असहिष्णु मुद्दे को लेकर आमिर खान के विचार लोगों को पसंद नहीं आए और उनकी लोकप्रियता में गिरावट आई। शायद इसी बात का नतीजा है कि आमिर किसी भी उत्पाद के ब्रांड एम्बेसेडर नहीं हैं। उनकी झोली विज्ञापन से खाली है। कोई नया करार नहीं हुआ है। अनुबंध को आगे नहीं बढ़ाया गया है। कंपनियां आगे नहीं आ रही हैं या आमिर विज्ञापन नहीं करना चाह रहे हैं, स्थिति स्पष्ट नहीं है। शाहरुख-सलमान की तुलना में विज्ञापनों की दुनिया में तो आमिर पिछड़ गए हैं।