सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन की नॉन-फिक्शन पेशकश शार्क टैंक इंडिया 20 दिसंबर 2021 को हुए अपने प्रीमियर से ही अभूतपूर्व फॉर्मेट के साथ दर्शकों का मनोरंजन करने के साथ-साथ उन्हें शिक्षित भी कर रहा है। यह शो गर्व के साथ 'बदलते भारत की नई सोच' दर्शाता है।
चाहे उद्यमिता इकोसिस्टम को बढ़ावा देने की बात हो, या उद्यमिता का एक परफेक्ट स्टार्टअप क्रैश कोर्स हो, नॉन-स्टॉप सोशल मीडिया परिचर्चा हो, शार्क्स के वायरल वन-लाइनर्स हों या फिर सरकार के सोशल मीडिया हैंडल्स की मीम फेस्ट में हिस्सेदारी हो, शार्क टैंक इंडिया ने यह साबित कर दिया कि इसमें सभी के लिए कुछ ना कुछ है।
हर हफ्ते दर्शकों को चौंकाते हुए यह शो उद्यमिता का जश्न मना रहा है। इसने उभरते एंटरप्रेन्योर्स को फंडिंग और मार्गदर्शन पाने के लिए स्टार्ट-अप इकोसिस्टम के दिग्गज यानी कि शार्क्स के सामने अपने नए-नए बिज़नेस आइडियाज़ प्रस्तुत करने का एक अभूतपूर्व मौका दिया। शार्क्स के ठिकाने पर पहुंचकर कई एंटरप्रेन्योर्स के सपने सच हुए और अब यह शो अपने अंतिम चरण के लिए तैयार है।
इस सीज़न का एक जोरदार समापन करते हुए पहली बार पूरे सात शार्क्स एक साथ नजर आएंगे, जो शार्क टैंक इंडिया के फाइनल वीक में पेश की जाने वाली बिज़नेस पिचेस का आकलन करेंगे। इनमें कुछ ऐसी शानदार पिचेस प्रस्तुत की जाएंगी, जो यकीनन दिलों को जीतने के साथ-साथ शार्क्स से निवेश और मार्गदर्शन भी हासिल करेंगी। इनमें कलर मी मैड, ट्वीकलैब्स, नोमैड फूड प्रोजेक्ट, ट्वी इन वन, ऑन2कुक लिमिटेड और जैन शिकंजी जैसे बिज़नेस वेंचर्स शामिल हैं।
सबसे अंत में सबसे बेस्ट प्रस्तुति देखने को मिलेगी, जहां अनुभवी बिज़नेस इन्वेस्टर, शार्क पीयूष बंसल, जो कि लेंसकार्ट के फाउंडर एवं सीईओ हैं, अपनी अनोखी पिच के साथ शार्क्स को यादों के सफर पर ले जाएंगे। यह वाकई एक दिलचस्प फिनाले होगा, जिसे आपको मिस नहीं करना चाहिए। सभी शार्क्स इस शो में एक आखिरी बार एंटरप्रेन्योर्स को सुनने के लिए तैयार हैं। इस बीच शार्क्स ने इस शो में अपने अब तक के अनुभव के बारे में भी बताया।
नमिता थापर (एमक्योर फार्मास्युटिकल्स की एग्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर) को 'फार-मां' के नाम से भी जाना जाता है, जो इस शो में आने वाले पिचर्स से खासी प्रभावित हुईं। नमिता बताती हैं, यह एक शानदार अनुभव रहा, क्योंकि हम एक नेक पहल में यकीन रखते हैं और मुझे खुशी है कि यह शो घरों में डिनर टेबल पर चर्चा का विषय बन गया। यह लिंगभेद की दीवारों को तोड़कर सभी वर्गों तक पहुंचा।
उन्होंने कहा, हम जो हासिल करने चले थे, वो हासिल कर लिया है और यह बेहद खुशी की बात है। मैं खासतौर पर इस बात को लेकर बेहद खुश हूं कि फंडिंग पाने वाले 48% वेंचर्स महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे हैं! यह एक शानदार आंकड़ा है और मैं इसे लेकर काफी खुश हूं। जहां तक सेलिब्रिटी होने का सवाल है, तो मेरा मानना है कि जब हम अपनी नई आवाज को किसी सही पहल के लिए लगाएंगे, तो हमारा ये सेलिब्रिटी का टैग वाकई कारगर होगा।
अनुपम मित्तल (शादी डॉट कॉम - पीपल ग्रुप के फाउंडर) ने कहा, शार्क टैंक इंडिया ने जिस तरह से सोशल मीडिया का ध्यान खींचा, उससे साबित होता है कि इसने एक बड़ा असर किया है। केबीसी जैसे इंटेलिजेंट शो के बाद, जिसमें लोगों को सीखने को मिलता है, शार्क टैंक दूसरा ऐसा इंटेलिजेंट शो है, जिसमें लोगों की सोच बदलने की काबिलियत है। ऐतिहासिक रूप से देखें तो हम बिज़नेस और बिज़नेसमैन को आशंकित नजरों से देखते हैं। इस सोच को बदलने की जरूरत है। यदि आपको रोजगार चाहिए, तो आपको उद्यमिता का उत्सव मनाने और बिज़नेस पर विश्वास जताने की जरूरत है। इस शो ने हमें सिखाया कि एंटरप्रेन्योर्स को सेलिब्रेट किया जाना चाहिए। जब हम बच्चे थे, तो हम डॉक्टर-डॉक्टर और घर-घर खेलते थे, लेकिन अब मुझे 8 साल के बच्चे का शार्क टैंक खेलते हुए वीडियो मिल रहा है। यह एक बड़ा बदलाव है।
अमन गुप्ता (बोट के को-फाउंडर एवं चीफ मार्केटिंग ऑफिसर) ने भी अपने को-शार्क के विचारों पर सहमति जताते हुए कहा, "जब शार्क टैंक इंडिया की शुरुआत हुई थी, तब स्टार्ट-अप्स की चर्चा डिनर टेबल पर नहीं होती थी। लेकिन अब मेरे पिता भी शार्क की तरह पेश आने लगे हैं और यदि कोई उनसे नए बिज़नेस आइडिया के बारे में बात करता है, तो वो इसमें बड़ी दिलचस्पी लेते हैं। अब लोग एंटरप्रेन्योर्स की तरह सोचने लगे हैं और शार्क्स की तरह व्यवहार करने लगे हैं। मुझे लगता है कि लोगों ने बहुत कुछ सीखा है। हमें इस बात की खुशी कि हम इसमें अपनी छोटी-सी भूमिका निभा सके और स्टार्ट-अप संस्कृति में अपना योगदान दे सके।"