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हे ब्रो के सेट पर मुझे किया टार्चर : गणेश आचार्य

हमें फॉलो करें हे ब्रो के सेट पर मुझे किया टार्चर : गणेश आचार्य
, सोमवार, 23 फ़रवरी 2015 (15:44 IST)
नृत्य निर्देशक गणेश आचार्य की फिल्म 'हे ब्रो' 27 फरवरी को रिलीज होने जा रही है। इसमें उन्होंने अभिनय भी किया है। गणेश के इस फिल्म के बारे में क्या अनुभव रहे हैं, आइए उनसे ही जानते हैं। 
 
'हे ब्रो' किस तरह की फिल्म है?
इस फिल्म को सिर्फ कॉमेडी नहीं कहा जा सकता, क्योंकि इसमें कॉमेडी के साथ-साथ एक्शन, इमोशन, फैमिली ड्रामा, रोना-धोना, हंसना सब कुछ है। यह दो जुड़वां भाइयों की कहानी है, जो बचपन में बिछुड़ गए थे। एक भाई गोपी का किरदार खुद मैंने निभाया है, जो कि बहुत मोटा है। दिनभर कुछ न कुछ खाता रहता है। दूसरे भाई का किरदार दुबले-पतले कलाकार मनिंदर सिंह ने निभाया है, क्योंकि दूसरा भाई दुबला-पतला और एक खड़ूस व गुस्सैल पुलिस इंस्पेक्टर है। लोग मानते हैं कि जुड़वां भाई हैं तो दोनों में सब कुछ एक जैसा होगा, पर यहां दोनों में कोई समानता नहीं है। इसी वजह से हास्य दृश्य बनते हैं। इस फिल्म में मैंने खुद एक्शन किया है। इससे हंसी पैदा होगी। 
क्या फिल्म में हीरो बनने के लिए एक अलग तरह की कहानी चुनकर 'हे ब्रो' बनाई है?
नहीं! मैंने फिल्म 'एबीसीडी' में अभिनय किया ही था। सच कहूं तो मुझे अभिनेता बनना ही नहीं था। एक दिन लेखक निर्देशक अजय चंडोक मेरे पास एक कहानी लेकर आए। उन्हीं दिनों मेरी पत्नी विधि आचार्य होम प्रोडक्शन के बैनर 'पुष्पा क्रिएशन' को फिर से शुरू करना चाहती थीं तो हमें भी एक अच्छी कहानी, अच्छी स्क्रिप्ट व अच्छे निर्देशक की तलाश थी। अजय ने मुझे सब्जेक्ट सुनाया। दो जुड़वां भाइयों की कहानी और उसमें जो ट्विस्ट था, उसने मुझे प्रभावित किया। फिर पारिवारिक स्क्रिप्ट, मनोरंजन, कॉमेडी, एक्शन सब कुछ मुझे नजर आया इसलिए मैंने इस फिल्म को करने का फैसला किया। आपको बता दूं कि इस फिल्म की निर्माता मेरी पत्नी विधि आचार्य और निर्देशक अजय चंडोक हैं। मैंने सिर्फ अभिनय किया है। इस फिल्म का नृत्य निर्देशन भी मैंने नहीं किया है। मैंने सिर्फ अच्छा अभिनय करने की कोशिश की है। 
 
अभिनय करते समय आपके सामने किस तरह की समस्याएं आईं?
मुझे तो बहुत समस्या हुई। नृत्य निर्देशक के रूप में मेरा एक अलग मुकाम है, तो मैं सेट पर हमेशा अपने समय पर पहुंचता हूं। दोपहर में 1 घंटा सोता भी हूं। अपनी जिंदगी जीता हूं, पर इस फिल्म में अभिनय करते हुए मुझे कोई सहूलियत नहीं मिली। मुझे सुबह 5 बजे उठाया गया। लंच में भी आधे घंटे का ही ब्रेक मिला और फिर काम करवाया गया। सच कह रहा हूं फिल्म के निर्देशक अजय चंडोक ने मुझे बहुत टॉर्चर किया। सेट पर मैं एक स्ट्रगल एक्टर रहा, मगर मुझे खुशी है कि फिल्म अच्छी बनी है और लोगों को मेरा अभिनय भी पसंद आएगा। 
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आपके अपने अनुभव क्या रहे?
बहुत अच्छे अनुभव रहे। सबसे बड़ी बात यह रही कि हमने जितना सोचा था, उससे कहीं ज्यादा बेहतर फिल्म बनी है। हमारी फिल्म का स्केल बहुत बढ़ा है। फिल्म देखते समय आपको फिल्म के हर गाने में 400 से 500 डांसर नजर आएंगे। मैंने इसमें डांस के साथ-साथ फाइटिंग भी की है। रोया भी हूं। मुझे इस बात की खुशी है कि मैंने जो अभिनय करने की कोशिश की है, उसमें मैं कामयाब रहा हूं। लोग सोचते हैं कि आखिर इतना भारी-भरकम शरीर वाला इंसान, जो डांस अच्छा करता है, वह एक्शन कैसे करेगा? पर मैंने पहली बार अभिनय व एक्शन दोनों किया है। 
 
आपने फिल्म 'स्वामी' में मनिंदर को बतौर अभिनेता ब्रेक दिया था, अब आपने 'हे ब्रो' में उन्हें फिर से रि‍पीट किया है।
मनिंदर सिंह बहुत अच्छा कलाकार है। मनिंदर ने बीच में सीरियल 'सीआईडी' किया था। 'लाइफ ओके' चैनल पर प्रसारित सीरियल '26/12' में पुलिस अफसर का किरदार निभाया था। मैंने वह सीरियल देखा था। मुझे उसमें उसका पुलिस अफसर का किरदार बहुत पसंद आया था। अब हमारी फिल्म में भी उसने पुलिस अफसर का किरदार निभाया है। 'हे ब्रो' के लिए हमें संजीदा, खड़ूस, गाली-गलौज करने वाला पुलिस इंस्पेक्टर चाहिए था। ये सारी बातें मुझे मनिंदर में नजर आईं इसलिए मैंने अजय चंडोक से कहा कि वह मनिंदर सिंह से मिल ले। अजय चंडोक को अहसास हुआ कि मनिंदर किरदार के साथ न्याय कर सकता है।
 
'हे ब्रो' के प्रोमो को किस तरह का रिस्पांस मिल रहा है?
बहुत अच्छा। लोग इसे बहुत पसंद कर रहे हैं। बिरजू गाना हिट है। डीजे का गाना भी हिट है। हम फिल्म के प्रमोशन के लिए कुछ कॉलेज में व कुछ शहरों में गए हैं। 
 
आजकल सौ-दो सौ करोड़ की बातें बहुत होती हैं, आपकी क्या राय है?
जिस फिल्म में बड़े-बड़े कलाकार होंगे, वहां सौ-दो सौ करोड़ की बातें होना आम बात है। आपको
बता दूं कि सौ या दो सौ करोड़ वाली जो फिल्में हैं, उनमें से 20 फिल्में मेरी हैं जिनमें मैंने नृत्य निर्देशन किया है। इस तरह से देखा जाए तो मैं भी सौ-दो सौ करोड़ कमाने वाली फिल्मों का नृत्य निर्देशक हूं। पर इस तरह की बातों का कोई मतलब नहीं है। मैं नृत्य निर्देशन करने के बाद अपने घर चला जाता हूं।

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