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'दोस्ती अनोखी' के एक्टर राजेंद्र गुप्ता बोले- सच्चा रिश्ता तो उम्र और लिंग से होता है परे

हमें फॉलो करें 'दोस्ती अनोखी' के एक्टर राजेंद्र गुप्ता बोले- सच्चा रिश्ता तो उम्र और लिंग से होता है परे
, शुक्रवार, 4 मार्च 2022 (10:38 IST)
सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के नए शो 'जगन्नाथ और पूर्वी की दोस्ती अनोखी' ने अपनी दिल छू लेने वाली कहानी के साथ दर्शकों में खासी दिलचस्पी जगा दी है, जिसमें रिश्तों को एक नए नजरिए से दिखाया जा रहा है। जिंदगी के कुछ अनमोल पलों को समेटता यह शो जगन्नाथ मिश्रा नाम के एक बुजुर्ग इंसान की कहानी है, जिन्हें एक अजनबी से दोस्त बनी युवा पूर्वी के जरिए अपनी जिंदगी का खोया हुआ मकसद मिल जाता है।

 
इस शो के वर्तमान ट्रैक में दिखाया जा रहा है कि किस तरह पूर्वी जगन्नाथ और कुसुम के प्रति आभार जता रही है, जिन्होंने उसके मां-बाप के सामने उसका साथ दिया था। पूर्वी उनके घर के काम में हाथ बंटाने लगती है, लेकिन सब गड़बड़ कर देती हैं। यह देखकर जगन्नाथ सोच में पड़ जाते हैं कि आखिर इस लड़की का क्या किया जाए। 
 
आने वाले ट्रैक में दर्शक देखेंगे कि पेंशन ऑफिस का एक कर्मचारी जगन्नाथ मिश्रा की बेइज्जती करता है। इस बात का उन पर बुरा असर पड़ता है और वो निराश हो जाते हैं। पूर्वी उनके अपमान के लिए खराब महसूस करती है क्योंकि वो एक सीनियर सिटीज़न हैं। इसके बाद पूर्वी यह मामला अपने हाथ में ले लेती हैं।
 
इस शो में जगन्नाथ मिश्रा का प्रमुख किरदार निभा रहे जाने-माने एक्टर राजेंद्र गुप्ता अपनी प्रतिभा और सादगी के लिए जाने जाते हैं, जिसे वो पर्दे पर बखूबी प्रस्तुत करते हैं। इस एक्टर का मानना है कि इस शो के विचार की तरह ही सच्ची दोस्ती और सच्चे रिश्ते उम्र और लिंग से परे होते हैं।
 
इस बारे में बताते हुए एक्टर राजेंद्र गुप्ता कहते हैं, अक्सर हमारे सबसे अच्छे दोस्त वो होते हैं, जिन्हें लेकर हमें कोई उम्मीद नहीं होती। लोग हमारी जिंदगी में आते हैं और शुरुआत में उथल-पुथल मचाते हैं, लेकिन फिर हमें उनसे एक नाता महसूस होता है और हमारे बीच एक रिश्ता बन जाता है, और इससे पहले कि आप समझ पाएं, वे हमारी जिंदगी में पूरी तरह शामिल हो जाते हैं। 
 
उन्होंने कहा, सच्चे दोस्त वो होते हैं, जो हमारा साथ दें, हमारे साथ वक्त बिताएं, हमें हंसाएं और हमें ऐसी चीजें सिखाएं, जो हमें सीखने की जरूरत है। यह बड़ी दोस्ती खूबसूरत होती है, जिसकी हम योजना नहीं बनाते। इसी तरह इस शो में पूर्वी इस बुजुर्ग दंपति की जिंदगी में नई बहार लेकर आती है, जो अपनी जिंदगी के पतझड़ से गुजर रहे हैं। वो जगन्नाथ और कुसुम के लिए एक अजनबी है, लेकिन धीरे-धीरे उन्हें चाहने लगती है और उन्हें अपने परिवार की तरह मानने लगती है। 
 
इस शो का आगामी ट्रैक एक खूबसूरत पल दिखाएगा, जहां पूर्वी को इस बुजुर्ग दंपति के लिए बुरा लगता है। वो जगन्नाथ के लिए आवाज उठाती है, जिन्हें उनके बुजुर्ग होने पर पेंशन ऑफिस का एक कर्मचारी अपमानित करता है। पूर्वी भले ही जगन्नाथ के लिए अजनबी हो, लेकिन फिर भी वो उनके सम्मान के लिए लड़ती है। वैसे, रिश्ते उम्र या लिंग के आधार पर तय नहीं किए जाने चाहिए। सच्ची दोस्ती और रिश्ते तो इन सारी बातों से परे होते हैं।
 

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