Ayushmann Khurrana Interview: मेरी बड़ी इच्छा है कि मैं अपने साथ काम करने वाली और फिल्म इंडस्ट्री में जितनी भी एक्ट्रेस काम करती हैं, उन सभी को डराऊं उनकी रातों की नींदें उड़ा दूं। उन्हें इतना परेशान कर दूं कि देखो अब आयुष्मान भी एक लड़की बनकर आ गया है और वह कितनी बला की खूबसूरती लेकर आया है। मैं तो यह भी चाहता हूं कि इस साल का बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड का नॉमिनेशन भी मुझे जाए और अवार्ड भी मुझे मिल जाए तो कुछ इस तरीके से चुटीली बातों के साथ आयुष्मान खुराना मीडिया से मुखातिब हो रहे हैं।
आयुष्मान खुराना की फिल्म 'ड्रीम गर्ल 2' जल्द ही लोगों के सामने आने वाली है। मीडिया से बातचीत करते हुए अपनी फिल्म के बारे में। आयुष्मान ने यूं तो कई सारी बातें बताई। लेकिन साथ ही में कुछ बातों को बहुत संजीदगी से भी मीडिया के सामने रखने की कोशिश की।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए आयुष्मान बताते हैं कि मुझे यह रोल निभाते समय खास दिक्कत तो नहीं हुई कपड़े और मेकअप जेवर यह सब आपको मिल जाता है, लेकिन आप लड़कियों वाली अदाएं कैसे लेकर आएंगे इस बात पर बात ठहर जाती है। लेकिन भला हो मैंने अपने पुराने समय में बहुत ज्यादा थिएटर किया है। रेडियो जॉकी भी रहा हूं। और नाट्यशास्त्र में भी पढ़ा है कि कैसे नौ रस होते हैं तो इन सब को अपना लिया मैंने। और अपने अंदर की जो फेमिनिन एनर्जी है उसको जगाए रखा और इन सब की वजह से मुझे अपना रोल करने में आसानी हुई।
सालों से पुरुष महिला बनते आ रहे हैं लेकिन कई बार ऐसे एक। हंसी मजाक के रूप में दिखाया जाता है। यही रोल अगर आपको बहुत संजीदगी के साथ करना होता तो क्या आप निभाते? क्या कभी ट्रांसजेंडर का रोल करते।
बिल्कुल, आज भी देश के कई गांव में रामलीला होती है या नाटकों का मंचन होता है तब द्रौपदी या सीता किसी पुरुष पात्र को ही निभाना पड़ता है। हाल ही में फिल्म जो ताली भी आई है जिसमें एक ट्रांसजेंडर की कहानी को दिखाया गया है। कभी ऐसी भूमिका मुझे मिली तो मुझे यह निभाने में अच्छा लगेगा। लेकिन फिर भी मैं तो यही कहूंगा कि ऐसी भूमिका के लिए किसी ट्रांसजेंडर को ही आगे आना चाहिए और उसे यह भूमिका निभानी चाहिए।
आपकी जिंदगी में ऐसी कोई महिलाएं रही है जिनसे आप बहुत गहरे तौर पर जुड़े और शायद उनकी कोई बातें आपने अपने रोल में उपयोग में लाई हो।
मैं अपनी जिंदगी में बहुत सारी स्ट्रांग महिलाओं से घिरा हुआ हूं चाहे वह मेरी पत्नी हो चाहे वह मेरी मैनेजर ही क्यों ना हो। लेकिन फिर भी इस रोल के लिए मैंने रोल मॉडल के तौर पर किसी ऐसे एक्टर का अनुसरण नहीं किया जो एक्टर होने के बाद उसने फीमेल कैरेक्टर किया हो और मैं उन एक्टर की नकल कर लूं। मैंने बजाय इसके असली ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी और माधुरी दीक्षित जी को कॉपी करने की कोशिश की है। मुझे लगा वह मेरा बेंचमार्क है और मैं इनके जैसे अदायगी लाने की कोशिश करता हूं।
इस रोल को निभाने में कहीं कोई चुनौती का सामना किया।
नहीं, ऐसे बहुत बड़ी चुनौती का तो नहीं कह सकता। एक एक्टर को जितने अलग अलग वेशभूषा और अलग अलग तरीके के कैरेक्टर करने का मौका मिले, उसके लिए वह एक बेहतरीन मौका बन जाता है और मैंने अपने इस मौके का बहुत अच्छे से इस्तेमाल भी किया है। हां, तकलीफें बिल्कुल आई है। अब जैसे 40-45 डिग्री पर मैं शूट कर रहा हूं। पसीने से भीगा हुआ हूं। और मुझे अपना वेट भी संभालना है। मुझे अपने कपड़े भी संभालने है। मुझे एक्टिंग भी करनी है तो वहीं पर कभी यह भी हो जाया करता था कि पसीना आ गया है, मेकअप किया हुआ है लेकिन 3 घंटे बाद मेरी दाढ़ी बढ़ गई है तो फिर शेविंग करो और फिर से मेकअप करो।
एक बात समझाने के लिए बताते हैं जैसे शिवजी का अर्धनारीश्वर रूप है जिसमें आधे शिव होते हैं और आधी माता पार्वती का वास होता है। वह आपने भी निभाया है जिसमें आपको शिव रूप भी दिखाना है तो वहीं पार्वती रूप भी दिखाना है। कैसे बैलेंस किया?
मेरे हिसाब से हर व्यक्ति में चाहे वह मर्द हो या औरत हो, कहीं ना कहीं दूसरा एलिमेंट होता है। अगर कोई एक पुरुष है तो उसमें महिला स्वरूप ही होता है तभी तो वह एक धैर्यवान व्यक्ति बन पाता है। वह लोगों को प्यार से जीत पाएगा और अगर यह सारी। खासियत ए खूबियां जो महिलाओं में होती है, एक पुरुष अपने अंदर उसे संजो कर रखेगा। अपनी संवेदनशील फेमिनिन एनर्जी को उतना ही महत्व देगा यह हमारे समाज के लिए बहुत अच्छा होगा। इससे हम बेहतर समाज बना पाएंगे।
वही मैं यह भी कहना चाहता हूं कि एक। मेल एनर्जी महिला में भी होती है तभी तो वह सकारात्मक रूप से आगे बढ़ पाते हैं। कई सारी चुनौतियों का सामना कर पाती है। और मेरे इस कैरेक्टर के लिए! यह सम्मेलन एनर्जी को संजोए रखना और उसको उभारना बहुत ही मददगार साबित हुआ है। और शायद इसी तरीके से मैंने अपने पार्वती वाले रूप को भी सम्मान दिया है।