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जब नवाजुद्दीन सिद्दीकी को समझा गांव वाला

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अपने दमदार अभिनय के कारण दर्शकों के दिलों में जगह बना चुके बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी के साथ हुआ एक मजेदार वाकया सामने आया है। उनकी खासियत यह है कि वे अपने किरदार में इतने उतर जाते हैं कि वास्तविक प्रतीत होने लगते हैं। हाल ही में हुई एक घटना ने यह साबित कर कर दिया कि नवाजुद्दीन अपने किरदार में ऑन स्क्रीन जितने रियल लगते हैं ऑफ स्क्रीन भी उतने ही वास्तविक नजर आते हैं।


हुआ यूं कि नवाजुद्दीन जब इम्तियाज अली की फिल्म ‘देख इंडियन सर्कस’ के एक रोल के लिए तैयार होकर आए तो वहां मौजूद स्टाफ उन्हें पहचान ही नहीं पाया। नवाजुद्दीन अपने किरदार में इतने उतर जाते हैं कि देखने वाले को वे वास्तविक लगने लगते हैं। ऎसी ही घटना तब हुई जब नवाजुद्दीन राजस्थानी वेशभूषा में तैयार होकर गांव वाले के रूप में सेट्स पर आए। वे इतने वास्तविक प्रतीत हो रहे थे कि, सेट्स पर लंच ब्रेक के दौरान वहां मौजूद स्टाफ सदस्य उन्हें पहचान नहीं पाए और गांव वाला समझ बैठे।

इस वाकये को अपने अनूठे अंदाज में बयान करते हुए नवाजुद्दीन ने कहा कि मैं कैरेक्टर में आने के लिए धोती - कुर्ता और गहने पहनकर राजस्थानी वेशभूषा में तैयार हुआ था। मैं इतना वास्तविक लग रहा था कि लंच टेबल के स्टाफ मेंबर को लगा कि मैं कोई स्थानीय ग्रामीण हूं। मेंबर मुझे खाना देने से मना करते हुए धक्के मार कर बाहर निकालने लगा।

इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नवाजुद्दीन ने कहा कि एक सामान्य स्थिति में अगर इस तरह का कोई वाकया बॉलीवुड स्टार के साथ हो जाए तो वे नाराज ही हो जाएं। परंतु मैं यह जानकर खुश था कि मैं अपने किरदार में कितना वास्तविक लग रहा हूं।

ग्रामीण भारत के आर्थिक विकास पर आधारित यह फिल्म ‘देख इंडियन सर्कस’ को 6 नेशनल फिल्म अवार्डस मिल चुके हैं। फिल्म को मिले अवार्डस में बेस्ट चिल्ड्रन फिल्म, ज्यूरी स्पेशल अवार्ड, बेस्ट चाइल्ड एक्टर, ज्यूरी स्पेशल मेंशन, बेस्ट लिरिक्स और बेस्ट सिंगर का अवार्ड शामिल है।

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