मुझे कभी भी एक जैसे रोल करने की इच्छा नहीं थी। मैं हमेशा चाहती थी कि अलग अलग तरीके के किरदार में निभाऊं सोचिए ना एक सेट पर गई तो एक रोल निभाया। वही दूसरे सेट पर गई तो किसी और तरीके का रोल निभाया। मुझे यह सब अच्छा लगता है। एक्टिंग में यही सब तो करने का अपना अलग मजा होता है।
मैं तो बहुत खुशकिस्मत हूं जो मेरे निर्माता और निर्देशक मुझे अलग अलग तरीके के रोल में देखते भी हैं और कास्ट भी करते हैं। अब मेरी फिल्म डबल एक्सेल की बात कर लीजिए। हाल ही में रिलीज हुई अपने रोल के लिए मैंने 20 किलो वजन बढ़ाया। बढ़ाने में तो मजा आया लेकिन घटाने में बिल्कुल नहीं आया।
यह कहना है हुमा कुरैशी का जो नेटफ्लिक्स की अगली फिल्म 'मोनिका ओ माय डार्लिंग' में मोनिका के किरदार को निभा रही हैं। अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए हुमा ने पत्रकारों को बताया कि मैं तो बहुत खुश हो गई थी। जब मुझे यह रोल मिला। मैं गई थी नेटफ्लिक्स ऑफिस में किसी और काम से वहां मुझे वासन यानी कि निर्देशक बैठे मिल गए। वासन के बारे में इतना बताते हैं कि गैंग्स ऑफ वासेपुर में वह असिस्टेंट डायरेक्टर टीम में थे और वो फिल्म मेरी पहली फिल्म थी तो अगर देखा जाए तो हम लोग साथ में ही नई मंजिल की तरफ बढ़ रहे हैं।
हुमा ने कहा, वासन से मैं कई बार बोली थी कि तुम मेरे लिए कभी कोई रोल नहीं रखते। मोनिका ओ माय डार्लिंग जब यह फिल्म की बात चल रही थी तो वासन ने मुझे बुलाया और कहा, एक बार इस रोल को सुन लो। मुझे रोल सुन कर बहुत मजा आया। और सबसे अच्छी बात वासन ने मुझे अपना काम अपने तरीके से करने की इजाजत भी दी। अमूमन होता यह है कि जब आप एक थ्रिलर फिल्म बनाते हैं तो बहुत साफ तरीके से बता दिया जाता है कि अच्छा इंसान है और यह बुरा इंसान है जबकि मोनिका ओ माय डार्लिंग में जो आप देखेंगे तो पाएंगे कि फेल होने के बावजूद भी किरदारों में बहुत अलग तरीके से पेश करने की कोशिश की गई है।
हमने आपको कैबरे करते हुए भी देखा है।
हां, मैं इस फिल्म में कैबरे कर रही हूं और मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आया है। मुझे बताया गया कि मेरा यह इंट्रोडक्टरी होने वाला है और मैं इस बात को सोचकर बड़ी खुश हो गई। इसके पहले कभी भी मेरा कोई इंट्रोडक्टरी सॉन्ग नहीं हुआ है। जो कोरियोग्राफर थे उन्होंने रेफरेंस रील बनाया था जिसमें उन्होंने हेलन जी परवीन बाबी और जीनत अमान इन सब का स्टाइल लिया और एक छोटा सा रील बनाया है।
मैंने वो रील देखा और सोचा यह पागलपंती है। इन को क्या लगता है कि मैं इतना अच्छा डांस कर लूंगी। पर फिर भी दिमाग में आया कि चलो करके देखते हैं। वैसे भी बतौर एक्टर जब आप हर नई चीज करना चाहते हैं, लेकिन आपको आसपास एक सपोर्ट सिस्टम लगता है जो आप पर विश्वास करें और आपको कहे कि यह काम हो जाएगा। तो मैंने भी काम करने की ठान ली। यह गाना 2 दिन में शूट किया और दोनों दिन में मैंने बहुत मजे लिए हैं इस गाने के।
क्या यह असली गाना पिया तू अब तो आजा का नया वर्जन है?
नहीं मुझे ऐसा लगता है कि पुराना जो असली गाना है, उसको छेड़छाड़ करके उस गाने की तौहीन नहीं करनी चाहिए। यह जो गाना सुन रहे हैं, यह एकदम नया रिकॉर्ड किया गया है और हमने पहले से ही तय कर रखा था कि उस गाने के साथ कुछ नहीं किया जाएगा जो असली है। हम ने नया गाना बनाया जो बहुत कुछ मोनिका ओ माय डार्लिंग इस गाने से मिलता-जुलता है और जब यह गाना रिलीज भी हुआ तो उस समय मैं लंदन में थी। अब टाइम जोन के अंतर की वजह से यह गाना मैं समय पर शेयर नहीं कर पाई। जब मैंने सोशल मीडिया पर देखा तो इतने सारे लोगों ने मुझे तारीफें भेजी, कंपलीमेंट्स भेजें और कहां तुम एकदम उसी समय की एक्ट्रेस की तरह लग रही हो। इस गाने को बहुत ही अच्छे से निभाया है तुमने।
आप को 10 साल हो गए इस इंडस्ट्री में कैसे देखती हैं अपने सफर को?
अच्छा था, जब शुरुआत में आई थी तो मैं बहुत खुश हूं कर आई थी कि मैं मुंबई में रहूंगी। अकेले रहूंगी। जब उठना है तब उठ जाऊंगी। जहां जहां मैं कोशिश करती गई कई बार ऐड फिल्म मिली। उसके बाद फिर गैंग्स ऑफ वासेपुर मिली। उसके बाद फिर कुछ और भी फिल्में मिल गईं। ऑडिशन देती थी तो काम तो मिलने लग ही जाता था। फिर बीच में हुआ है कि मैं कहीं गुम हो गई थी। अपने ऊपर एक प्रेशर ले लिया था कि मुझे इसी तरीके की फिल्म करनी है।
ऐसे में मेरा कोई मैटर नहीं है तो बहुत सारे लोग आप को समझाने के लिए आते हैं। शुरुआती एक या दो फिल्मों में रहते हैं। उसके बाद फिर सब चले जाते हैं। वहां से आपको सोचना पड़ता है। आपके दिल में आता है कि हां मुझे थोड़ा बहुत फिल्मी दुनिया समझ में आई। लेकिन इतनी भी नहीं आई कि तुम मुझे छोड़कर चले जाओ। यह वह समय था जब मैं ज्यादा सोचने लग जाती थी की फिल्म अच्छी है या नहीं मुझे ऐसी करनी चाहिए या नहीं करनी चाहिए। वह समय मुझे जरूर थोड़ा सा बुरा बुरा लगा।
लेकिन कोविड के दौरान पता नहीं क्या हुआ। मेरे जैसे कई सारे लोगों ने यह सोचा होगा कि क्या होगा। अगर एक दिन दुनिया रुक गई। आपको मालूम ही नहीं कि आप अगले दिन रहने वाले हैं, नहीं रहने वाले हैं तो ऐसे में अगर मैं मुड़कर देखती हूं तो क्या मेरा जो काम किया हुआ है वह अच्छा है। कहां है मेरा काम मैं अपने आप को कहां आंक सकती हूं। उस दिन के बाद से सोच लिया कि मैं अब रुकूंगा नहीं। जैसा काम आ रहा है, उसमें मस्ती करूंगी और खूब मजे लेकर वो काम करूंगी। ऐसे में फिर महारानी मेरे सामने आया। वह भी इतना दमदार किरदार था। बड़े मजे से मैंने किया है।
उसकी एक और बात बताती हूं। महारानी में यह जो किरदार मैंने निभाया था, वह तीन बच्चों की मां थी। यानी तीन बच्चों की मां हो ना तो लगभग ऐसा हो जाता है कि किसने गाली दे दिया। किसी ने यह बोला कि क्यों ना ऐसा करो कि आपस में कुछ बात कर के एक बच्चे की मां बन जाऊं तो मुझे वह भी बड़ा अजीब लगता था। फिर मैंने सोचा कि आप इस कहानी को तो देखो मेरे रोल को तो देखो। गांव में शादी है, जल्दी हो जाती है।
महारानी में जो किरदार मैं निभा भी रही हूं, वह 27 साल की है। भले ही 3 बच्चों की मां है। उसके बाद सोचना छोड़ दिया और यह तय कर लिया कि जो किरदार सामने आया, रोचक लग रहा है तो कर लेना चाहिए। बिल्कुल अपने आपको अपनी खुद की सोच के दायरे में कैद नहीं करना चाहिए। आप सोचिए महारानी जैसे सीरीज कर रही थी।
इस बीच संजय लीला भंसाली जी की शिकायतें यह वाला गाना मुझे मिल गया। इन्हें सुबह मैं ऐसा उपले थापने वाला रोल निभा रही हूं और शाम को मैं संजय लीला भंसाली जी के लिए शूट कर रही हूं। मोनिका ओ माय डार्लिंग की ही बात कर लीजिए। इतने अलग-अलग कलाकार एक ही साथ है और हमें एक साथ काम करने का मौका मिल रहा है। मैंने इतना नहीं सोचती हूं। एक बार ऐसा रोल करके देखते हैं ना मजा ही आएगा।
Edited By : Ankit Piplodiya