जोधपुर जिला एवं सत्र अदालत ने 18 साल बाद बॉलीवुड एक्टर सलमान खान के खिलाफ आर्म्स लाइसेंस से संबंधित झूठा हलफनामा देने के मामले में अपना फैसला सुना दिया है। जोधपुर कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से सलमान के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है।
काला हिरण शिकार मामले में राजस्थान में जोधपुर जिला और सत्र न्यायालय ने सरकार की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि सलमान खान ने शस्त्र अधिनियम के संबंध में गलत हलफनामा पेश किया था। इस फैसले को सुनने के लिए सलमान वर्चुअल रूप से कोर्ट में उपस्थित रहे।
बता दें कि बीते मंगलवार को इस मामले में बहस पूरी हो गई थी, जिस पर न्यायाधीश राघवेंद्र कच्छवाला ने 11 फरवरी के लिए आदेश को सुरक्षित रख लिया था। सलमान खान के खिलाफ दर्ज आईपीसी की धारा 193 के तहत 7 साल की सजा का प्रावधान है।
दरअसल, निचली अदालत ने जून 2019 में खान को एक गलत हलफनामा दायर करने के आरोप में दोषमुक्त कर दिया था, लेकिन राज्य सरकार ने इस आदेश के खिलाफ जिला एवं सत्र न्यायालय में एक अपील दाखिल की थी। अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया था कि उन्होंने एक गलत हलफनामा प्रस्तुत किया था, क्योंकि उनका लाइसेंस खोया नहीं था, बल्कि नवीकरण के लिए प्रस्तुत किया गया था।
काला हिरण शिकार मामले में दोषी ठहराए जाने के खिलाफ अपनी अपील की सुनवाई के लिए सलमान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जोधपुर सेशन कोर्ट में पेश हुए थे। उनके वकील हस्तीमल सारस्वत ने कोर्ट को बताया कि 8 अगस्त 2003 को गलती से हलफनामा कोर्ट में पेश कर दिया गया, जिसके लिए अभिनेता को माफ कर दिया जाए।