मीना कुमारी और गुलज़ार के रिश्ते भावनाओं से भरे हुए रहे हैं। मीना ने मौत से पहले अपनी तमाम डायरी और शायरी की कापियाँ गुलज़ार को सौंप दी थीं। गुलज़ार ने उन्हें संपादित कर बाद में प्रकाशित भी कराया था। मीना-गुलज़ार की भेंट फिल्म ‘बेनज़ीर’ के सेट पर हुई थी। बिमल राय निर्देशक थे और गुलज़ार सहायक थे। शॉट रेडी होने पर स्टार को कैमरे तक लाने की जिम्मेदारी उनकी थी। यहीं से दोस्ती में अपनापन पनपता चला गया। बाद में गुलज़ार जब स्वतंत्र फिल्म निर्देशक बने तो फिल्म ‘मेरे अपने’ की मुख्य भूमिका गुलज़ार ने मीना को सौंपी। 1972 में मीना चल बसीं। ‘मेरे अपने’ कुछ समय बाद प्रदर्शित हुई और गुलजार स्वतंत्र फिल्म निर्देशक बन गए। आज भी गुलज़ार के ऑफिस में दीवार पर ट्रेजेडी क्वीन मीना कुमारी का चित्र बोलता-सा नजर आता है। सफलता की आवाजें गुलज़ार ने ‘मेरे अपने’ के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। एक के बाद एक अलग-अलग विषयों पर लीक से हटकर वे फिल्में बनाते रहे। ‘कोशिश’ फिल्म में गूँगे-बहरे माता-पिता की इच्छा है कि उनका बेटा उन जैसा नहीं हो। ‘आँधी’ फिल्म में इंदिरा गाँधी के जीवन की एक झलक है। मौसम, किनारा, खुशबू, अंगूर, नमकीन, इजाजत, लेकिन, लिबास और माचिस जैसी फिल्मों में उन्होंने इंद्रधनुषी रंग बिखेरे हैं। उनकी फिल्मों की विशेषताएँ ये हैं- * फिल्म में परफेक्शन होना जरूरी है। * उनके पात्र भावुक और संवेदनाओं से भरे होते हैं। * स्त्री-पुरुष संबंधों की बारीकियाँ गुलज़ार की अपनी विशेषता है। * उनकी फिल्मों के गीत कथानक के तानेबाने में बुने होते हैं। * कोई रिश्ता कभी खत्म नहीं होता, कोई रिश्ता कभी मरता नहीं है- यह दर्शन है गुलजार का। गुलज़ार के गीत गुलज़ार ने कई फिल्मों में गीत लिखे हैं। उनके गीत लिखने का अंदाज आम गीतकारों से जुदा है। संगीतकार आरडी बर्मन और गुलज़ार की जुगलबंदी ने अनेक हिट गीतों को जन्म दिया जो आज भी चाव से सुने जाते हैं। इस समय गुलज़ार एक गीतकार के रूप में सक्रिय हैं। गुलजार फिल्मोग्राफी (बतौर निर्देशक)
* मेरे अपने (1971) * परिचय (1972) * कोशिश (1972) * अचानक (1973) * खुशबू (1974) * आँधी (1975) * मौसम (1976) * किनारा (1977) * किताब (1978) * अंगूर (1980) * नमकीन (1981) * मीरा (1981) * इजाजत (1986) * लेकिन (1990) * लिबास (1993) * माचिस (1996) * हु तू तू (1999)
टीवी सीरियल
* मिर्जा गालिब (1988) * किरदार (1993)
प्रमुख किताबें
* चौरस रात (लघु कथाएँ, 1962) * जानम (कविता संग्रह, 1963) * एक बूँद चाँद (कविताएँ, 1972) * रावी पार (कथा संग्रह, 1997) * रात, चाँद और मैं (2002) * रात पश्मीने की * खराशें (2003)
प्रमुख एलबम
* दिल पड़ोसी है (आरडी बर्मन, आशा/ 1987) * मरासिम (जगजीतसिंह/ 1999) * विसाल (गुलाम अली/ 2001) * आबिदा सिंग्स कबीर (2003)