भाबीजी घर पर हैं फेम शुभांगी अत्रे ने कहा- टीवी एक्टर्स को नहीं मिलती इज्जत
शुभांगी अत्रे का बड़ा बयान: “AI से बदल जाएगी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री, डरावना है ये बदलाव''
'भाबीजी घर पर हैं' की अंगूरी भाबी यानि शुभांगी अत्रे ने टीवी इंडस्ट्री में हो रहे बदलावों पर बेबाक राय दी है। एक्ट्रेस का मानना है कि आने वाले 5 सालों में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री पूरी तरह से ट्रांसफॉर्म हो सकती है, और इसके पीछे सबसे बड़ा हाथ होगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का।
शुभांगी अत्रे कहती हैं, “मनोरंजन जगत पहले ही बहुत बदल चुका है, खासकर कोविड के बाद। वर्क कल्चर से लेकर बजट तक सब कुछ अलग हो गया है। अब आने वाले पांच सालों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के चलते और भी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। ये थोड़ा डरावना जरूर लगता है, लेकिन एक चीज़ पर मेरा अब भी भरोसा है, कंटेंट ही किंग है।”
वे कहती हैं, “अगर आप अच्छा कंटेंट बनाते हैं, तो वो जरूर दर्शकों तक पहुंचेगा और चलेगा। आजकल हर कोई स्ट्रेस में है, और म्यूज़िक व एंटरटेनमेंट ही उन्हें थोड़ी राहत देते हैं। हमें और अधिक क्वालिटी कंटेंट पर फोकस करना चाहिए।”
टीवी एक्टर्स को क्यों नहीं मिलती उतनी इज्ज़त?
जब शुभांगी से पूछा गया कि वह इंडस्ट्री में क्या बदलाव देखना चाहती हैं, तो उन्होंने दो अहम मुद्दे उठाए। “पहली बात, टीवी का कंटेंट आज भी थोड़ा पिछड़ा (रिग्रेसिव) है। हमें और ज्यादा प्रोग्रेसिव, यानि समाज के साथ चलने वाले, सोच को आगे बढ़ाने वाले शोज़ बनाने चाहिए।”
वे आगे कहती हैं, “दूसरी बात ये कि टीवी एक्टर्स को वो सम्मान नहीं मिल पाता जिसके वे हकदार हैं। एक धारणा बन चुकी है कि टीवी एक्टर्स ओवरएक्सपोज़्ड हैं या उनमें उतना टैलेंट नहीं होता। लेकिन हकीकत ये है कि डेली सोप्स करना मज़ाक नहीं है—ये एक फुल टाइम कमिटमेंट है। हर प्लेटफॉर्म पर परफॉर्मर की मेहनत को पहचान मिलनी चाहिए।”
इंडस्ट्री में सर्वाइवल ऑफ द फिटेस्ट है रियलिटी
शुभांगी मानती हैं कि इंडस्ट्री की प्रतियोगी प्रकृति कभी नहीं बदलेगी। “यहां कंपटीशन बहुत रियल है। कई बार लोग कुछ रोल्स नहीं करना चाहते या प्रोजेक्ट्स छोड़ देते हैं, यह उनका पर्सनल चॉइस होता है। मैं उसका सम्मान करती हूं।”
“लेकिन अगर कोई इंसान ज़्यादा कमिटेड, अनुशासित और काम के लिए तैयार है, तो उसे मौके ज़रूर मिलेंगे। यही है असली सर्वाइवल ऑफ द फिटेस्ट। बस ध्यान रखें कि किसी से काम छीनो मत, लेकिन अगर कोई नहीं करना चाहता और आप कर सकते हो, तो जरूर करें। क्योंकि स्टारडम स्थायी नहीं होता, और कोई भी चीज़ अपूरणीय नहीं होती।”
वे अंत में कहती हैं, “हम सब स्क्रीन पर सिर्फ कुछ समय के लिए हैं। असल मायने ये रखते हैं कि हमने कैसा काम किया और लोग हमें कितना याद रखते हैं।”