बॉलीवुड एक्ट्रेस ईशा गुप्ता की हाल ही 'बादशाहो' आई है। ईशा को अक्सर ऐसा लगता है कि अगर उनका सरनेम कुछ और होता तो चीजें अलग होतीं।
31 वर्षीय इस अभिनेत्री ने 2012 में 'जन्नत 2' के साथ बॉलीवुड में शुरुआत की थी। उसके बाद उन्होंने और 3-4 फिल्में कीं। ईशा ने कहा कि जो काम मैंने अब तक किया है, मुझे उस पर गर्व है। यह यात्रा कठिन थी, लेकिन मैंने अपने दम पर रास्ता बनाया है। मेरी इच्छा है कि कोई हो, जो मेरे लिए ही फिल्म बनाए।
कभी आप सोचते हैं कि 'काश कि मेरा यह सरनेम न होते हुए कुछ और होता!' ईशा के कहने का मतलब किसी फिल्मी सितारे के बच्चे के सरनेम से था। ईशा के पापा एयरफोर्स में थे। वे जहां भी ट्रांसफर होकर जाते थे, वहां नए दोस्त बनते थे लेकिन उन्हें हमेशा आउटसाइडर वाली भावना आती थी और यही भावना उन्हें बॉलीवुड इंडस्ट्री में रहकर भी आती है।
ईशा ने बताया कि मुझे लगता है कि मैं अभी भी एक बाहरी व्यक्ति हुं। मुझे अभी भी कुछ सो-कॉल्ड इंडस्ट्री पीपल के व्यवहार से यह पता लग जाता है। मैं उन्हें ब्लैम नहीं करती, क्योंकि मैंने उनका हिस्सा बनने की कोशिश नहीं की और मैं यह चाहती भी नहीं हुं।
उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि मुझे अधिक काम पाने के लिए और बाहर जाना चाहिए। मुझे नहीं पता कि यह कैसे काम करता है, मैं बाहर नहीं जाती, मैं बस नहीं कर सकती ऐसा। मैं काम पाने के लिए किसी से मीठी बातें नहीं कर सकती, न ही उनके आगे-पीछे घूम सकती हुं। अगर मुझे पसंद नहीं करते, तो मुझे काम मत दो।
'बादशाहो' के बारे में ईशा कहती हैं कि इस फिल्म में अजय देवगन, इमरान हाशमी और इलियाना डीक्रूज के होने के बावजूद मेरा रोल अच्छा है।