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16 Years Of Dhoom: ‘रिलीज से पहले ही आदित्य चोपड़ा ने कहा था- सीक्वल की तैयारी कर लो’

हमें फॉलो करें 16 Years Of Dhoom: ‘रिलीज से पहले ही आदित्य चोपड़ा ने कहा था- सीक्वल की तैयारी कर लो’
, गुरुवार, 27 अगस्त 2020 (18:59 IST)
राइटर-डायरेक्टर विजय कृष्णा आचार्य ने बॉलीवुड की सबसे कामयाब फ्रेंचाइजी धूम सीरीज लिखी और निर्देशित की है। ‘विक्टर’ विजय कृष्णा ने ‘धूम’ की 16वीं सालगिरह पर बताया कि वो और फिल्म के प्रोड्यूसर आदित्य चोपड़ा पहली फिल्म ‘धूम’ को मिले माइंड ब्लोइंग रिएक्शन को देखकर आश्चर्यचकित थे। हालांकि, आदित्य ने फिल्म की रिलीज से पहले ही विक्टर को सीक्वल की तैयारी करने के ‍लिए कह दिया था।

‘धूम 3’ में आमिर खान को डायरेक्ट करने से पहले फ्रेंचाइजी की दो फिल्में लिख चुके विक्टर कहते हैं कि ‘एक लेखक के तौर पर आप हमेशा यही चाहते हैं कि आपके काम को सराहा जाए और मैं अक्सर व्यावसायिक पहलू से अनजान रहता हूं। मुझे लगता है कि सभी फिल्में पहले क्रिएटिव एंटरप्राइज होती हैं और उसका बिजनेस महज एक बाय-प्रोडक्ट है। लेकिन हम सभी को फिल्म (पहली धूम) को मिले रिस्पॉन्स से सुखद आश्चर्य हुआ था।’

विक्टर आगे बताते हैं कि ‘हम स्क्रिप्ट की स्टेज पर ही कॉन्फीडेंट थे कि यह फिल्म एक इंटरटेनर है। यह एक ऐसी फिल्म थी जो ज्यादा सीरियस नहीं थी और शायद इसी चीज ने युवा दर्शकों का दिल जीत लिया। इसके साथ-साथ फिल्म की कामयाबी में एक्शन की एनर्जी तथा प्रीतम के ‘धूम मचा ले' सॉन्ग’ का यकीनन बहुत बड़ा हाथ था। आदि ही वह इकलौते शख्स थे, जिन्हें फिल्म के सीक्वल की संभावना दिखी थी। उन्होंने फिल्म के रिलीज से पहले ही मुझे एक मेल भेजा और कहा था- सीक्वल के बारे में सोचिए।’

एक मोरैलिटी वाला विलेन बनाना विक्टर का चतुराई भरा शानदार आइडिया था। वह बताते हैं कि ‘धूम की दुनिया असल मायने में किसी विलेन की नहीं, एक एंटी-हीरो की दुनिया है। पहली धूम में एंटी-हीरो एक रिबेल है। भले ही वह चोर है, लेकिन उसका व्यक्तित्व मूल तौर पर एक बागी का है। फिल्म में यूथ, बाइक और इनर्जी थी, इनमें से कुछ भी पहले से प्लान नहीं किया गया था। बैंक डकैतों द्वारा प्रतिष्ठानों का मजाक बना कर रख देने वाली बात एक ऐसा सूत्र है, जो धूम सीरीज की सभी फिल्मों में दिखा है।’

वह आगे कहते हैं कि ‘फिल्म में हीरो एक एंटी-हीरो है और वह हमेशा पारंपरिक दस्तूरों की दुनिया से परे निकल जाता है। समाज का हिस्सा होते हुए भी उसका अस्तित्व इसके बाहर है, जैसे धूम का कबीर और धूम 3 का साहिर। इनकी असाधारण क्षमताओं और अक्सर अपनी जिंदगी को खतरे में डालने वाली प्रवृत्ति ने इन किरदारों को लार्जर दैन लाइफ बना दिया।’

विक्टर से यह पूछने पर कि अब धूम फ्रेंचाइजी की किसी फिल्म को डायरेक्ट करना उनके लिए खुशी की बात होगी या दबाव महसूस करेंगे, क्योंकि अपेक्षाएं अब आसमान पर हैं। वह जवाब देते हैं कि ‘फिल्म डायरेक्ट करना यकीनन मेरा सौभाग्य होगा लेकिन मुझे यह भी पता है कि फ्रेंचाइजी की हर अगली फिल्म के साथ इस जॉनर को नया रूप देना मुश्किल होता जाएगा। मुझे आदि की वह बात याद आती है जो उन्होंने ‘धूम 2’ की स्क्रिप्ट लिखते वक्त कही थी कि केवल फ्रेंचाइजी को आगे बढ़ाने के लिए कोई धूम नहीं बनानी चाहिए। इसे तभी बनाना चाहिए जब हम इस फिल्म को किसी भी सूरत में बनाते, चाहे इसका नाम धूम हो या नहीं। मुझे लगता है कि हम अभी तक उस सिद्धांत पर टिके रहने में सफल रहे हैं।’

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