Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

सिलेक्शन की बात सुनकर लगा कि मैं रोने लगूंगी : सेहर बंबा

हमें फॉलो करें सिलेक्शन की बात सुनकर लगा कि मैं रोने लगूंगी : सेहर बंबा

रूना आशीष

, बुधवार, 25 सितम्बर 2019 (06:03 IST)
'मैं और मेरे पापा-मम्मी हम लोग होटल में खाना खाने गए थे। मेरे सामने मैन्यू कार्ड था, जो मैंने खोला ही था कि मुझे इस फिल्म के प्रोडक्शन टीम से फोन आया कि कल आकर सनी सर से मिल लो, आपकी मीटिंग है। मेरे से उस समय न खाना खाया गया, न मैं सो सकी। अगले दिन जब मैं ऑफिस में गई तो टेबल पर पानी और टिश्यू पेपर सब तैयार रखे थे। मैं सोच रही थी कि अब सनी सर कहेंगे कि तुम्हारा ऑडिशन तो अच्छा था लेकिन आपको हम साइन नहीं कर पाएंगे। लेकिन हुआ उल्टा। उन्हें लगा था कि सिलेक्शन की बात सुनकर मैं रोने लगूंगी लेकिन मैं तो कुछ बोल ही नहीं सकी।


सनी देओल की फिल्म 'पल पल दिल के पास' की हीरोइन सेहर बंबा की यह फिल्म हाल ही में रिलीज हुई है। पेश है उनसे बातचीत:
आपको सनी की कौन सी फिल्में पसंद थीं?
मैंने उनकी कई फिल्में देखी हैं, जैसे 'घायल' या 'दिल्लगी'। उनके साथ काम करना इतना आसान हो जाता है। वो आपको बहुत कंफर्टेबल फील कराते हैं। मैं जहां भी कोई सीन करने में परेशान हो जाती, वो हमेशा मेरे लिए खड़े रहते। उनका कहना था कि किसी सीन को जबरदस्ती मुश्किल बनाने की जरूरत नहीं होती। उस बात को महसूस करो और वो कर दो।

आपके टीजर लॉन्च के दौरान सनी ने बियर ग्रिल्स की बात कही थी?
हां, मुझे तो शूट के दौरान कितनी बार बियर ग्रिल्स का याद आई। मैं शिमला से ही हूं। लेकिन जहां शूट किया वहां तो शायद ही शिमला के लोग गए होंगे। शिमला के पास में ही हम शूट कर रहे थे। वहां 8 किलोमीटर का तो ट्रैक होता था। हम सुबह 3-4 बजे उठकर जाते थे। हम शूटिंग वाली जगह पर भी रहे हैं। टेंट में सोए हैं। सुबह उठकर देखते थे कि पानी भी जम गया है पूरा। मुझे तो पहले ही दिन से बियर ग्रिल्स के 'मैन वर्सेज वाइल्ड' वाली फीलिंग आने लगी थी।

ये करण की डेब्यू फिल्म है, आपको कभी लगा कि सारी लाइमलाइट उन्हें मिलेगी?
ये खयाल तो आया ही नहीं। कभी नहीं सोचा कि किसकी डेब्यू है या नहीं या मेरे सामने किसका बेटा खड़ा है। ये मेरी डेब्यू फिल्म है और इसमें मैं जितना अच्छा कर सकती हूं, उतना अच्छा करूं।

करण क्या स्टारकिड की तरह पेश आते हैं?
वो मेरे किसी भी आम दोस्तों जैसे ही हैं। स्टारकिड के जैसे तो पता नहीं लेकिन वो बड़े ही शर्मीले इंसान हैं और बहुत खुलते नहीं हैं और मैं भी ऐसी ही हूं। मुझे समय लगता है कि मैं किसी से बहुत सारी बातें कर सकूं या दोस्ती कर सकूं। तो हमें एक-दूसरे के साथ खुलने में जरा समय लगा। लेकिन जब दोस्ती हुई तो इतनी अच्छी हुई कि हम बहुत करीबी दोस्त बन गए। आम दोस्तों की तरह हम भी लड़े-झगड़े फिर हम फिर दोस्त बन जाते और हर लड़ाई के साथ हमारी दोस्ती और भी मजबूत बन जाती। आज ये आलम है कि इस शहर में अगर मुझे कोई परेशानी हो कई तो मैं करण को ही फोन लगाऊंगी।
फिल्म में आपके कैरेक्टर का नाम भी सेहर है, कोई तो कहानी होगी इसके पीछे?
फिल्म में करण का नाम करण था लेकिन मेरा नाम मेहर था यानी कहानी मेहर और करण के प्यार की थी। एक दिन फिल्म के लेखक ने सनी सर से पूछा कि असली नाम ही रखते हैं। मेहर को सेहर कर दें तो चलेगा? वो तो बिना कोई ना-नुकुर किए मान गए। तो हीरोइन का नाम असली में भी सेहर और फिल्म के अंदर भी सेहर।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भारतीय‍ फिल्मों के पितामह दादा साहब फाल्के के बारे में संपूर्ण जानकारी