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सूरज की रोशनी में चमकते सलमान खान

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हमें फॉलो करें सूरज की रोशनी में चमकते सलमान खान

समय ताम्रकर

बात 1988-89 की है। साफ-सुथरी फिल्म बनाने वाले राजश्री प्रोडक्शन्स के घर का लड़का सूरज बड़जात्या अपना करियर बतौर निर्देशक आरंभ करने जा रहा था। सूरज ने दस महीने में 'मैंने प्यार किया' की कहानी लिखी और कलाकारों को वे ढूंढ रहे थे। राजश्री प्रोडक्शन्स ने ज्यादातर नए चेहरों के साथ काम किया है और इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए सूरज भी नए कलाकारों स्क्रीन टेस्ट ले रहे थे। 
 
हीरोइन के लिए उन्होंने शबीना दत्त का स्क्रीन टेस्ट लिया और शबीना फेल हो गईं, लेकिन जाते-जाते वे सूरज की एक समस्या हल कर गईं। सूरज ने उससे पूछा कि हीरो के रूप में कोई लड़का उसकी निगाह में है तो शबीना ने सलमान का नाम लिया। सलमान के साथ शबीना एक विज्ञापन कर चुकी थीं। 
 
सलमान से सम्पर्क किया गया। कहानी सुन सलमान बिदक गए। वह दौर एक्शन और फॉर्मूला फिल्मों का था जबकि सूरज की कहानी सॉफ्ट और रोमांटिक थी। सूरज ने सलमान को किसी तरह राजी कर लिया और 'मैंने प्यार किया' (1989) ने सफलता का इतिहास रच दिया। अनोखा प्रस्तुतिकरण, नए कलाकारों की मासूमियत और हिट संगीत ने दर्शकों पर जादू कर दिया। सूरज और सलमान के रूप में बॉलीवुड को दो प्रतिभाशाली लोग मिले। 
 
सूरज और सलमान के व्यवहार, रहन-सहन और विचारों में बहुत ज्यादा फर्क है इसके बावजूद दोनों में इतनी अच्छी ट्यूनिंग है कि बिना कहे ही एक-दूसरे के मन की बात समझ जाते हैं। दोनों एक-दूसरे के अहसान भी मानते हैं। 
 
मैंने प्यार किया के बाद जब सूरज ने अपनी अगली फिल्म प्लान की तो सलमान का करियर लड़खड़ा रहा था। 'हम आपके हैं कौन' (1994)  में सलमान-सूरज ने ऐसी धूम मचाई कि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस के इतिहास की सफलतम फिल्मों में से एक साबित हुई। 
 
इस फिल्म के लिए सूरज ने अनोखी रणनीति बनाई थी। कम सिनेमाघरों में ऊंचे टिकट दर के साथ उन्होंने फिल्म रिलीज की। सिनेमाघरों में सजावट की गई। साउंड सिस्टम बदले गए और खुद सूरज ने कई शहर जाकर सिनेमाघरों का चयन किया। फिल्म की अवधि लगभग चार घंटे की थी। ढेर सारे गाने थे। रिलीज के पहले उनके इस निर्णय की आलोचना की गई, लेकिन फिल्म की सफलता से सूरज ने सभी के मुंह पर ताला जड़ दिया। 
 
'हम आपके हैं कौन' के लिए सूरज की फिल्म समीक्षकों ने आलोचना की। इसे शादी का वीडियो बताया गया, लेकिन आम दर्शकों को फिल्म पसंद आई। फिल्म का असर ये हुआ कि विवाह बेहद खर्चीले हो गए और कई तरह के कार्यक्रम विवाह में होने लगे। 
सूरज की अगली फिल्म 'हम साथ साथ हैं' रामायण का आधुनिक वर्जन थी। एक बार फिर इस फिल्म में सलमान थे। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान सलमान शिकार पर गए और एक हिरण को मारने का आरोप उन पर लगा। अहिंसा और शाकाहारी बड़जात्या परिवार को सलमान की यह हरकत अच्छी नहीं लगी। बताया जाता है कि इस घटना के बाद सूरज को कहा गया कि वे सलमान के साथ फिल्म न करें। 'हम साथ साथ हैं' (1999) भी सफल रही। सूरज को अपने परिवार के कारण सलमान से दूरी बनाना पड़ी, लेकिन इससे उनके रिश्तों पर कोई असर नहीं हुआ। 
 
सूरज और सलमान की राहें अलग हो गईं। सूरज की फिल्मों की यह कहकर आलोचना की उनकी फिल्में आधुनिक नहीं होती हैं। इन आलोचनाओं का सूरज पर असर हुआ। आलोचकों को प्रभावित करने के लिए बेमन से उन्होंने 'मैं प्रेम की दीवानी हूं' (2003) बनाई। यह उनकी सलमान के बिना पहली फिल्म थी। 
 
रितिक रोशन, करीना कपूर और अभिषेक बच्चन ने इस फिल्म में लीड रोल निभाए थे। सूरज की असहजता इस फिल्म में महसूस की जा सकती है। इस फिल्म को न नए दर्शक मिले और सूरज की फिल्मों को पसंद करने वालों को भी यह फिल्म पसंद नहीं आई। यह सूरज की पहली असफल फिल्म थी। 
 
तीन वर्ष बाद उन्होंने शाहिद कपूर को लेकर 'विवाह' (2006) बनाई और एक बार फिर वे अपनी पुरानी परंपरागत शैली की ओर लौटे। फिल्म सफल तो रही, लेकिन इसे वैसी भव्य सफलता नहीं मिली जो सलमान के साथ की गई फिल्मों को मिला करती थी। इसके बाद सूरज आत्मविश्वास खो बैठे और फिल्म बनाने का साहस नहीं जुटा पाए। 
 
दूसरी ओर सलमान अपने करियर की बुलंदियों को छूने लगे। सूरज का मासूम प्रेम अब दबंग बन कर बदमाशों के छक्के छुड़ाने लगा।
 
सूरज की रोशनी में चमके सलमान की जरूरत सूरज को महसूस हुई। टीवी धारावाहिक 'यहां मैं घर घर खेली' की लांचिंंग में मुझे सूरज से बात करने का अवसर मिला तो मैंने बातों-बातों में कहा कि आपको फिल्मों में लौटना चाहिए और सलमान के साथ फिल्म बनानी चाहिए। सूरज ने कहा कि मैं सलमान के साथ फिल्म बनाने वाला हूं। शायद उस समय वे 'प्रेम रतन धन पायो' की तैयारी कर रहे थे। 
 
सूरज ने पुरानी बातों को भूला कर सलमान को याद किया और सलमान फौरन सूरज के लिए हाजिर हो गए। शायद वे उस अहसान का कर्ज चुकाना चाहते थे जो सूरज ने उन्हें लांच कर किया था। 
 
सूरज की फिल्मों में सलमान बेहद मासूम, कोमल हृदय और परंपराओं का निर्वाह करने वाले युवक की भूमिका में नजर आते हैं। सलमान को इस छवि में कई लोग पसंद करते हैं और यही वजह है कि सूरज-सलमान की फिल्म बड़े से छोटे शहर में सफल रहती है। 
 
'प्रेम रतन धन पायो' में सलमान उसी रूप में दिखाई दे रहे हैं जैसा कि अब तक सूरज उन्हें पेश करते आए हैं। पिछले 26 वर्षों में तीन सफल फिल्में दोनों ने दी हैं और रिकॉर्ड शत-प्रतिशत है। उम्मीद है कि 'प्रेम रतन धन पायो' यह सिलसिला बरकरार रखेगी। 

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