्स में यह बात हम देख चुके हैं। ऐसे में सलमान के प्रशंसकों से सबक लेना चाहिए। फिल्म या वेबसीरिज अच्छी हो या बुरी, कम से कम इंतजार करने से तो निजात मिलेगी। इंतजार का फल मीठा हो या खट्टा, भूख तो मिटेगी।