‘झूम…..’ एक यादगार अनुभव : लारा दत्ता
‘झूम बराबर झूम’ से लारा दत्ता को बहुत सारी आशाएँ हैं। चार साल से लारा बॉलीवुड में है, इसके बावजूद वह अभी तक अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्षरत है। इस फिल्म की कामयाबी लारा के करियर को आगे बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती है। पेश है लारा से बातचीत : चार वर्षों से आप इस फिल्म इंडस्ट्री में हैं। आपका क्या अनुभव रहा है? बहुत ही शानदार। मैं ऐसी कई अभिनेत्रियों को जानती हूँ जो वर्षों से बॉलीवुड का हिस्सा हैं, इसके बावजूद वे अभी तक सही मौके की तलाश में हैं। जहाँ तक मेरा सवाल है, सिर्फ चार वर्षों में ही मुझे काफी अच्छे अवसर मिले हैं। कुल मिलाकर मुझे काफी कुछ सीखने को मिला है। यशराज फिल्म्स से जुड़कर आपको कैसा लगा? इस फिल्म उद्योग में हर कलाकार का सपना रहता है कि वह कम से कम एक बार करण जौहर की धर्मा प्रोडक्शन, यशराज फिल्म्स् और संजय लीला भंसाली के साथ काम जरूर करें। इन चार वर्षों में मैंने धर्मा प्रोडक्शन और यशराज फिल्म्स के साथ तो काम कर लिया है। यशराज फिल्म्स के साथ काम करना मेरी जिंदगी के सबसे यादगार अनुभवों में से एक है।‘झूम बराबर झूम’ किस तरह की फिल्म है? एक रोमांटिक कॉमेडी। अभिषेक बच्चन के साथ आप तीसरी बार (मुंबई से आया मेरा दोस्त, एक अजनबी) काम कर रही हैं। उनके बारे में कुछ बताए। एक अभिनेता के रूप में अभिषेक ने बहुत ही तरक्की की है। अब वह बिलकुल ही बदला हुआ अभिनेता दिखाई देता है। उसने अपने अभिनय के स्तर को बहुत ऊँचा उठाया है। वह अपनी गलतियों से सबक लेता हैं।इतने बढि़या कलाकार और निर्देशक इस फिल्म के साथ जुडे हैं। क्या शाद अली लगातार तीसरी हिट फिल्म देंगे? फिल्म का परिणाम बॉक्स ऑफिस पर क्या होगा, यह तो मैं नहीं जानती। लेकिन इतना जरूर कहूँगी कि यह फिल्म दर्शकों को बहुत पसंद आएंगी। शाद बहुत ही उम्दा निर्देशक है और उनका काम ‘बंटी और बबली’ तथा ‘साथियां’ में दिखाई देता है। अपने कलाकारों से अच्छा काम निकलवाने की उनमें अद्भुत क्षमता है। वह बहुत ही अलग और बुद्धिमान है। मैं आशा करती हूँ कि शाद कि हैट्रिक पूरी होगी।आपके हिसाब से दर्शकों को ‘झूम बराबर झूम’ क्यों देखनी चाहिए? यदि आप यह फिल्म मिस कर देते हैं तो जिंदगी में कुछ अच्छा देखने का मौका गँवा देंगे।