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ब्रेक लेना पसंद नहीं- मोहित सूरी

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मोहित सूरी ने अपने करियर की शुरूआत 2005 में ही की थी। और दो सालों में उन्होंने चार फिल्में बनाईं। इन्होंने हमेशा फिल्म के विषय पर ही ध्यान दिया है, कलाकारों पर नहीं। यही वजह रही है कि अभी तक इनकी फिल्मों से ज्यादा बड़े कलाकारों के नाम नहीं जुड़ पाए हैं। मोहित सूरी की अगली फिल्म 'आवारापन' पूरी तरह बनकर तैयार है। आइए मोहित से ही जानते हैं इस फिल्म के बारे में-

*आप एकमात्र ऐसे निर्देशक हैं, जो अपनी फिल्में कम-से-कम समय में तैयार कर लेते हैं और फिल्म बनने के बाद ब्रेक भी नहीं लेते। आपकी इस ऊर्जा का क्या राज है?

-मैं जो करता हूँ अपनी पसंद से करता हूँ। अभी तक एक भी ऐसी सुबह याद नहीं, जब मुझे लगा हो कि आराम की जरूरत है। यही वजह है कि मैंने 22 साल की उम्र से ही निर्देशन शुरू कर दिया था।

*आपकी सभी फिल्में भावनाप्रधान होती हैं। क्या कारण है कि आप ऐसे ही विषयों को चुनते हैं?

-मैं वैसी ही फिल्में बनाना पसंद करूँगा, जो मुझे खुद थियेटर्स में देखना पसंद होगा। मैं खुद को दर्शक के रूप में रखकर ही फिल्में तैयार करता हूँ, निर्देशक बनकर नहीं। मुझे एक्शन फिल्में पसंद नहीं, इसलिए मैं ज्यादातर भावनात्मक फिल्में ही बनाने की कोशिश करता हूँ।

*आपकी पिछली फिल्म परवीन बॉबी के जीवन से प्रेरित थी। इस बार 'आवारापन' के जरिए आप दर्शकों को क्या प्रेरणा देना चाहेंगे?

-एक निर्देशक अपनी फिल्म की कहानी के माध्यम से ही अच्छा या बुरा साबित होता है। मेरी हमेशा यही कोशिश रहती है कि मैं ऐसी फिल्में बनाऊँ , जो मेरी पिछली फिल्मों से अलग हटकर हो। मैं ऐसी फिल्में बनाता हूँ, जिनसे लोगों को रोजमर्रा की जिंदगी में दो-चार होना पड़ता है। लेकिन मैं ये नहीं कहता कि मेरी सारी ही फिल्में वास्तविकता पर आधारित होती हैं। 'आवारापन' एक ऐसी फिल्म है, जिसे बनाने की तमन्ना हमेशा से मेरे मन में थी। यह एक ऐसे इंसान की कहानी है, जिसका भगवान पर कोई भरोसा नहीं और वह एक गैंगस्टर की पनाह में अपनी खुशियों की तलाश करता है। यह एक अलग तरह की कहानी है।

*क्या यह किसी अँग्रेजी फिल्म से प्रेरित है?

-हाँ, यह फिल्म कोरियाई फिल्म से प्रेरित है और मैं इससे इंकार भी नहीं करता। इस फिल्म की कहानी सामान्य हिन्दी फिल्म की कहानी की तर्ज पर ही बनाई गई है। मेरा ऐसा मानना है कि हरेक निर्देशक को किताबों और डीवीडी से प्रेरणा लेनी चाहिए।

*क्या वजह रही कि आपकी पहली फिल्म से लेकर अभी तक की फिल्म में इमरान ही नजर आए हैं?

-मैं ऐसे व्यक्ति के साथ काम करना चाहता हूँ, जो अपने काम को पूरी शिद्दत के साथ करे। इमरान को मेरे काम पर पूरा भरोसा है, और हमारा करियर भी साथ-साथ ही आगे बढ़ा है। फिल्म को लेकर हमारे बीच काफी विचार-विमर्श होता है। वैसे शाइनी आहूजा का काम भी मुझे काफी पसंद है। मुझे लगा कि 'वो लम्हे' के लिए शाइनी फिट हैं, इमरान नहीं। हमारी आपसी समझ काफी अच्छी है और मैं हमेशा उन्हें ही पहली प्राथमिकता दूँगा। वो एक ऐसे अभिनेता हैं, जिनके अभिनय में हर फिल्म के बाद निखार आया है।

*क्या आप बड़े कलाकारों की तुलना में नए कलाकारों के साथ सहज महसूस करते हैं?

-मैं हमेशा वैसे लोगों के साथ काम करना पसंद करता हूँ, जो फिल्म को बेहतर बनाने का प्रयास करते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिनके सेट पर आने के साथ ही ऐसा लगने लगता है कि वे पक्षपाती होकर काम कर रहे हैं। मैं उन सारे लोगों के साथ काम करने को तैयार हूँ़, जो चाहते हैं कि फिल्म अच्छी बने और उसके लिए प्रयास भी करते हैं। कलाकारों से भी ज्यादा महत्पूर्ण होती है, फिल्म।

*ऐसा कहा जा रहा है कि भट्ट बैनर की 'आवारापन' का बजट 18 करोड़ के करीब है। फिल्म से किसी बड़े कलाकार के न जुड़ने के बावजूद बजट इतना अधिक क्यों है?

-ये निर्णय भट्ट साहब का ही था। उनलोगों को धीरे-धीरे यह महसूस हुआ कि फिल्म का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है फिल्म की कहानी। यही सोचकर ज्यादातर पैसे फिल्म की कहानी के ऊपर खर्च किए गए। मैंने भट्ट साहब को केवल एक सुझाव दिया था और उन्होंने निर्णय लिया कि इस विषय पर काम होना चाहिए। फिर फिल्म का बजट तैयार किया गया।

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