बॉलीवुड में एक्शन हमेशा से चलता आया है और एक्शन मूवी को निर्माता सेफ मानते हैं। शुरुआती दौर में एक्शन फिल्में न के बराबर बनती थी और जो भी बनती थी उन्हें अच्छी निगाह से नहीं देखा जाता था। इन्हें 'सी-ग्रेड' की फिल्म माना जाता था। सत्तर के दशक से एक्शन फिल्मों ने सबको पछाड़ दिया और अगले तीस साल तक 90 प्रतिशत फिल्में एक्शन के इर्दगिर्द ही घूमती रही। निर्माता-निर्देशक बिना कारण के फाइट सीन ठूंस देते थे। जब दर्शक उब गए तो बदलाव देखने को मिला। अब फिल्मों में एक्शन कम हुआ है, लेकिन दबदबा बना हुआ है। अब एक्शन फिल्मों को अच्छी कहानी के साथ पेश किया जाता है ताकि एक्शन जस्टिफाई हो सके। यहां हम चर्चा करते हैं उन टॉप 10 एक्शन हीरो की जिन्होंने अपने एक्शन से दर्शकों का मन मोहा है। अब इनमें से टॉप एक्शन हीरो कौन है, ये फैसला आप कीजिए।
1991 में 'फूल और कांटे' से जब अजय देवगन ने अपना करियर शुरू किया तब एक्शन फिल्मों का बोलबाला था। अजय ने भी एक्शन फिल्मों से शुरुआत करने में भलाई समझी और यह निर्णय सही साबित हुआ। फिल्म चल निकली और अजय देवगन लंबे समय तक फिल्मों में मारपीट करते रहे। जब देखा कि एक्शन फिल्मों का दौर बीत रहा है तो 'जख्म' और 'हम दिल दे चुके सनम' जैसी फिल्मों से अपनी राह बदल ली। बीच-बीच में एक्शन फिल्मों का डोज वे दर्शकों देते रहे। इस समय एक बार फिर वे एक्शन फिल्मों की ओर लौट आए हैं। एक्शन के दौरान अजय की आंखें उनके हाथ-पैर से ज्यादा बोलती हैं। उनकी यही खूबी दर्शकों को पसंद है।
प्रमुख एक्शन फिल्में : फूल और कांटे, जिगर, विजयपथ, सुहाग, तक्षक, कंपनी, वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई, सिंघम, सिंघम रिटर्न्स, शिवाय
एक्शन फिल्म उन कलाकारों के बड़े काम आती है जिनका अभिनय उच्च कोटि का नहीं रहता। लात-घूंसे चलाकर वे चेहरे की कमजोरी छिपा लेते हैं। अक्षय कुमार भी अभिनय में कमजोर थे इसलिए एक्शन फिल्मों के सहारे वे बॉलीवुड में तैरते रहे और जब अभिनय सीख गए तो कॉमेडी फिल्मों में धाक जमा दी। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि एक्शन में वे खासे जमते हैं। नए स्टंट्स करना उन्हें पसंद है। वे फुर्तीले हैं। अपने स्टंट्स खुद करते हैं इससे विश्वसनीयता आती है। 'खिलाड़ी' सीरिज के रूप में उन्होंने कई एक्शन मूवी की जो दर्शकों को बहुत पसंद आई। कभी हेलिकॉप्टर से लटके तो कभी डेढ़ सौ किलो के पहलवान को उठा लिया। मार्शल आर्ट्स में पारंगत होना एक्शन फिल्मों में अक्षय के बहुत काम आया।
प्रमुख एक्शन फिल्में : खिलाड़ी, वक्त हमारा है, मोहरा, मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी, खिलाड़ियों का खिलाड़ी, संघर्ष, इंटरनेशनल खिलाड़ी़, खिलाड़ी 420, हॉलिडे
अमिताभ बच्चन ने एक्शन फिल्मों की ऐसी आंधी चलाई कि सिनेमा का परदा खून से लाल हो गया। इन फिल्मों को ऐतिहासिक कामयाबी मिली और हर निर्माता सिर्फ एक्शन फिल्म बनाने लगा। दुबले-पतले अमिताभ की काया देख कही से भी ऐसा नहीं लगता है कि यह बंदा एक साथ दो दर्जन हट्टे-कट्टे गुंडों को धूल चटा सकता है। लेकिन उनका अभिनय का जादू ऐसा था कि उन्होंने अपनी दुबले शरीर को बाधा नहीं बनने दिया। एक्शन दृश्यों में उनके चेहरे पर आई क्रोध की अग्नि की आंच को दर्शक सिनेमाघर में बैठे महसूस करते थे और इसी कारण एक्शन फिल्मों में अमिताभ को बेहद पसंद किया गया। अमिताभ ने एक्शन फिल्मों को नये मायने दिए और उसी के बाद बॉलीवुड में एक्शन फिल्मों का बोलबाला हो गया।
प्रमुख एक्शन फिल्में : जंजीर, शोले, दीवार, डॉन, खून पसीना, गंगा की सौगंध, शान, महान, अग्निपथ, आखिरी रास्ता
दारा सिंह रियल लाइफ में पहलवान थे और अखाड़ों में अन्य पहलवान उनके नाम से खौफ खाते थे। कुश्ती के सारे दांव वे जानते थे और कई नामी पहलवानों को उन्होंने चित कर दिया। ऊंचे-पूरे, हष्ट-पुष्ट दारा सिंह को फिल्म वालों ने हाथों-हाथ लिया क्योंकि दारा सिंह जब परदे पर गुंडे और बदमाशों की पिटाई करते थे तो यह बात वास्तविक लगती थी। दारा सिंह अभिनय में कमजोर थे, लेकिन एक्शन सीन में जबरदस्त। यही वजह है कि उनकी एक्शन फिल्मों को पसंद करने वाला एक अलग ही दर्शक वर्ग था।
प्रमुख एक्शन फिल्में : किंग कांग, फौलाद, रुस्तम-ए-बगदाद, सैमसन, आंधी और तूफान, राका, डाकू मंगलसिंह, दादा
डेशिंग धर्मेन्द्र सही मायनो में भारत के पहले एक्शन हीरो कहे जा सकते हैं। चेहरा और कद काठी ऐसी कि हसीनाओं का दिल धड़कता था और जब वे बाजु फड़काते तो गुंडो का दम निकलता था। 'फूल और पत्थर' में उन्होंने शर्टलेस होकर हंगामा मचा दिया था। गरम धरम का रा-एक्शन दर्शकों को पसंद आया। यदि वे बदमाश को घूंसा जड़ दे और वो पूरा जमीन में धंस जाए तो लोगों को यकीन रहता कि धरम का घूंसा है और यह मुमकिन है। कुत्ते मैं तेरा खून पी जाऊंगा दहाड़ते हुए जब वे गुंडों के पीछे भागते तो सभी की शामत आ जाती थी। धर्मेन्द्र ने हर तरह की फिल्में की, लेकिन एक्शन फिल्मों में इस देसी ही-मैन का जवाब नहीं।
प्रमुख एक्शन फिल्में : कीमत, जुगनू, चरस, शोले, प्रतिज्ञा, आजाद, शालीमार, कर्तव्य, सितमगर, क्रोधी, लोहा, हुकूमत, ऐलान-ए-जंग, जलजला, बगावत, बदले की आग
गरीबों के अमिताभ मिथुन चक्रवर्ती की फिल्मों का नाम ही एक्शन से भरा होता था। चाण्डाल, गुंडा, जल्लाद, अंगारा जैसे नामों से ही स्पष्ट हो जाता है कि फिल्म में धुआंधार एक्शन होगा। कराटे चैम्पियन मिथुन अपनी स्टाइल में गुंडों को ठिकाने लगाते थे। एक दौर ऐसा भी था जब हर हफ्ते मिथुन की फिल्म प्रदर्शित होती और ज्यादातर सफल भी रहती। एक जैसी फिल्म करते-करते वे ऊब गए पर दर्शकों का मन नहीं भरा।
प्रमुख एक्शन फिल्में : वारदात, सुरक्षा, साहस, शपथ, जल्लाद, हम से ना टकराना, प्रतिज्ञाबद्ध, चीता, रोटी की कीमत, नंबरी आदमी, युगांधर, कृष्ण अवतार, मुद्दत
सलमान खान को रोमांटिक और एक्शन दोनों तरह की फिल्मों में पसंद किया गया। रोमांटिक फिल्मों के बीच वे बागी, करण अर्जुन, जीत, औजार जैसी एक्शन फिल्में भी करते रहे। बीच में एक दौर ऐसा भी आया जब लगा कि सलमान के करियर का बल्ब फ्यूज होने वाला है, लेकिन एक्शन फिल्मों के करंट ने उन्हें संभाल लिया। वांटेड, दबंग और एक था टाइगर जैसी एक्शन फिल्मों की वजह से वे अपने करियर के शिखर पर पहुंच गए। इन दिनों दर्शक उन्हें एक्शन फिल्मों में ही देखना पसंद करते हैं। मासूम और भलमानुस दिखने वाले सलमान जब दुश्मनों को सबक सिखाते हैं तो अच्छा लगता है।
प्रमुख एक्शन फिल्में : बागी, करण अर्जुन, औजार, गर्व, वांटेड, दबंग, बॉडीगार्ड, दबंग 2, एक था टाइगर, किक, टाइगर जिंदा है
संजय दत्त की शख्सियत देख लगता है कि यह बंदा तो बना ही एक्शन फिल्मों के लिए है। एक्शन दृश्यों को वे अच्छे से निभाते हैं। उनकी बॉडी लैंग्वेज परफेक्ट लगती है। हाथ में पिस्तौल लिए जब वे निशाना लगाते हैं तो उनकी आंखों की चमक देखने लायक होती है। दौड़-भाग के सीन भी उन पर सूट करते हैं। गैंगस्टर का रोल हो तो लगता ही नहीं कि संजू बाबा अभिनय कर रहे हैं। संजय के एक्शन में एक स्टाइल है जो उन्हें दूसरे एक्शन स्टार्स से जुदा करता है। अपने लंबे करियर में संजय ने ज्यादातर एक्शन फिल्में ही की हैं।
प्रमुख एक्शन फिल्में : रॉकी, इनाम दस हजार, जान की बाजी, खतरों के खिलाड़ी, हथियार, खतरनाक, क्रोध, थानेदार, यलगार, खलनायक, कांटे, मुसाफिर, जिंदा, अग्निपथ
सनी देओल भी एक्शन फिल्मों के लिए ही बने हैं। जब वे सिंह की तरह दहाड़ते हैं तो सिनेमाहॉल में सन्नाटा छा जाता है। जब वे गुंडों की धुनाई करते हैं तो दर्शक हाथ-पैर चलाने लगते हैं। उत्साह में आकर सिनेमाघर की सीट फाड़ देते हैं। ये है सनी के एक्शन का जादू। रोंगटे खड़े कर देते हैं। गदर में वे अकेले पूरी पाकिस्तानी फौज को पछाड़ देते हैं। हैंडपम्प उखाड़ देते हैं। ये सनी का ही कमाल था कि उन्होंने इस अकल्पनीय बात को विश्वसनीय बनाया। उनका लुक ऐसा है कि वे सदा अच्छाई की ओर खड़े नजर आते हैं जिनसे हर कमजोर और शोषित मदद मांग सकता है। इसी कारण सनी ने हीरो के रूप में लंबी पारी खेली और धमाकेदार एक्शन से हर बार विलेन को मात दी।
प्रमुख एक्शन फिल्में : अर्जुन, घायल, घातक, सल्तनत, डकैत, यतीम, त्रिदेव, विश्वात्मा, नरसिम्हा, जिद्दी, गदर, इंडियन, द हीरो, बिग ब्रदर
विनोद खन्ना ने विलेन बन डराया तो हीरो बन लुभाया। दोनों तरह की भूमिकाओं में वे पारंगत नजर आए। डील-डौल से वे एक्शन हीरो के रूप में फिट नजर आए। अमिताभ के स्वर्णिम दौर में अपनी एक्शन भूमिकाओं से उन्होंने बिग बी को जमकर टक्कर दी। डाकू के रोल में वे खासे जंचे। गंवई हो या शहरी, विनोद ने एक्शन के सहारे हर भूमिका को विश्वसनीय बनाया। पुलिस इंसपेक्टर की भूमिकाओं में भी वे जमे।
प्रमुख एक्शन फिल्में : रेशमा और शेरा, मेरा गांव मेरा देश, कच्चे धागे, हाथ की सफाई, खून पसीना, अमर अकबर एंथोनी, परवरिश, बॉम्बे 405 माइल्स, कुरबानी, दयावान, इंसाफ, सत्यमेव जयते, जुर्म, बंटवारा, महासंग्राम