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सनी देओल : बॉलीवुड का माचोमैन

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बॉलीवुड के माचोमैन सनी देओल का नाम उन अभिनेताओ मे शुमार किया जाता है जिन्होंने लगभग तीन दशक से अपने दमदार अभिनय से दर्शकों के दिल में एक खास मुकाम बना रखा है।

 

 
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19 अक्तूबर 1952 को दिल्ली में जन्मे सनी देओल को अभिनय की कला विरासत में मिली। उनके पिता धर्मेन्द्र हिंदी फिल्मों के जाने-माने अभिनेता हैं। घर में फिल्मी माहौल रहने के कारण सनी देओल अक्सर अपने पिता के साथ शूटिंग देखने जाया करते थे। इस वजह से उनका भी रूझान फिल्मों की ओर हो गया और वह भी अभिनेता बनने का सपना देखने लगे।

सनी देओल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई से पूरी की। उन्होंने ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत अपने पिता की निर्मित फिल्म ‘बेताब’ से की। वर्ष 1983 में राहुल रवैल के निर्देशन में युवा प्रेम कथा पर बनी यह फिल्म टिकट-खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई।

बेताब की सफलता के बाद सनी को सोहनी महिवाल, मंजिल मंजिल, सनी, जबरदस्त जैसी फिल्मों में काम करने का अवसर मिला, लेकिन इनमें से कोई भी फिल्म टिकट खिड़की पर कामयाब नहीं हो सकी।

वर्ष 1985 में सनी देओल को एक बार फिर से राहुल रवैल के निर्देशन में बनी फिल्म ‘अर्जुन’ में काम करने का अवसर मिला जो उनके सिने करियर की एक और हिट फिल्म साबित हुई। इस फिल्म में सनी ने एक ऐसे युवा की भूमिका निभाई जो राजनीति के दलदल मे फंस जाता है। फिल्म की सफलता के साथ ही सनी देओल एक बार फिर से फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गए। फिल्म अर्जुन की सफलता के बाद सनी की छवि एंग्री यंग मैन स्टार के रूप में बन गई।

वर्ष 1990 में रिलीज ‘घायल’ सनी देओल के सिने करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में शुमार की जाती है। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए सनी देओल को र्सवश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्मफेयर पुरस्कार के साथ ही राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।
‘दामिनी’ (1993) सनी देओल के सिने करियर की एक और महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुई। इस फिल्म मे सनी ने अपनी विशिष्ट संवाद अदायगी से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए वह सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार और फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किए गए।

वर्ष 1993 से वर्ष 1996 तक सनी देओल के करियर के लिए बुरा वक्त साबित हुआ। इस दौरान उनकी कई फिल्में टिकट-खिडकी पर कामयाब नहीं हो सकी। बॉर्डर और जिद्दी की कामयाबी के बाद सनी देओल फिल्म इंडस्ट्री में एक बार फिर से अपनी खोई हुई पहचान पाने में कामयाब हो गए। बॉर्डर मे उन्होने महावीर चक्र विजेता मेजर कुलदीप सिंह के किरदार में जान डाल दी थी।

वर्ष 1999 में सनी ने फिल्म ‘दिल्ल्गी’ के जरिये निर्माण और निर्देशन के क्षेत्र में भी कदम रखा। वर्ष 2001 मे प्रर्दशित फिल्म ‘गदर एक प्रेम कथा’ सनी देओल के सिने करियर की सबसे सुपरहिट फिल्म साबित हुई। सनी देओल आज भी फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय हैं।(वार्ता)

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