Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

बॉलीवुड 2017 : हिट-फ्लॉप फिल्म और फिल्म स्टार्स के प्रदर्शन पर एक नजर

हमें फॉलो करें बॉलीवुड 2017 : हिट-फ्लॉप फिल्म और फिल्म स्टार्स के प्रदर्शन पर एक नजर

समय ताम्रकर

बड़ा ही अजीब साल 2017 रहा बॉलीवुड के लिए। एक तरफ जहां आसमान की ऊंचाई छूने वाली फिल्म बाहुबली 2 प्रदर्शित हुई तो सलमान, शाहरुख, रणबीर और अजय देवगन जैसे सितारों की फिल्में धूल चाटती नजर आईं। समग्र रूप से आंकलन किया जाए तो यह साल बॉलीवुड के लिए बुरा रहा। फिल्में पिटने का सिलसिला यूं तो वर्षों से चला आ रहा है, लेकिन इस साल फिल्म इतनी बुरी तरह पिटी की व्यवसाय की नींव हिल गई। रंगून, जब हैरी मेट सेजल, ट्यूबलाइट, शेफ, भूमि, राब्ता, जग्गा जासूस जैसी फिल्मों के बारे में किसी ने भी नहीं सोचा था कि ये इस कदर फ्लॉप रहेंगी। फिल्म माध्यम तो जिंदा है और रहेगा क्योंकि नए-नए प्लेटफॉर्म आ रहे हैं जिन्हें कंटेंट की जरूरत है। अपना चैनल जिंदा रखने के लिए कार्यक्रम और फिल्म चाहिए, लेकिन सिनेमाघरों में सिकुड़ता व्यवसाय चिंता का विषय बन गया है। दर्शक अब पहले से ही फैसला लेने लगे हैं कि फलां फिल्म वे सिनेमाघर में देखेंगे और फलां फिल्म नहीं देखेंगे। फिर चाहे वो फिल्म अच्छी हो या बुरी। जैसे दिवाली या क्रिसमस पर लोग पैसा खर्च करने के मूड में रहते हैं और इस कारण कमजोर फिल्म भी अच्छा प्रदर्शन कर जाती है। बढ़ती टिकट दर तो एक कारण है ही, लेकिन सिनेमाघर में फिल्मों के प्रति उदासीनता भी बढ़ी है। स्क्रीन की साइज अब महत्वपूर्ण नहीं रह गई है। मोबाइल के पांच इंच के स्क्रीन पर भी लोगों को आनंद मिलने लगा है। साथ ही मनोरंजन के कई विकल्प भी आ गए हैं। दर्जनों चैनल्स पर सैकड़ों फिल्में रोजाना घर पर देखने का विकल्प है। इंटरनेट का माध्यम है। सोशल मीडिया पर व्यस्त रहना कई लोगों को फिल्म देखने से ज्यादा मनोरंजक लगता है। पायरेटेड फिल्में रिलीज होने वाले दिन ही उपलब्ध हो जाती है, लिहाजा सिनेमाघर में टिकट खरीद कर फिल्म देखने वाले दर्शकों की संख्या प्रतिवर्ष घटती जा रही है और इस वर्ष बॉलीवुड को करारा झटका लगा है। कुछ सिनेमाघर कम टिकट दर में भी फिल्म दिखाते हैं, इसके बावजूद दर्शक नहीं मिलते। 
 
ब्लॉकबस्टर फिल्में :
अजीब बात है कि जिस फिल्म (बाहुबली 2) ने सर्वाधिक व्यवसाय किया है वो दरअसल एक डब फिल्म है। बाहुबली 2 की कमाई ऐसी थी कि हिंदी फिल्म निर्माताओं की आंखें चौंधियां गईं। चोपड़ा और जौहर जैसे निर्माता जो अपनी सफलताओं पर इतराते हैं इस दक्षिण भारतीय फिल्म की सफलता के आगे अपने आपको बौना समझ रहे हैं। खान-कुमार-रोशन को अपनी ऊंचाई कम लग रही है। इस फिल्म में बॉलीवुड का कोई स्टार नहीं है, न कोई गाना हिट हुआ, न इसके कलाकार टीवी और शहर-शहर नजर आए बावजूद इस फिल्म ने ऐतिहासिक सफलता हासिल कर सारे समीकरण ध्वस्त कर दिए। फिल्म के हिंदी वर्जन ने लगभग 511 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है। इस आंकड़े तक अब तक कोई भी हिंदी फिल्म नहीं पहुंची है। सारे वर्जन ने मिलाकर 1500 करोड़ से भी ज्यादा का कलेक्शन किया है। इससे साबित होता है कि यदि फिल्म 'क्लिक' कर जाए तो व्यवसाय ऐतिहासिक हो सकता है। इस फिल्म के अलावा और कोई भी फिल्म ब्लॉकबस्टर नहीं हुई। सलमान खान की 'टाइगर जिंदा है' से उम्मीद है कि वो इस श्रेणी में शामिल हो जाएगी, लेकिन इसके लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। 
 
सुपरहिट फिल्में :
गोलमाल अगेन ने 200 करोड़ से ज्यादा का कलेक्शन किया और रोहित शेट्टी ने फिर साबित किया कि वे दर्शकों की नब्ज अच्छी तरह जानते हैं। यदि यह फिल्म दिवाली पर प्रदर्शित नहीं हुई होती तो इतना कलेक्शन मुश्किल था। अक्षय कुमार की 'टॉयलेट एक प्रेम कथा' और 'जॉली एलएलबी 2' भी सुपरहिट रही। कम लागत के कारण ये इस श्रेणी में शामिल हुईं। इन दोनों फिल्मों का व्यवसाय सवा सौ करोड़ के आसपास रहा। अक्षय ने अलग तरह की फिल्में की और कामयाबी पाईं। वर्ष के अंत में रिलीज 'फुकरे रिटर्न्स' भी सुपरहिट रही। इसमें कोई सितारा नहीं है। ब्रैंड फुकरे अब बड़ा बन गया है। बद्रीनाथ की दुल्हनिया को भी दर्शकों ने हाथों-हाथ लिया।  
 
हिट फिल्में :
जुड़वा 2 को छोड़ दिया जाए तो इस श्रेणी में शामिल अन्य फिल्में अपने कंटेंट के बलबूते पर हिट रहीं। जुड़वा 2 को मसाला फिल्ममेकर डेविड धवन ने तमाम मसालों के साथ बनाया और दर्शाया कि अभी भी वे हिट बना सकते हैं। सीक्रेट सुपरस्टार, तुम्हारी सुलु, न्यूटन, शुभ मंगल सावधान, लिपस्टिक अंडर माय बुरका और हिंदी मीडियम भी हिट रहीं। इन फिल्मों की कामयाबी बताती है कि अच्छी फिल्मों के लिए भी दर्शक मौजूद हैं। खासतौर पर बड़े शहरों के मल्टीप्लेक्सेस में इन फिल्मों का व्यवसाय उम्दा रहा। इन फिल्मों की सफलता ने अच्छी फिल्म बनाने वालों का उत्साहवर्धन किया है। 
 
औसत फिल्में :
इस श्रेणी में शामिल फिल्मों ने लागत पर थोड़ा मुनाफा कमाया। कुछ को सैटेलाइट राइट्स ने बचाया, जैसे कि इत्तेफाक। रईस और काबिल जैसी बड़े स्टार्स की फिल्में भी इसी श्रेणी में शामिल हैं क्योंकि इन फिल्मों के निर्माताओं ने तो भरपूर मुनाफा कमाया, लेकिन कुछ वितरकों को घाटा हुआ है। सचिन: ए बिलियन ड्रीम्स जैसी डॉक्यूड्रामा भी इसमें शामिल है। बरेली की बर्फी, मॉम, द गाजी अटैक (डब) और हाफ गर्लफ्रेंड ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन रफ्तार कायम नहीं रख पाई। फिर भी कुछ मुनाफा जरूर कमाने में सफल रही। 
 
फ्लॉप फिल्में:
सूची तो बहुत लंबी है, लेकिन बात की जा रही है उन फिल्मों की जिनसे बहुत ज्यादा उम्मीद थी। शाहरुख खान की 'जब हैरी मेट सेजल' बुरी तरह असफल रही। रणबीर कपूर की जग्गा जासूस को दर्शकों ने ठुकरा दिया। सबसे ज्यादा आश्चर्य तो सलमान खान की 'ट्यूबलाइट' पर है। सलमान ने मुनाफा कमाया, लेकिन वितरकों को नुकसान हुआ। दरियादिल सलमान ने उनकी कुछ रकम लौटाई। छोटे परदे के बड़े स्टार कपिल शर्मा की फिरंगी मामूली फिल्म साबित हुई। रंगून और राब्ता जैसी फिल्मों की असफलता ने तो इससे जुड़े लोगों के खून के आंसू निकलवा दिए। मुन्ना माइकल और ए जेंटलमैन भी टांय-टांय फिस्स साबित हुए। महिला प्रधान फिल्में बेगम जान, हसीना पारकर, सिमरन, नूर, नाम शबाना, अनारकली ऑफ आरा, फिल्लौरी भी दर्शकों को रिझा नहीं पाईं। 80 और 90 के दशक के चमकते सितारे सनी देओल (पोस्टर बॉयज़), संजय दत्त (भूमि) और गोविंदा (आ गया हीरो) की फिल्मों को अब कोई नहीं पूछता। सितारा जड़ित 'बादशाहो' भी प्यादा साबित हुई। करीब करीब सिंगल, बैंक चोर, सरकार 3, मेरी प्यारी बिंदू, कैदी बैंड, मशीन, ओके जानू को दर्शकों का प्यार नहीं मिला। प्रियंका चोपड़ा और दीपिका पादुकोण की हॉलीवुड मूवीज़ को भी दर्शकों ने ठेंगा दिखा दिया। 
 
सितारों की चमक :
ट्यूबलाइट फ्यूज होने से सफलता के आसमान में उड़ रहे सलमान झटका खा गए। उन्हें भी समझ में आ गया कि 'स्टारडम' के नाम पर कुछ भी फिल्म देने से काम नहीं चलेगा। शाहरुख खान की सितारा छवि को 'रईस' और 'जब हैरी मेट सेजल' ने धक्का पहुंचाया। आमिर खान 'सीक्रेट सुपरस्टार' में छोटे रोल में नजर आए और सराहना प्राप्त की। रितिक रोशन बेहद काबिल हैं, लेकिन 'काबिल' को सफलता नहीं दिला पाए। अक्षय कुमार का चमकीला सफर दो सुपरहिट फिल्म के साथ इस वर्ष भी जारी रहा। अजय देवगन को लंबे समय बाद 'गोलमाल अगेन' के रूप में सफलता हाथ लगी। बादशाहो असफलता लेकर आई। युवा सितारों में वरुण धवन ने अपना कद और बड़ा लिया। जुड़वा 2 और बद्रीनाथ की दुल्हनिया सफल रही। अब तो वे अपने नाम पर आरंभिक दिनों में अच्छी खासी भीड़ जुटा लेते हैं। रणबीर कपूर और सफलता के बीच 36 का आंकड़ा चल रहा है। रणवीर सिंह की कोई फिल्म नहीं आई। सिद्धार्थ मल्होत्रा और अर्जुन कपूर लड़खड़ा रहे हैं, लेकिन अभी उनमें दम है। मुन्ना माइकल ने टाइगर श्रॉफ को भी झटका दे दिया। राजकुमार राव और आयुष्मान खुराना भी हिट फिल्म देने लगे हैं। इरफान खान और नवाजुद्दीन सिद्दीकी का दायरा भी बढ़ता जा रहा है। कलाकार तो वे बड़े हैं ही अब टिनी स्टार भी बन गए हैं। सैफ अली खान, शाहिद कपूर, सुशांत सिंह राजपूत, आदित्य राय कपूर, फरहान अख्तर, इमरान हाशमी की स्थिति कमजोर होती जा रही है। इनमें से कुछ के पास वापसी का मौका है जबकि कुछ के पैरों तले की जमीं खिसक गई है। सनी देओल, संजय दत्त, गोविंदा अब थके-मांदे नजर आते हैं।  
 
परदे की परियां :
बॉलीवुड को अभिनेत्रियों की सख्त जरूरत है। लंबे समय से कोई नई स्टार हीरोइन नहीं मिली है। प्रियंका चोपड़ा तो हॉलीवुड में व्यस्त हैं। उनकी एक हॉलीवुड मूवी रिलीज हुई और फ्लॉप रही। करीना कपूर खान मां बन चुकी हैं और अब सिलेक्टेड मूवी ही करेंगी। दीपिका पादुकोण का सारा वक्त 'पद्मावती' में बीता, लेकिन फिल्म इस वर्ष रिलीज नहीं हुई। कैटरीना कैफ  इस स्थिति का फायदा उठा रही हैं और एक बार फिर उन्होंने अपना करियर मजबूत कर लिया है। जैकलीन फर्नांडीस सिर्फ ग्लैमर डॉल हैं और उनसे एक्टिंग की उम्मीद करना ज्यादती है। हिट फिल्मों का हिस्सा बन कर वे खुश हैं। आलिया भट्ट ने अपनी रफ्तार थोड़ा धीमी कर दी है। कृति सेनन ने बरेली की बर्फी के जरिये करियर में मिठास हासिल कर ली। भूमि पेडनेकर ने दो हिट फिल्में इस वर्ष दीं और इससे उनको फायदा मिलना निश्चित है। सोनाक्षी सिन्हा का बुरा दौर जारी है। विद्या बालन ऐसी ही फिल्में करती हैं जिनमें उनके लायक कुछ हो। उनकी तुम्हारी सुलु कामयाब रही। अनुष्का शर्मा के करियर में इस साल कुछ खास नहीं रहा। शादी करना उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि रही। श्रद्धा कपूर की तीन फिल्में आईं और उन्हें पीछे ले गईं। कंगना रनौट का बड़बोलापन भी उनकी फिल्मों को डूबने से नहीं बचा पाया। बेहतर है कि वे काम पर ध्यान दें। रिचा चड्ढा को फुकर रिटर्न्स के जरिये बड़ी सफलता हाथ लगी। 
 
कुल मिलाकर यह साल बॉलीवुड के लिए निराशाजनक रहा। उम्मीद है कि 2018 बेहतर साबित होगा। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

गुलमर्ग फिर बनने लगा टूरिस्टों का बेस्ट डेस्टिनेशन...