Abhishek Bachchan interview : हमारे बहुत दूर के रिश्तेदार थे, जो व्हीलचेयर पर थे। हम साथ में कहीं जा रहे थे और सिक्योरिटी गेट पर उन्हें कहा गया कि आपके लिए अलग से दरवाजा बनाया गया है। आप वहां से आराम से जाइए तो मेरे जो रिश्तेदार थे उन्होंने पूछ लिया अलग से क्यों क्या मैं कोई लाइन कट कर रहा हूं या में कोई गलत तरीके से आगे जा रहा हूं। नहीं। यह वह पल था जब मुझे लगा कि कोई भी व्यक्ति अपने आपको सामान्य ही मानना चाहता है।
भले ही उसके साथ जीवन में कुछ एक बातें ऐसी हुई हो जिसकी वजह से उसने कोई अंग खो दिया है या कोई ऐसी बात हो गई है जितने भी दिव्यांग लोग हैं, मुझे लगता है वह हम जैसा ही सामान्य बर्ताव चाहते हैं। ये कहना है अभिषेक बच्चन का, जिनकी फिल्म घूमर बहुत ही जल्द लोगों के सामने आने वाली है।
यह फिल्म एक ऐसे क्रिकेट के खिलाड़ी की कहानी है जो एक दुर्घटना में अपना दाहिना हाथ खो देती है और फिर वह अपने सारे कष्टों को झेलते हुए बाएं हाथ से बॉलिंग करना सीखती है और एक बार फिर से सफल होती है। इस फिल्म के बारे में बातचीत करते हुए अभिषेक आगे बताते हैं कि इस फिल्म में एक सीन है जहां पर मैं कहता हूं कि विफलता तो मैंने देख ली है अब मैं सफलता देखना चाहता हूं और यह सीन मेरे दिल के बहुत करीब रहा है। मुझे लगता है कई लोग हैं जो रोज इस बात से गुजरते होंगे।
उन्होंने कहा, आप कितने भी सफल हो जाएं, आप कितने भी बड़े हो जाएं, आप कितना भी बड़ा नाम क्यों न कर ले लेकिन आपकी जिंदगी में ऐसे मौके हमेशा रहे हैं ऐसे लम्हे हमेशा आते हैं जिस पल आपको लगता है कि शायद मैंने ठीक से नहीं किया यह काम या फिर इस काम को और अच्छे तरीके से किया जाता है। कभी-कभी दिल में यह भी आता है कि ऐसा तो नहीं कि सब कुछ ठीक था, मुझमें ही कुछ कमी रह गई हो। और ऐसे पल हर व्यक्ति के जीवन में आते हैं। मुझे लगता है यह सीन होगा जिसकी वजह से कोई भी व्यक्ति इस फिल्म से जुड़ जाएगा।
वरना आप ही सोचिए ना कोई क्रिकेट प्लेयर लड़की है जिसके हाथ नहीं रहे हैं वह मेहनत के साथ बाएं हाथ से प्रैक्टिस करती है, अभ्यास करती है और एक बार फिर से नई जिंदगी की शुरुआत करती है यह आम बात नहीं है। मेरा किरदार एक ऐसे शख्स है जो अंदर तक बहुत कड़वा है। शायद उसके जीवन में उसने बहुत बड़ा विफलता देखी है। इसलिए उसे लगता है कि यह सब चीजें हुई तो क्यों हुई है शायद वह हर रोज इसी सवाल का जवाब नहीं ढूंढता रहा होगा।
आपके लिए सफलता क्या है?
सफलता के मायने हर व्यक्ति के लिए अलग होते हैं। आज की पीढ़ी को देख लीजिए, वह बहुत ज्यादा भौतिकता वादी होती जा रही है। उन्हें वस्तुओं पर ज्यादा विश्वास है। मेरे लिए सफलता क्या है तो वो है कि पूरा दिन बीत जाने के बाद मैं सोने के लिए बढ़ता हूं आंखें बंद करके सोचता हूं कि हां, आज के दिन में बहुत सारा काम किया। और मैं अपने घर वालों के साथ नींद लेने वाला हूं, मेरे लिए सफलता वह हो जाती है।
आपको बताता हूं। एक बार मुझे ऐश्वर्या ने बहुत अच्छी बात कही है। कोविड का समय था। हम लोग सब हॉस्पिटल से बाहर निकले ही थे और मैं थोड़ा सा चिड़चिड़ा सा हो गया था। तब ऐश्वर्या ने मुझसे कहा कि देखो घर में गाड़ियां कई हैं कई चीज़े और भी हैं लेकिन इससे ज्यादा तुम्हें धन्यवाद इस बात का कहना चाहिए कि तुम्हारा परिवार तुम्हारे साथ है। उनका स्वास्थ्य अच्छा है और हम सब एक साथ हैं।
अपनी बातों को और आगे बढ़ाते हुए अभिषेक बताते हैं कि मैं इस बात पर यकीन करता हूं कि अगर आपको जिंदगी में बहुत आगे बढ़ना है और ऊंचाई पर जाना है तो उतनी ही जोर से नीचे भी गिरना पड़ेगा। यह बात थोड़ी विरोधाभासी है, लेकिन जब तक आप फेल नहीं होता है जिंदगी में तब तक आप को यह नहीं मालूम होता है कि कैसे ऊपर बढ़ना है?
असफलता हमें सिखाती है कि हमने कहीं प्रयासों में कमी की है तभी हम सफल नहीं हो पाए और असफलता जो हमारे सामने खड़ी होती है तो हमें महसूस कराती है कि असफल होना कैसा लगता है और असफलता हमें यह भी सिखाती है कि अगर ऐसा महसूस नहीं करना चाहते हो दोबारा ऐसी स्थिति में नहीं आना चाहते हो तो इतनी मेहनत करो इतनी लगन के साथ काम करोगे तुम सफल ही हो जाओ।
अपनी बेटी के स्पोर्ट्स डे के समय क्या आप उन्हें कोई टिप्स देते हैं
यह सारा काम उनकी मां करती है। वह उन्हें बकायदा हौसला अफजाई करते हुए बड़ी अच्छी अच्छी बातें करती हैं। अगर आप मुझसे पूछे मैं क्या करता हूं तो मैं पूरी कोशिश करता हूं कि उन्हें हमेशा प्यार देता रहूं। एक बच्चे के लिए बहुत जरूरी है यह महसूस करना कि उसे हर तरफ से प्यार मिल रहा है। प्यार की कहीं कोई कमी नहीं है उसकी जिंदगी में। और जहां तक मेरी अगली पीढ़ी की बात है तो अगस्त्य हो या नव्या हो या मेरी बेटी ही क्यों ना हो उन सब से यही कहता हूं कि कुछ भी बन जाओ। लेकिन हर बात से जरूरी बात यह है कि तुम एक अच्छे इंसान बन सको। मेरे पास माता-पिता ने मुझे सिखाया और अब मैं अपने बच्चे को यहीं सिखा रहा हूं।