बिकिनी पर कोई रिएक्शन नहीं आया: सोहा अली खान
सोहा अली खान की फिल्म ‘मि. जो बी कारवाल्हो’ तीन जनवरी को रिलीज हो रही है। इस फिल्म में उन्होंने पुलिस इंस्पेक्टर का किरदार निभाया है। साथ ही पहली बार बिकिनी भी पहनी है। सोहा का कहना है कि उनके बिकिनी पहनने पर घर वालों ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है। पेश है सोहा से बातचीत के मुख्य अंश :
फिल्म “मि. जो बी कारवाल्हो” एक कॉमेडी फिल्म है, क्या आपने भी कॉमेडी की है?
पहली बार एक कॉमेडी फिल्म में अभिनय किया है। इसी के साथ यह एक ऐसी फिल्म है, जिसमें मुझे बहुत कुछ करने का मौका मिला है।
फिल्म में आपका चरित्र क्या है ?
मैंने पुलिस इंस्पेक्टर शांतिप्रिया फड़निस का चरित्र निभाया है, जो बैंगलोर पुलिस फोर्स की सदस्य है और ज्यादातर समय अंडरकवर रहती है। इस फिल्म में मुझे कई तरह के कास्ट्यूम पहनने का मौका मिला है। यह एक सिचुएशनल कॉमेडी है और इसके संवाद बहुत फनी है।
क्या पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका को निभाने के लिए आपको कुछ सीखने की जरूरत पड़ी ?
ऐसी जरूरत नहीं पड़ी, क्योंकि ज्यादातर समय तो मैं पुलिस स्टेशन से बाहर कार्लोस का पीछा करती हूं। एक दो सीन हैं, जहां पुलिस सुप्रिटेंडेंट से बातचीत होती है, जो नॉर्मल सीन हैं, बहुत ज्यादा सीखने की जरूरत नहीं पड़ी।
इस फिल्म के लिए आपको ही क्यों चुना ?
इसका सही जवाब तो फिल्म के निर्देशक समीर तिवारी दे सकते हैं। एक दिन वह मेरे घर पर इस फिल्म का ऑफर लेकर आए। मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी। मुझे स्क्रिप्ट पसंद आई। वे नए निर्देशक थे इसलिए थोड़ा हिचक रही थी पर जब पता चला कि फिल्म में अरशद वारसी और जावेद जाफरी भी हैं तो हिचक खत्म हो गई। मुझे लगा कि अब तक मैंने सारे तहजीब वाले या गर्ल नेक्स्ट डोर वाले किरदार निभाए हैं और पहली बार मुझे अपनी इमेज से हटकर चरित्र निभाने का मौका मिला है।
फिल्म की कहानी क्या है ?
इस फिल्म में मि. जो बी कारवाल्हो एक डिटेक्टिव है। जावेद जाफरी ने इंटरनेशनल हत्यारे कार्लोस का किरदार निभाया है। मैं पुलिस इंस्पेक्टर बनी हूं। शांतिप्रिया और मि. जो बी कालवाल्हो के बीच 6-7 साल तक प्यार रहा पर वह दूसरे शहर चले गए और यह प्यार टूट गया। लंबे समय बाद वह फिर वापस आते हैं पर पहली मुलाकात में शांतिप्रिया को लगता है कि मि. जो बी कारवाल्हो, कार्लोस है। यह बहुत तेज गति वाली फिल्म है और इसमें शांतिप्रिया गुंडों के साथ मारामारी भी करती है।
क्या इन एक्शन द्रश्यों के लिए आपको कुछ खास ट्रेनिंग लेनी पड़ी ?
सच कहूं तो मेरी ट्रेनिंग काफी समय से चल रही थी। मैंने याग्नेश शेट्टी उर्फ चीता से मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ली। कई वर्षों से लगातार जिम भी जा रही हूं। मेरी रूचि मार्शल आर्ट में बहुत पहले से रही है इसे मैं सीखना चाहती थी। अब इस फिल्म के बहाने इसे सीख लिया पर फिल्म की शूटिंग शुरू होने की वजह से सिर्फ तीन क्लास तक ही मार्शल आर्ट सीख पाई। मैंने सीखा कि बॉक्सिंग कैसे करते हैं, सेल्फ डिफेंस कैसे किया जाए। यह भी सीखा कि फिल्म की शूटिंग के दौरान किस तरह से एक्शन किया जाए कि अपने आपको भी बचाए रखें और जिसके साथ हम सीन कर रहे हैं, उसे भी बचाएं, पंच मारना भी सीखा।
चर्चा है कि फिल्म एक जासूस की कहानी है पर इसमें जासूस कहां है ?
इस फिल्म में हर कोई जासूसी करने की कोशिश कर रहा है, जबकि किसी भी पात्र की बुद्धिमत्ता का स्तर इतना उंचा नहीं है। इसमें कोई भी आइंस्टाइन नहीं है, मि. जो भी बुद्धिमान नहीं है पर वह डिटेक्टिव है, हम सभी को कार्लोस की ही तलाश है।
इस फिल्म में आपने बिकनी पहनी है तो घर में क्या रिएक्शन रहा ?
कोई रिएक्शन नहीं। मेरे भाई सैफ अली खान फिल्में बहुत कम देखते हैं, टीवी भी नहीं देखते। उन्होंने मेरी एक फिल्म “रंग दे बसंती” देखी थी। अम्मा भी कम फिल्में देखती हैं। हम लोग घर पर प्रोफेशनल बातें बहुत कम करते हैं।
अरशद वारसी के साथ आपने पहली बार काम किया है, कैसा अनुभव रहा ?
मैनें इस फिल्म में अरशद के साथ पहली बार काम किया है, जबकि मेरे भाई सैफ के अलावा कुणाल खेमु और करीना उनके साथ काम कर चुके हैं। अरशद के साथ काम करने का अनुभव बहुत अच्छा रहा। फिल्म की शूटिंग के पहले ही हमारी मुलाकात हो चुकी थी। मुझे अरशद का निजी व्यक्तित्व पसंद है। वह बहुत कूल इंसान हैं। उनका सेंस ऑफ ह्यूमर गजब का है। सेट पर बहुत कॉन्ट्रिब्यूट करते थे।
कुणाल खेमू बहुत कम फिल्में कर रहे हैं ?
हां, वह कुछ अच्छा काम करना चाहते हैं। लोग हमें एक साथ लेने से डरते हैं कि दर्शक निजी जिंदगी की जोड़ी को परदे पर शायद न देखना चाहे। वैसे उनकी उम्र भी कम है तो उनके पास अच्छे काम का इंतजार करने के लिए बहुत समय भी है। अच्छी व खास प्रेम कहानी हो तो मैं और कुणाल एकसाथ काम करना चाहेंगे।
दूसरी कौन सी फिल्म कर रहीं हैं ?
एक थ्रिलर फिल्म “चार फुटिया छोकरे” कर रही हूं, जिसका दो चार दिन का काम बाकी है। इसकी शूटिंग हम 6 जनवरी 2014 से शुरू करके 11 जनवरी तक पूरी कर लेंगे। इस फिल्म में कोई हीरो नहीं है। मेरे साथ तीन 12 साल के बच्चों ने काम किया है। यह कमर्शियल फिल्म है या नहीं यह तो नहीं जानती पर एक बेहतरीन स्क्रिप्ट पर यह फिल्म बनी है। इसमें चाइल्ड एज्युकेशन, चाइल्ड लेबर, चाइल्ड वेश्यावृति सहित बच्चों से जुड़ी तमाम समस्याओं को उकेरा गया है।