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'प्यार का पंचनामा 2' पहले पार्ट से बिलकुल अलग : कार्तिक आर्यन

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प्यार का पंचनामा 2 रिलीज होने जा रही है। इसमें कार्तिक आर्यन मुख्य भूमिका में है। पेश है कार्तिक से बातचीत के मुख्य अंश : 
 
प्यार का पंचनामा के बाद आपकी जोड़ी ही 'प्यार का पंचनामा 2' में भी हैं। इसकी क्या वजह है? 
शायद पार्ट 1 में ऑन स्क्रीन हमारी केमिस्ट्री लोगों को अच्छी लगी हो। पहले पार्ट में मेरा एक लम्बा मोनोलॉग था, जिसे लोगों ने  बहुत पसंद किया था। इस फिल्म में भी ऐसा कुछ है। तो, हो सकता है लव सर ने सोचा हो कि यह बंदा अच्छा रहेगा। उनकी दूसरी फिल्म 'आकाशवाणी' में भी हम थे। केवल एक -दो को छोड़कर बाकी पूरी टीम वही है।
 
'प्यार का पंचनामा 2' को लेकर क्या कहेंगे?
'प्यार का पंचनामा 2' के नैरेशन के समय ये ख्याल आया था कि ये पहले वाली से कितनी अलग होगी या लोग इसमें पहले वाली कौन सी बात ढूंढेंगे। लेकिन उसी समय ये क्लीयर हो गया था कि यह रिपीट फिल्म नहीं है। ट्रेलर से मिले रिस्पॉन्स से मुझे ऐसा लगा है कि लोगों में 'प्यार का पंचनामा 2' देखने की इच्छा है। 
आपका किरदार क्या है?
मुझे सब गोगो बुलाते हैं, असल नाम तो अंशुल है।  स्ट्रांग कैरेक्टर है। गोगो आत्मविश्वासी और स्पष्ट ख्यालात का मस्तीखोर है। वह अच्छा कमा रहा है, उसके पास अच्छी गाड़ियां हैं, लेकिन जब वह एक रिलेशनशिप में पड़ता है तो उसके साथ उस रिश्ते के कारण क्या -क्या अन्याय होता है यही सब है।
 
बीटेक की पढ़ाई के बीच अभिनय का निर्णय लेते समय दिल और दिमाग के बीच लड़ाई भी हुई होगी?
फिल्म लाइन से मेरा दूर-दूर तक नाता नहीं हैं। मेरे माता - पिता दोनों डॉक्टर हैं। 10 वीं में था जब पहली बार एक्टर बनने का ख्याल आया। लेकिन किसी को बताया नहीं। मेरे लिए दो ही रास्ते थे डॉक्टर या इंजीयरिंग क्योंकि मेरे दोनों भाई इसी लाइन में हैं। मैं इंजीयरिंग की तैयारी का कह कर दिल्ली आ गया और ऑडिशन भी ढूंढता रहा। मुंबई जाने का रास्ता बनाया और नवी मुंबई के एक कॉलेज में बीटेक में एडमिशन ले लिया। यहाँ एक्टिंग क्लासेस भी गया। फेसबुक पर मैंने एक कॉस्टिंग डायरेक्टर से संपर्क किया और ऑडिशन दिया और सेलेक्ट हो गया। उसके बाद मैंने ये बात मम्मी को बताई तो कुमार जी के ऑफिस में मेरी मम्मी और मौसी के साथ मेरी मीटिंग हुई। वे लोग मम्मी को मेरा ऑडिशन दिखा गर्व करा रहे थे। मम्मी ने कहा कि तेरी इच्छा है तो कर ले, लेकिन पढाई भी पूरी करना। 
 
'प्यार का पंचनामा 2' युवाओं के आधुनिक रिश्ते की कहानी है। लड़का -लड़की संबंधों में एक परीक्षा की घड़ी आती है प्रपोज़ करने की। ये पहल हमेशा लड़कों को ही क्यों करनी चाहिए?
मेरे ख्याल से इसकी पहल तो कोई कर सकता है, लेकिन जनरली लड़कियां चाहती हैं कि ये काम लड़के ही करें। मैं लड़कियों से कहना चाहूँगा कि हम भी शरमा जाते हैं और कभी-कभी तो डरते भी बहुत हैं कि कैसे कहें, कहीं दोस्ती ना टूट जाए। हम अपने अंदर कुछ ज़्यादा ही डर पैदा कर लेते हैं। 

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