Dharmendra Birthday: जब भी बॉक्स ऑफिस हिट की बात की जाती है तो राजेन्द्र कुमार, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान जैसे सितारों की चर्चा चल पड़ती है और धर्मेन्द्र पीछे छूट जाते हैं। बॉलीवुड के 'ही-मैन' की उपलब्धियों के बारे में लोग कम जानते हैं। उन पर ज्यादा किताबें नहीं लिखी गई हैं। वे मीडिया में आकर बड़े-बड़े दावे नहीं करते। अपनी उपलब्धियों का ढिंढोरा नहीं पीटते। बल्कि इन सब बातों से बचते हैं।
बात श्रेय लेने की आती है तो धर्मेन्द्र पीछे हट जाते हैं। अपनी तारीफ सुन शरमा जाते हैं। चर्चा में बने रहना उन्हें आता ही नहीं, जबकि सफल फिल्मों की बात की जाए तो वे सारे स्टार्स, सुपरस्टार्स से मीलों आगे खड़े नजर आते हैं। क्या आप यकीन करेंगे, धर्मेन्द्र ने 100 से ज्यादा ऐसी फिल्में दी हैं जिनसे भरपूर मुनाफा कमाया गया है। इनमें से लगभग 60 फिल्में जुबिली हिट्स हैं।
आज किसी की दो-चार फिल्में हिट हो जाती हैं तो उसके पैर जमीं पर नहीं पड़ते। अपने आपको सुपरस्टार समझने लगता है, लेकिन सफल फिल्मों का शतक बनाने वाले धर्मेन्द्र आज भी जमीन से जुड़े हैं। विनम्र हैं। सफलता का सारा श्रेय अपने माता-पिता, प्रशंसकों और ऊपर वालों को देते हैं।
जब धर्मेन्द्र का दौर था तो उनकी फिल्मों से फिल्म निर्माता, वितरक, सिनेमाघर मालिक से लेकर साइकल स्टैंड और कैंटीन वाले तक ने खूब कमाया। धर्मेन्द्र की फिल्में देश के बड़े शहरों के अलावा भीतरी इलाकों तक दमदार बिज़नेस करती थीं। इस समय पूरे भारत में हिट फिल्म देने वाले सितारे बचे नहीं हैं। किसी की फिल्म पंजाब में अच्छा करती है तो किसी की बंगाल में, लेकिन धर्मेन्द्र की फिल्में पूरे भारत में खूब चलती थीं। उनकी फिल्मों की रिपीट रन वैल्यू भी खूब थी।
उनकी सफल फिल्में एक ही शहर में 10 से 15 बार तक रिलीज की गई और हर बार मुनाफा कमा कर इन फिल्मों ने दिया। कई बार उनकी नई फिल्म के साथ दस साल पुरानी फिल्म भी सिनेमाघरों में चलती रहती थी। करोड़ों रुपये उनकी फिल्मों ने कमा कर लोगों की तिजोरियां भर दी, लेकिन धर्मेन्द्र ने कभी भी इन बातों का कोई उल्लेख नहीं किया।
धर्मेन्द्र का दौर बतौर हीरो बहुत लंबा चला। 1960 में उनकी पहली फिल्म प्रदर्शित हुई थी और वे आगामी 40 सालों तक बतौर हीरो बन कर दर्शकों के दिलों पर राज करते रहे। धर्मेन्द्र के नाम पर दर्शक थिएटर में आते थे तभी तो फिल्म निर्माता उनके नाम पर पैसा लगाते थे, वरना उगते सूरज को सलाम करने वाले बॉलीवुड में कौन भला ऐसा करता। एक दौर ऐसा भी आया जब धर्मेन्द्र और उनके बेटे सनी देओल, दोनों हीरो बन कर फिल्मों में आते रहे और वर्षों तक युवा सनी से अनुभवी धर्मेन्द्र सफलता और पारिश्रमिक के मामले में आगे रहे।
धर्मेन्द्र हमेशा दिल से सोचने वाले शख्स रहे हैं। पैसों के बजाय प्यार और रिश्तों को ज्यादा महत्व दिया। सफल होने के बावजूद ज्यादा पैसे फिल्म निर्माताओं से नहीं मांगे। कई छोटे-मोटे निर्माताओं की फिल्में भी कर डाली भले ही उन फिल्मों में उनकी भूमिका महत्वहीन रही हो या वो बी ग्रेड फिल्में रही हों। धर्मेन्द्र ने यह सोच कर इन फिल्मों में काम किया कि यदि उनके नाम से उसका फायदा हो जाता है तो फिल्म करने में कोई बुराई नहीं है।
धर्मेन्द्र का यह रिकॉर्ड तोड़ पाना किसी के बस की बात नहीं है। अब तो एक-दो हिट देने में ही हीरो की सांसें फूल जाती हैं, 100 फिल्म तो दूरी की कौड़ी है। शाहरुख, सलमान, अक्षय अभी भी मीलों पीछे हैं और धर्मेन्द्र जितनी सफल फिल्म देना उनके बस की बात नहीं लगती।