"मेरा 8 साल के बेटा समय इन दिनों बहुत दुखी है क्योंकि मैं शूट नहीं कर रही हूं। घर पर हूं। इस वजह से वह अपनी मनमानी नहीं चला पा रहा है।" यह बात मेघना गुलजा़र ने वेबदुनिया संवाददाता रूना आशीष को बताई। मेघना अपनी फिल्म राज़ी के प्रमोशनल इंटरव्यू देने में मसरूफ हैं ऐसे में उन्होंने अपनी मां राखी और अपने मां के किरदार की कुछ कहानियां हमसे भी साझा कीं।
आप कैसी मां हैं?
बहुत स्ट्रिक्ट मां हूं मैं।
आप घर और बच्चे की ज़िम्मेदारी में तालमेल कैसे बैठाती हैं?
मेरे पति (गोविंद संधु) सबसे बड़े हिमायती हैं मेरे। जब भी मैं घर के बाहर जाती हूं तो मेरे अंदर की मां सुकून से काम कर पाती है क्योंकि उसे मालूम है कि घर पर उसके बच्चे को उसकी कमी महसूस नहीं हो रही होगी। पापा हैं उसके पास।
बेटा समय जब छोटा था तो राखी के पास रहता था।
आज भी रहता है। जब मैं 'तलवार' के शूट के लिए घर से दूर थी या जब कभी शूट पर रहती हूं तो वो मां के पास ही रहा है। मैं कभी नहीं चाहती थी कि मेरा बच्चा नैनी या घरेलू नौकर के साथ रहे। नानी हमेशा उसके साथ और पास रही भले ही फिर वह नौकरों की मदद लेते रहे। वैसे भी मम्मा जब खुद फिल्मों में व्यस्त थीं तो वह काम के कारण मेरे साथ कम टाइम बिता पाती थीं। अब जब वह अपने नाती के साथ हैं तो अपने सारे शौक पूरे कर लेती हैं। नानी तो उन्हें बहुत ज़्यादा प्यार दुलार देती हैं। बहुत चॉकलेट -टॉफी भी हुआ, लेकिन जिस दिन से मेरी मां को मैंने डांट लगाई है वो भी ठीक वैसे ही समय को सम्हालने लगी जैसे वो मुझे सम्हाला करती थीं।
राखी कैसी मां रही हैं?
वह बहुत मज़बूत इरादे वाली मां रहीं। पापा की तरफ से अगर मुझमें संवेदनशीलता आई तो मां की वजह से संजीदगी आई। मैं हर मामले में एडजेस्ट कर तो लूं लेकिन सामने वाले की बात अगर गलत है तो मैं अपनी बात पर अड़ भी जाती हूं और ये ऐटिट्यूड मां से आया है।
राजी के दौरान सुनने में आया था कि समय भी कश्मीर आए थे?
मेरे लिए ये जीवन का बहुत संदर समय रहा। मुझे कश्मीर से अपनापन है। जब मैं बच्ची थी तो मां या पापा के शूट पर जाती थी, लेकिन अब इस बार जब मैं शूट पर थी तो मेरा बच्चा आया मुझसे मिलने। किसी समय के पहिए सा.. जिसने अपना चक्र पूरा कर लिया हो।
कहां घूमे आप लोग?
सेट पर तो वह बस पूछता रहा कि डल लेक कहां है? शिकारा कहा है? कब जाएंगे? उस समय तो नहीं लेकिन हमारा शूट खत्म होने के बाद एक बार फिर हम लोग कश्मीर गए और घूमे फिरे। जहां समय को जाना था या देखने की इच्छा थी वो हमने किया। हमने अपना नया साल कश्मीर की ठंड में मनाया।
आपने सरोगेट मां पर अपनी फिल्म 'फिलहाल' बनाई थी, जिसकी इवेंट पर राखी बहुत फूट फूट कर रो दी थीं।
वो तो आज भी रो देती हैं। मैं राजी की शूट फुटेज देखने जा रही थी तो वो रो दीं। मैंने कितना समझाया कि मैं कॉपी देखने जा रही हूं जंग पर नहीं जा रही, लेकिन वो ऐसा इसलिए भी रोती होंगी कि फिल्म का निर्देशक ही है जो शुरु से आखिर तक उससे जुड़ा है और मेरे मामले में तो लिखने से रिलीज़ तक मैं जुड़ी हूं। एक्टर्स या टेक्निशियन फिल्म करके चले जाते हैं। अब जब फिल्म रिलीज़ होती है तो ये आपका वो सपना होता है जो लोगों के सामने आता है और दर्शक उस सपने को पसंद भी कर सकते हैं। ठुकरा भी सकते हैं। मां शायद इसी असमंजस की हालत को देख तक डर के मारे रोने लगती हैं।
मेघना गुलज़ार द्वारा निर्देशित फिल्म राजी 11 मई को रिलीज हुई है। इसमें आलिया भट्ट और विकी कौशल मुख्य किरदार में हैं।