भाग्य और दुआएं काम करते हैं : हिमेश रेशमिया
हिमेश रेशमिया के साथ बातचीत
हिमेश रेशमिया सृजनात्मकता और बिजनेस दोनों को ही महत्वपूर्ण मानते हैं। वे इमोशनल हैं, लेकिन किसी भी चीज़ की व्यावसायिक सफलता पर सबसे ज्यादा ध्यान देते हैं। अपने बड़े भाई की मौत के बाद वे सलमान ख़ान को अपने बड़े भाई की जगह पाते हैं। वे श्रीनाथजी के अनुयायी हैं और 'जय माता दी' उनका पसंदीदा जयकारा है। वे अपने पिता से सबसे अधिक प्रेम करते हैं, जो उनके गुरु भी हैं। उनके आगामी होम प्रोडक्शन 'एक्सपोज़' में उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई है।
क्या आप भाग्य में विश्वास रखते हैं?मेरे पिता अपने ज़माने के शीर्ष संगीतकार थे। ब्रेन हेमरेज के कारण मेरे बड़े भाई जयेश का 21 साल की उम्र में देहांत हो गया। मेरे पिता ने फिल्म निर्माण का कार्य सिर्फ अपने लिए शुरु किया था। मैंने अपने पिता से कहा था कि मैं हमेशा आपके साथ रहूंगा। मैं सिर्फ अपने काम पर ध्यान देता आया हूं। 16 साल की उम्र में मैं 300 धुन बना चुका था। मैंने एक गुजराती टीवी सीरियल के संगीतकार के तौर पर अपने मैंने अपने करियर की शुरुआत की थी इसके बाद मैंने ज़ी टीवी पर प्रसारित एक सीरियल 'अंदाज़' का निर्माण किया। 25 साल की उम्र में 'प्यार किया तो डरना क्या' के साथ मुझे बतौर म्यूजिक डायरेक्टर काम करने का मौका मिला। चाहे वो सलमान भाई हों, सलीम साहब हों या फिर सोहेल भाई, इस ब्रेक के लिए मैं संपूर्ण खान फैमिली को धन्यवाद देता हूं। इसके बाद एक गायक के तौर पर मेरे गीत 'आशिक बनाया आपने' को फिल्मफेयर अवॉर्ड प्राप्त हुआ। टैलेंट से ज्यादा यह मेरे लिए भाग्य की बात रही। सच यह है कि भाग्य और दुआएं आपके भले के लिए काम करती हैं।आपने इतना वज़न कैसे कम कर लिया?मैंने पिछले 6 महीनों में अपना 20 किलो वज़न कम किया है। इसके लिए मैंने कड़ी मेहनत की और रात के 9 के बाद खाना बंद कर दिया। मैं पहले शाकाहारी था, लेकिन प्रोटीन सप्लीमेंट के लिए मैंने ग्रिल्ड चिकन खाना शुरु कर दिया।