भले ही इम्तियाज़ अली ने करियर में रोमांटिक निर्देशक के तौर पर पहचान बनाई है परंतु फिर भी वह एक अच्छी लवस्टोरी को टाइपकास्ट होने के डर से कभी नहीं जाने देंगे। उन्हें 'जब वी मेट', 'लव आज कल', 'रॉकस्टार' और 'तमाशा' जैसी बढ़िया फिल्मों के लिए जाना जाता है।
इम्तियाज़ को लगता है कि टाइपकास्ट होने का डर कई बार अच्छे आइडिया को नकारने जैसा काम करवा सकता है, जो वे कभी भी नहीं करना चाहते। वह कहते हैं, "आपको समझना चाहिए कि जब किसी के दिमाग में कोई कहानी आती है तो यह किसी खास शैली के रूप में नहीं आती, बाद में आप इसका प्रकार निश्चित करते हैं। इसलिए मैं टाइपकास्ट होने की परवाह नहीं करता। अगर मुझे कहानी में रूचि है तो मैं इसे जरूर बनाऊंगा।"
वह कहते हैं कि आखिरी फैसला उनका होता है कि वह किस तरह की फिल्म बनाएंगे। "यह मुझ पर टिक जाता है कि मैं कैसी फिल्म बनाऊंगा और मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मैं अपनी पसंद की फिल्म बना लेता हूं।"
उनकी फिल्में अक्सर दो किरदारों की जिंदगी के विभिन्न पहलुओं का दास्तान होती हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या कहानियों पर उनकी जिंदगी का प्रभाव पड़ता है कि वे बोले, "मैं आटोबॉयोग्राफी नहीं लिखता परंतु मैं इन जगहों पर जाता हूं, लोगों से मिलता हूं। इन अनुभवों को पूरी तरह से फिल्मों में डालने की कोशिश करता हूं।"
एक खास यात्रा उनकी लगभग हर फिल्म में होती है। वह कहते हैं, "यह जानबूझकर नहीं किया जाता। मैं सिर्फ अंदर देखता हूं जो मुझे पसंद आता है उस दिशा में फिल्म बन जाती हैं।" भले ही उनकी फिल्में बहुत लोगों को पसंद आती हैं परंतु वह स्वयं प्रसिद्ध फिल्मकार बिमल रॉय के बड़े फैन हैं।
अगर उन्हें मौका मिले तो वे किसे असिस्ट करना चाहेंगे के जवाब में वे कहते हैं, "भारतीय सिनेमा में बिमल रॉय की फिल्में प्यार और खूबसूरती से भरी हैं। तो निश्चिततौर पर उन्हें।"
इम्तियाज़ फिल्हाल शाहरूख खान और अनुष्का शर्मा की जोड़ी वाली फिल्म 'द रिंग' पर काम कर रहे हैं। वह कहते हैं, "शाहरूख खान के साथ काम करके बहुत अच्छा लगा।"