Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

फादर्स डे पर देखें पिता-संतान के रिश्ते को बयां करने वाली बॉलीवुड की ये फिल्में

हमें फॉलो करें फादर्स डे पर देखें पिता-संतान के रिश्ते को बयां करने वाली बॉलीवुड की ये फिल्में
, रविवार, 21 जून 2020 (06:27 IST)
बॉलीवुड में पिता और उसकी संतान के रिश्ते पर कई शानदार फिल्में बनी हैं। इस रिश्ते के तनाव, दोस्ताना व्यवहार और खूबसूरती को फिल्मों में बेहतरीन तरीके से उकेरा गया है। पेश है चुनिंदा 8 फिल्में, जिनमें यह रिश्ता इस तरह से पेश किया गया कि दर्शकों को आज भी याद है। 
 
मुगल ए आजम (1960)
निर्देशक : के. आसिफ 
बेटे की मोहब्बत के बीच दीवार बन कर पिता खड़ा हो जाता है। बेटा बगावत का बिगुल बजा देता है। बेटे की मोहब्बत और पिता के साथ तनाव को इस फिल्म में बेहद खूबसूरती के साथ गूंथा गया है। दिलीप कुमार, मधुबाला और पृथ्वीराज कपूर के सशक्त अभिनय से सजी यह फिल्म संगीत के मामले में भी कमाल की है। 60 साल बाद भी फिल्म की ताजगी बरकरार है। भारत की महान फिल्मों में से एक। 
 
शक्ति (1982)
निर्देशक : रमेश सिप्पी 
भारत के दो महान अभिनेता दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन एक साथ। बेटे को शिकायत है कि पिता उसे प्यार नहीं करता क्योंकि पिता फर्ज और बेटे में से फर्ज को ऊपर रखता है। पिता का प्यार अबोला है और बेटे को शिकायत है कि उसके प्रति प्यार का इजहार नहीं किया जाता। पिता पुलिस में है तो बेटा अपराध की राह पर चल पड़ता है। एक और पिता-पुत्र का रिश्ता और दूसरी ओर फर्ज, इस संतुलन को फिल्म में बखूबी दिखाया गया है। 
 
मासूम (1983) 
निर्देशक : शेखर कपूर 
यहां पिता और पुत्र का अजीब रिश्ता था। बरसों बाद पिता को पता चलता है कि उसका एक बेटा है। वह उसे अपने घर लाता है जहां उसकी पत्नी, दूसरी मां के बेटे को स्वीकारने में हिचकती है। बाप-बेटे अजीब दुविधा में फंसे रहते हैं। नसीरुद्दीन शाह और शबाना आजमी का शानदार अभिनय और आरडी बर्मन का मधुर संगीत फिल्म की खासियत हैं। 
 
पा (2009)
निर्देशक : आर बाल्की 
प्रोजेरिया से पीड़ित एक बच्चा अपने पिता से दूर है। पिता से वह मुलाकात करता है, लेकिन पिता को पता नहीं है कि वह उसी का बेटा है। धीरे-धीरे दोनों में दोस्ती बढ़ती है और फिल्म कई इमोशनल उतार-चढ़ाव लेती है। खास बात यह है कि इसमें रियल लाइफ पिता-पुत्र फिल्में में पुत्र-पिता बने हैं, यानी अमिताभ बच्चन के पिता की भूमिका में अभिषेक बच्चन हैं। अमिताभ बच्चन और विद्या बालन का अभिनय देखने लायक है। 
 
उड़ान (2010) 
निर्देशक : विक्रमादित्य मोटवानी 
ए​क टीन एज लड़के और उसके सख्त पिता के बीच रिश्तों की शानदार झलक देखने को मिलती है। इस तरह की ‍फिल्में हिंदी सिनेमा में कम ही नजर आई है। वयस्क होते लड़के की उत्सुकताएं और कड़क पिता को फिल्म में बखूबी दर्शाया है। 
 
पीकू (2015)
निर्देशक : शूजीत सरकार 
पिता-पुत्री के रिश्ते पर हिंदी में कम ही फिल्में बनी हैं। पीकू इस रिश्ते पर बनी एक बेहतरीन फिल्म है। पिता वृद्ध और बीमार है। वह नहीं चाहता कि उसकी बेटी शादी करे, वरना उसकी देखभाल कौन करेगा? पिता और बेटी में कई रोचक नोक-झोक होती रहती है जो इस फिल्म की खूबसूरती है। अमिताभ, दीपिका और इरफान जैसे बेहतरीन कलाकारों का अभिनय फिल्म का बोनस पाइंट है। 
 
दंगल (2016) 
निर्देशक : नितिश तिवारी
पिता अपनी वाली पर आ जाए और बच्चे उसकी बात मान ले तो क्या कमाल हो सकता है यह दिखाया है दंगल में। बेटे की चाह में बेटियां हो जाती है, लेकिन बाद में समझ आता है कि बेटियां, बेटे से कम नहीं होती। तब यह बात वो पूरे जमाने को साबित कर दिखाता है। आमिर खान के करियर की सबसे बड़ी हिट फिल्म। 
 
102 नॉट आउट (2018) 
निर्देशक : उमेश शुक्ला
फिल्म का कंसेप्ट ही मजेदार है जिसमें 102 वर्षीय पिता अपने 76 वर्षीय बेटे को वृद्धाश्रम में दाखिल करने की सोच रहा है। बेटे ने बुढ़ापे को दिल से कुछ ज्यादा ही लगा लिया है जबकि 102 वर्षीय पिता खुशमिजाज और जिंदगी के हर क्षण का मजा लेता है। पिता-पुत्र के इस अनोखे रिश्ते को मजाकिया अंदाज में दिखाया और फिल्म सकारात्मक रहने का संदेश भी देती है। अमिताभ और ऋषि कपूर का अभिनय देखने लायक। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Shri Krishna 20 June Episode 49 : श्रीकृष्‍ण सुनते हैं राम वनगमन और दशरथ वियोग की कथा