एयरहोस्टेस बनने की चाह से लेकर प्रमोशनल इवेंट्स की मॉडलिंग तक, ज़रीन खान का बॉलीवुड में आने का कोई इरादा नहीं था। एयरहोस्टेस बनने की इच्छा के चलते उन्होंने अपनी फिटनेस का ध्यान रखा और छोटी नौकरियां करना उनकी आवश्यकता थी। ज़रीन ने अपनी एक्ट्रेस बनने की कहानी में बताया कि कैसे वो सही समय पर सही जगह थी।
ज़रीन की पहली नौकरी एक कॉल सेंटर में एक्ज़ीक्यूटिव के तौर पर थी जहां उन्हें दस हज़ार रुपए तनख्वाह मिलती थी, लेकिन कुछ वक़्त बाद वे बीमार हो गईं और उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा, जिसके वजह से उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी।
ज़रीन ने बताया बताया कि इसके बाद उन्होंने एनईएससीओ, बॉम्बे कन्वेंशन एंड एक्ज़ीबिशन सेंटर पर काम करना शुरू कर दिया, जो शहर में सबसे लोकप्रिय और स्थायी प्रदर्शनी जगहों में से एक है, क्योंकि यह प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय व्यापार और कॉर्पोरेट इवेंट्स का आयोजन करता है। इसमें ज़रीन ब्रोशर्स के लिए इन-हाउस मॉडल के रूप में काम करती थीं, जहां वे 650 रुपए प्रति दिन के हिसाब से कमाई करती थीं।
कमाई के अलावा, ज़रीन इसे मॉडलिंग की दिशा में एक छोटा कदम भी मानती थीं। इस जॉब के वक़्त उन्हें मुंबई लोकल ट्रेनों में सफर करना होता था। अपने घर बांद्रा से गोरेगांव में एनईएससीओ के ऑफिस तक का सफर अब भी उनके दिमाग में ताजा है।
अपने काम के अनुभवों को ज़रीन ने अपनी ज़िंदगी के लिए श्रेय दिया है। ज़रीन का मानना है कि इन्हीं की वजह से वे समझदार हुई हैं और चुनौतियों का सामना करने के लिए मजबूत है। यहां तक कि जब उनकी फिल्में अच्छी नहीं चलती, तो उनकी ज़िंदगी के पिछले अनुभवों ने उन्हें सिखाया है कि किसी भी नौकरी के बावजूद 100 प्रतिशत देना महत्वपूर्ण है।
एक तरफ जहां ज़रीन ने फिल्मों में आने का कभी नहीं सोचा था, वही अपने पहली फिल्म में काम करना उन्हें किसी परीकथा जैसा लग रहा था। उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि उन्हें किसी फिल्म के लिए भीड़ में से चुना गया है। हुआ यूं कि ज़रीन एक बार सलमान खान की शूटिंग देखने के लिए चली गईं। सलमान तब कैटरीना कैफ के साथ फिल्म युवराज की शूटिंग कर रहे थे और सलमान ने भीड़ के बीच ज़रीन को देखा और अप्रोच किया। ज़रीन की पहली फिल्म 'वीर' एक पीरियड ड्रामा था, जिसमें ज़रीन को राजकुमारी के रूप में दिखाया गया था।