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शॉर्टकट से कुछ हासिल नहीं होता : अमृता राव

हमें फॉलो करें शॉर्टकट से कुछ हासिल नहीं होता : अमृता राव
- चंद्रकांत शिंदे

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गर्ल नेक्स्ट डोर' के रूप में प्रसिद्ध अभिनेत्री अमृता राव ने 'विवाह' सरीखी कई फिल्मों में शानदार अभिनय करके बॉलीवुड में अपनी खास पहचान बनाई है। अब वह अनिल कपूर की फिल्म 'शॉर्टकट द कॉन' में ग्लैमरस अभिनेत्री का किरदार निभा रही हैं जो जल्द ही प्रदर्शित होने वाली है । अमृता की यह फिल्म दक्षिण की एक सुपरहिट फिल्म पर आधारित है। अमृता ने पहले भी 'मैं हूँ ना', 'दीवार', 'विक्ट्री', 'इश्क-विश्क', 'माइ नेम इज एंथोनी गोन्जाल्विज', 'वेलकम टू सज्जनपुर' आदि कई फिल्मों में अभिनय किया है। पेश हैं बातचीत के कुछ अंशः

फिल्म 'शॉर्टकट' में आप किस तरह का किरदार निभा रही हैं ?
इस फिल्म में मैं एक ग्लैमरस नायिका का किरदार निभा रही हूँ। मैंने इससे पहले इस तरह का पूरी तौर पर ग्लैमरस किरदार नहीं निभाया है। 'मैं हूँ ना' में मेरा किरदार थोड़ा-बहुत ग्लैमरस था और 'माइ नेम इज एंथोनी गोन्जाल्विज' में मेरा किरदार 'मैं हूँ ना' के मुकाबले थोड़ा और ज्यादा ग्लैमरस था, लेकिन शॉर्टकट के किरदार को ही मैं पूरी तरह ग्लैमरस मानती हूँ। यह आइडिया अनिल सर (अनिल कपूर) का था। जब उन्होंने मुझे इस फिल्म के लिए साइन किया उसी वक्त उन्होंने कहा कि मुझे ग्लैमरस नायिका का किरदार निभाना है। मैं भी खुश थी क्योंकि मुझे भी अपना ग्लैमरस रूप दर्शकों तक पहुँचाना था। मेरे लिए फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा को नियुक्त किया गया, जिन्होंने हर गाने के लिए मेरे स्टाइल पर विशेष रूप से काम किया है। उनके साथ मैंने पहली बार काम किया है। अगर दर्शकों को मेरा रूप पसंद आता है तो इसमें मनीष मल्होत्रा का बहुत बड़ा हाथ है। दर्शक भी मेरा यह नया ग्लैमरस रूप देख कर चकित होंगे क्योंकि 'विवाह' में उन्होंने मुझे जिस रूप में देखा है उससे यह रूप बिल्कुल अलग है। मनीष के साथ ही, मेरे स्टाइल पर अमीरा पूर्वानी ने भी बहुत ही काम किया है। इन दोनों ने मेरा पूरा रूप ही बदल दिया है। इस फिल्म के कारण मेरे पास ग्लैमरस किरदार के ऑफर अवश्य आएँगे।

कहा जाता है कि बॉलीवुड में छा जाने के लिए शॉर्टकट का सहारा लेना पड़ता है?
क्या आपको लगता है कि मैंने शॉर्टकट लिया है? अगर ऐसा होता तो आज तक मेरी कई फिल्में प्रदर्शित हो चुकी होतीं। मुझे अपने काम पर पूरा भरोसा है और मैं काम के सहारे ही आगे बढ़ना चाहती हूँ। अन्य नायिकाओं के बारे में मैं कैसे कुछ कह सकती हूँ। मेरा यहाँ न तो कोई गॉडफादर है और न ही कोई कैंप, बावजूद इसके मेरे पास अच्छी और बेहतरीन फिल्में हैं। यह काम मुझे मेरी मेहनत की वजह से ही मिला है।

जीवन में कभी आपने शॉर्टकट का सहारा लिया है ?
शॉर्टकट लेने से मैं हमेशा डरती हूँ। मुझे मेरे काम पर भरोसा है इसलिए मैं उस चक्कर में नहीं पड़ती। बचपन में मैंने एक बार ड्रॉइंग की परीक्षा में शॉर्टकट लेने का साहस किया था, मैं डर भी रही थी और इसी डर के चलते मैं पकड़ी भी गई थी। पकड़े जाने पर मुझे किसी को मुँह दिखाने की भी इच्छा नहीं हो रही थी। उसके बाद मैंने तय किया कि जीवन में फिर कभी भी शॉर्टकट नहीं अपनाऊँगी।

आपने यह किरदार किस वजह से करना मंजूर किया ?
यह फिल्म करने के पीछे कई वजहें हैं। सबसे पहले तो फिल्म की स्क्रिप्ट, उसके बाद निर्माता अनिल कपूर। अनिल कपूर ने जब मुझे फिल्म की कहानी सुनाने के लिए बुलाया और मैंने स्क्रिप्ट सुनी तो मुझे वह बहुत ही अच्छी लगी। जितनी अच्छी स्क्रिप्ट है उतना ही अच्छा मेरा किरदार है। मानसी का किरदार (फिल्म में मेरा नाम) सुनने के बाद मुझे लगा कि यह किरदार मेरे लिए ही बनाया गया है। साथ ही इस फिल्म के माध्यम से मुझे पहली बार पर्दे पर फिल्म अभिनेत्री का किरदार निभाने का मौका मिल रहा था इसलिए मैंने इसमें काम करने के लिए हामी भरी। हालाँकि वास्तव जीवन में मैं जैसी हूँ वैसा यह किरदार नहीं है, यह मेरे स्वभाव से एकदम अलग है।

यह फिल्म दक्षिण की सुपरहिट फिल्म पर आधारित है, क्या आपने वह फिल्म देखी है?
मैंने भी सुना है, लेकिन मैंने वो फिल्म देखी नहीं है और न ही मुझे अनिल कपूर या निर्देशक नीरज वोरा ने फिल्म देखने के लिए कहा। उनका कहना था कि फिल्म देखने के बाद मैं शायद उस फिल्म में काम करने वाली अभिनेत्री का किरदार मेरे दिमाग में रहेगा और शूटिंग के दौरान वह किरदार कभी भी बाहर निकल सकता है। मेरी फिल्म प्रदर्शित होने के बाद मैं दक्षिण भारत की वह फिल्म जरूर देखूँगी ताकि मुझे पता चले कि मैंने उससे अच्छा काम किया है या नहीं।

क्या आपने नीरज वोरा की कोई फिल्म देखी है ?
जिस तरह मैंने वास्तविक फिल्म नहीं देखी उसी तरह नीरज वोरा की भी मैंने एक भी फिल्म नहीं देखी है लेकिन उनके काम के बारे में मुझे अच्छी जानकारी है। वह बेहतरीन लेखक हैं और एक अच्छे अभिनेता भी। उनके अभिनय वाली कुछ फिल्में मैंने देखी है। अच्छे अभिनेता-निर्देशक के साथ काम करने का एक फायदा यह होता है कि वह पहले आपको अभिनय करके दिखा देता है जिससे आपको किरदार निभाने में आसानी हो जाती है। नीरज जी काम करते वक्त पूरी आजादी देते हैं जिससे आप खुद को और बेहतरीन करने की कोशिश करते हैं। जिस तरह मैं पहली बार ग्लैमरस नायिका का किरदार निभा रही हूँ उसी तरह पहली बार अभिनेता-निर्देशक के साथ काम कर रही हूँ।

अक्षय खन्ना के साथ आप दूसरी बार काम कर रही हैं। अक्षय में क्या बदलाव नजर आया?
अक्षय के साथ मैंने कुछ वर्ष पहले दीवार में काम किया था। वह बेहतरीन अभिनेता है। उन्हें अगर अच्छा किरदार दिया जाए तो वह उसमें कमाल करते हैं। संवेदनशील, हास्य, नायक, खलनायक सभी तरह के किरदार वह बखूबी निभाते हैं और दर्शकों ने भी उन्हें हर किरदार में स्वीकार किया है। उनका अभिनय अब और गहरा हो गया है। प्रियदर्शन की फिल्म 'हंगामा' में उन्होंने कमाल कर दिखाया था। उनकी लगभग हर फिल्म मैंने देखी है। इस फिल्म में वह दर्शकों के सामने एक अलग किरदार में नजर आने वाले हैं। हम दोनों की केमिस्ट्री बहुत अच्छी है इसलिए पर्दे पर हमारी जोड़ी अच्छी लगती है। उनके साथ फिर एक बार काम करके मैं बहुत खुश हूँ।

फिल्म में आप अनिल कपूर और संजय दत्त के साथ भी एक गाने में नजर आ रही हैं। इनके साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
अनिल कपूर और संजय दत्त बेहतरीन अभिनेता हैं। उनके साथ काम करने का सपना हर नायिका का होता है। मुझे इन दोनों के साथ काम करने का मौका मिलने से मैं बेहद खुश हूँ। भले ही एक गाने में मैं उनके साथ नजर आने वाली हूँ, लेकिन गाने की शूटिंग के दौरान इन दोनों से जो बातें मुझे सीखने को मिली वह मेरे करियर के लिए बेहद अहम होंगी। जो गाना हम तीनों पर फिल्माया गया है वह मेरे हिसाब से फिल्म का सबसे बेहतरीन गाना है। संजय दत्त और अनिल कपूर बेहतरीन डांसर भी है। आज भी वह दोनों जिस ऊर्जा के साथ डांस करते हैं उसे देख कर हम युवा उनके सामने बौने नजर आते हैं। गाने को भी किस तरह न्याय दिया जा सकता है, हर लाइन पर किस तरह भाव होने चाहिए, ये सब इन दोनों से सीखने को मिला। दोनों ने सेट पर कभी नहीं कहा कि हाँ चलो टेक लेते हैं बल्कि दोनों पहले रिहर्सल करते थे ताकि एक ही टेक में शॉट ओके हो। एक निर्माता के रूप में भी अनिल जी सफल हैं। मैंने कई बड़े बैनर में काम किया है लेकिन अनिल कपूर प्रोडक्शन में काम करने का एक अलग अनुभव था। इस फिल्म को बनाने में उन्होंने कोई कसर नहीं रख छोड़ी है।

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