लाल सिंह चड्ढा, आमिर खान, स्टारडम और साउथ फिल्मों के बारे में करीना कपूर खान का Exclusive Interview
मैं इन दिनों फिल्मों में अच्छी कहानियां मिस करती हूं और उम्मीद है कि 'लाल सिंह चड्ढा' इस कमी को दूर कर देगी: करीना कपूर खान
'थ्री इडियट्स' (2009) और 'तलाश' (2012) के अब इतने सालों बाद एक बार फिर मैंने आमिर खान के साथ 'लाल सिंह चड्ढा' में काम किया है। बहुत ज्यादा खुशी होती है इस बात को लेकर। आमिर के साथ काम करने के दौरान कुछ नया सीखने को मिलता ही है और फिर आमिर किसी भी फिल्म में आमिर खान कहां होते हैं, वह तो कैरेक्टर ही बन जाते हैं। 'राख' से लेकर 'लाल सिंह चड्ढा' में आप देख समझ सकते हैं। लाल सिंह चड्ढा में भी उन्होंने एक कैरेक्टर को अपना लिया और 'फॉरेस्ट गम्प' को भारतीय बनाकर पेश किया है।
आमिर को धन्यवाद
आमिर खान को तो मैं धन्यवाद देना चाहूंगी कि उन्होंने मुझे इस फिल्म के लायक समझा। 'फॉरेस्ट गंप' फिल्म का जेनी का किरदार यहां रूपा बनकर आया है। उसमें जेनी बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण भाग होती है फॉरेस्ट गंप की जिंदगी का, वैसे ही यहां पर रूपा की कहानी बताई गई है। अतुल ने जो कहानी लिखी है, मुझे बहुत अच्छी लगी। दो दशकों में फैली कहानी में बताया गया है कि लाल सिंह चड्ढा का किन-किन बातों से सामना होता है। जिंदगी के उतार-चढ़ाव को भी दिखाने की कोशिश की गई है।
कॉन्टेंट सबसे बड़ा स्टार, कोविड ने बदली आदत
आजकल सिर्फ कॉन्टेंट मायने रखता है। कोविड-19 की वजह से जब हम घर पर बैठ लॉकडाउन का सामना कर रहे थे तब सभी लोगों की आदतें गईं। विभिन्न ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर हमने बेहतरीन कॉन्टेंट देखा। फिल्म भी थिएटर में तभी देखेंगे जब उसका विषय दमदार हो वरना कुछ दिनों बाद ओटीटी पर ही देख लेंगे। पिछले 2 सालों ने हमें सिखाया है कि कांटेंट दमदार बनाना पड़ेगा वरना लोग आपकी फिल्म देखने नहीं आएंगे।
थिएटर में लोगों को वही चीज खींचकर लाएगी जो पूरी फैमिली के साथ बैठकर देखी जा सके। अब यह बात मायने नहीं रखती कि फिल्म में कौन सा स्टार है। बड़ा स्टार हो या नया कलाकार, यदि फिल्म का कॉन्टेंट अच्छा है तो वो फिल्म चलेगी। मेरे विचार से यह बहुत अच्छी बात है। हर एक्टर के लिए और मेहनत करना जरूरी हो गया है। कुछ अलग करना होगा, कहानी को दमदार बनाना होगा। स्क्रिप्ट, एक्टिंग और डायरेक्शन के तौर पर आपको कुछ ऐसा करना होगा जो दर्शकों को अच्छा लगे।
साउथ फिल्में इसलिए की जा रही हैं पसंद
आरआरआर, पुष्पा, बाहुबली कितनी अच्छी फिल्में हैं। उनकी कहानी बढ़िया है। उनका प्रस्तुतिकरण उम्दा है। इसलिए ये मूवी सुपरहिट रहीं। केवल दो गाने, आइटम नंबर, कुछ बढ़िया सीन या विलेन के किले में हीरोइन के नाच गाने रखने से ही फिल्म सफल नहीं होती। कहानी मजबूत होना चाहिए। कहानी को आगे बढ़ाने वाले गाने होना चाहिए।