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आठ लगातार फ्लॉप से हिल गया बॉलीवुड

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समय ताम्रकर

बात यहां पर बड़े बजट की फिल्मों की हो रही है। पिछले आठ सप्ताह में से प्रत्येक शुक्रवार बड़े बजट की फिल्में रिलीज हुईं, लेकिन नतीजा शून्य रहा। बॉक्स ऑफिस कोई फिल्म बमुश्किल लागत वसूल पाई तो कुछ औंधे मुंह गिरी। इनमें बड़े सितारे थे, बड़ा बैनर था, ना‍मी निर्देशक थे, जम कर प्रचार किया गया, लेकिन दर्शकों ने सिनेमाघरों से दूरी बनाए रखी। 
 
10 जुलाई को बाहुबली और 17 जुलाई को बजरंगी भाईजान रिलीज हुई थी। इन फिल्मों के बाद जो भी बड़े बजट की फिल्में रिलीज हुईं, फ्लॉप रही। ऐसा दो-तीन सप्ताह से नहीं बल्कि पिछले आठ सप्ताहों से हो रहा है। लगातार मिली नाकामयाबियों से फिल्म उद्योग में हलचल है और सभी उम्मीद कर रहे हैं कि सफलता का सूखा जल्दी ही समाप्त हो।
असफलता का सिलसिला 31 जुलाई को प्रदर्शित हुई 'दृश्यम' से शुरू हुआ। दृश्यम से बॉलीवुड को बेहद आशाएं थीं, लेकिन बाहुबली और बजरंगी की सफलता की अवधि लंबी हो गई और खामियाजा दृश्यम को भुगतना पड़ा। अच्छी फिल्म होने के बावजूद यह फिल्म किसी तरह अपनी लागत के नजदीक पहुंच पाई। अजय देवगन जैसे सितारे के होने के बावजूद यह फिल्म सौ करोड़ क्लब में शामिल नहीं हो पाई।
 
सात अगस्त को फरहान अख्तर द्वारा निर्मित 'बैंगिस्तान' का प्रदर्शन हुआ। रितेश देशमुख और पुलकित सम्राट जैसे कलाकार होने के कारण इसे कम बजट में बनाया गया, लेकिन फिल्म इतनी बुरी थी कि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी। फिल्म जबरदस्त घाटे का सौदा साबित हुई।
 
14 अगस्त को करण जौहर की 'ब्रदर्स' रिलीज हुई। इस फिल्म से ट्रेड को बेहद उम्मीद थी। अच्छी शुरुआत के बाद फिल्म धड़ाम से नीचे गिरी। अक्षय कुमार, सिद्धार्थ मल्होत्रा, जैकलीन फर्नांडिस जैसे कलाकार, करण जौहर जैसा निर्माता, करण मल्होत्रा जैसा निर्देशक भी फिल्म को संभाल नहीं पाया। यह फिल्म फ्लॉप रही। आश्चर्य की बात तो यह है कि फिल्म सौ करोड़ के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच पाई।
 
ओह मॉय गॉड जैसी उम्दा फिल्म बनाने वाले निर्देशक उमेश शुक्ला से 'ऑल इज़ वेल' जैसी घटिया फिल्म की उम्मीद किसी को भी नहीं थी। अभिषेक बच्चन के खाते में एक और असफल फिल्म दर्ज हुई। विभिन्न अधिकारों को इस फिल्म की लागत तो वसूल हुई, लेकिन सिनेमाघरों के कलेक्शन बहुत कम थे।
 
बजरंगी भाईजान जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म देने वाले कबीर खान ने 'फैंटम' जैसी ‍असफल फिल्म दी। 28 अगस्त को रिलीज हुई इस फिल्म का विषय मजबूत था, लेकिन प्रस्तुतिकरण में फिल्म मार खा गई। ट्रेड विशेषज्ञों का मानना है कि सैफ अली खान के बजाय कोई दूसरा सितारा होता तो फिल्म सफल हो सकती थी। सैफ की धूमिल होती छवि का असर फिल्म पर हुआ।
 
चार सितंबर को महीनों से अटकी 'वेलकम बैक' रिलीज हुई। फिल्म अब तक 95 करोड़ रुपये के आसपास कलेक्शन कर चुकी है, लेकिन फिल्म का ओवर बजट इसकी सफलता की राह में रोड़ा बन गया। ज्यादा से ज्यादा फिल्म लागत वसूल कर पाएगी, लेकिन इस फिल्म से अच्छे खास मुनाफे की उम्मीद सभी ने बांधी थी।
 
सलमान खान ने अस्सी के दशक की सुपरहिट फिल्म 'हीरो' का रिमेक 'हीरो' बनाया, लेकिन निखिल आडवाणी का कमजोर निर्देशन फिल्म को ले डूबा। निखिल यही नहीं रूके। सप्ताह भर बाद उनकी 'कट्टी बट्टी' रिलीज हुई जिसे कंगना रनौट भी बचा नहीं पाईं। इस दौरान कई छोटी फिल्में भी रिलीज हुईं, लेकिन वे भी डार्क हॉर्स साबित नहीं हो पाई। 
 
गौर किया जाए तो ज्यादातर फिल्में कमजोर ही थीं। दर्शकों ने सख्त फैसला सुनाने में कसर बाकी नहीं रखी। त्योहारों का सिलसिला शुरू हो चुका है। उम्मीद है कि आने वाले दिन बॉलीवुड के लिए खुशियां लेकर आएंगे।


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